अंतरराष्ट्रीय
पिछले 15 सालों से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख़ हसीना ने विवादास्पद चुनाव में जीत दर्ज कर अपना लगातार चौथा कार्यकाल हासिल कर लिया है.
शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग और उसके सहयोगियों ने 299 संसदीय सीटों में कम से कम 152 सीटें जीत ली हैं. एक उम्मीदवार के निधन के चलते एक सीट पर चुनाव टाल दिया गया था.
देश की मुख्य विपक्षी दल बीएनपी यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और उसके सहयोगियों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया है. इस कारण शेख़ हसीना की पार्टी और सहयोगियों के शेष सीटें भी जीतने की उम्मीद है.
बीएनपी का आरोप है कि मतदान एक दिखावा था. रविवार का परिणाम बीएनपी नेताओं और उनके समर्थकों की सामूहिक गिरफ्तारी के बाद आया.
चुनाव परिणाम आधिकारिक तौर पर सोमवार को घोषित होने की उम्मीद है.
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि मतदान का आंकड़ा बहुत कम रहा और लगभग 40 प्रतिशत ही मतदान हुआ. आलोचकों का तो ये भी कहना है कि ये आंकड़े भी बढ़ाकर बताए गए हैं.
निर्दलीय उम्मीदवारों ने 45 सीटें जीती हैं. बताया जा रहा है कि ये निर्दलीय भी अवामी लीग के ही हैं. वहीं जातीय पार्टी ने आठ सीटें जीती हैं.
पहली बार 1996 से 2001 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख़ हसीना का यह कुल पांचवां और लगातार चौथा कार्यकाल है.
मतदान करने के बाद शेख़ हसीना ने संवाददाताओं से कहा था, "मैं ये तय करने की पूरी कोशिश कर रही हूं कि इस देश में लोकतंत्र बना रहे."
दूसरी ओर मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) का अनुमान है कि 28 अक्टूबर को एक विपक्षी रैली में हुई हिंसा के बाद लगभग 10 हज़ार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. इस हिंसा में 16 लोगों की मौत हुई थी और 5,500 से अधिक घायल हुए थे.
संस्था ने बांग्लादेश सरकार पर 'सत्तारूढ़ अवामी लीग के राजनीतिक विरोधियों से जेल भरने' का आरोप लगाया है. हालांकि अवामी लीग ने इन आरोपों से इनकार किया है. (bbc.com/hindi)