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ताइवान (रिपब्लिक ऑफ़ चाइना) में आज राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए मतदान हो रहा है. शनिवार को देश के 1.95 करोड़ मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवारों को वोट देंगे.
इस चुनाव से देश को नया राष्ट्रपति मिलना तय है, क्योंकि मौजूदा राष्ट्रपति साई इंग-वेन अपना दो कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं. नियमों के अनुसार अब वो तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं चुनी जा सकतीं.
सत्तारूढ़ 'डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी' (डीपीपी) ने पिछले साल अप्रैल में ही तय कर लिया था कि उसके नए अध्यक्ष और मौजूदा उप-राष्ट्रपति विलियम लाई 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उसके उम्मीदवार होंगे. वे ताइवान की आज़ादी के कट्टर समर्थक माने जाते हैं.
विपक्षी दल 'कुओमिंतांग' (केएमटी) ने न्यू ताइपेई के मेयर होउ यू-इह को प्रत्याशी बनाया है. होउ यू-इह चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों के पक्षधर रहे हैं. हालांकि उनकी पार्टी 'चीन समर्थक' होने से इनकार करती है. केएमटी ने आज के मतदान को 'शांति और युद्ध के बीच का चुनाव' क़रार दिया है.
एक अन्य दल 'ताइवान पीपुल्स पार्टी' (टीपीपी) ने को वेन-जे को उम्मीदवार बनाया है.
राष्ट्रपति चुने जाने वाले उम्मीदवार चार महीने बाद 20 मई को ताइवान के अगले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे.
चीन ने क्या कहा
ताइवान का यह चुनाव न केवल देश का राजनीतिक भविष्य तय करेगा, बल्कि चीन के साथ उसके रिश्ते भी इससे तय होंगे.
ताइवान के बनने के समय से ही इसे अपने देश का हिस्सा बताने वाले चीन के विदेश मंत्रालय ने मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार को अपने देश का रुख़ एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि 'ताइवान चीन का हिस्सा है और दुनिया में केवल एक ही चीन' है.
वहीं चीन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक नई चेतावनी में कहा, "पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हर समय बहुत सतर्क है और 'ताइवान की आज़ादी' के लिए किसी प्रकार के अलगाववादी मंसूबों को मज़बूती से कुचलने के लिए सभी ज़रूरी उपाय करेगी."
हालांकि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर शुक्रवार को कहा कि वो 'हर समय युद्ध के लिए तैयार' है. (bbc.com/hindi)