ताजा खबर

कर्नाटक में गैंप रेप का मामला जिसे पहले कुछ और समझा गया था
13-Jan-2024 9:33 AM
कर्नाटक में गैंप रेप का मामला जिसे पहले कुछ और समझा गया था

भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में मोरल पुलिसिंग के एक ताजा मामले ने नया मोड़ ले लिया है.

मोरल पुलिसिंग का शिकार हुई अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी महिला ने उनके ख़िलाफ़ अपराध करने वालों पर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया है.

महिला ने इस मामले में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान भी दर्ज कराया है.

इस 28 वर्षीय महिला ने कहा है कि उसे हंगल शहर के एक होटल में सात पुरुषों की ओर से प्रताड़ित किया गया क्योंकि वह होटल में एक दूसरे समुदाय के शख़्स के साथ मौजूद थी.

उन्होंने बताया है कि इसके बाद सात मुसलमान पुरुषों ने उन्हें होटल से अग़वा कर लिया. ये लोग उसे पास की एक सूनसान जगह ले गए जहां अगले 24 घंटे तक बार-बार उसके साथ बलात्कार किया गया.

कर्नाटक पुलिस ने शुरुआत में इस मामले में सात लोगों के ख़िलाफ़ इरादतन महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना, आपराधिक रूप से डराने-धमकाने और आपराधिक ताकत के इस्तेमाल का मामला दर्ज किया था.

इसके साथ ही गै़र-क़ानूनी तरीके से एकत्र होने, हिंसा करने, जबरन किसी जगह पर प्रवेश करने और उत्पीड़न करने जैसे आरोप लगाए थे.

ये मामला एक होटल कर्मचारी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज कराया गया था जहां मुस्लिम महिला और हिंदू पुरुष ने सात जनवरी को कमरा लिया था.

क्या है मामला?
इसी बीच अलग-अलग धर्मों से जुड़े दो लोगों के इस जोड़े पर हुए हमले का वीडियो वायरल हो गया है. ये दोनों लोग उत्तर कन्नड़ ज़िले के सिरसी से हैं.

जिस वक़्त ये दोनों लोग होटल के कमरे में मौजूद थे, उस वक्त बाहरी लोगों का एक समूह होटल का पाइप ठीक करने की बात करते हुए कमरे में जबरन घुस आता है. इसके बाद ये लोग इस जोड़े को परेशान करने लगते हैं.

इसके बाद पुरुषों का ये समूह कथित तौर पर महिला को कमरे से खींचकर बाहर ले जाता है. वे महिला को कार में लेकर कई जगहों पर जाते हैं. इसके बाद ये लोग महिला को लेकर सूनसान जगह पर गए.

एक दूसरे वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुरुष झाड़ियों के पीछे महिला को परेशान कर रहे हैं.

इसके बाद इसी घटना से जुड़ा एक तीसरा वीडियो सामने आया जिसमें महिला पुरुषों पर बलात्कार का आरोप लगाती दिखती है.

वीडियो में महिला कहती हैं, "मैंने उनसे भीख मांगी, गुहार लगाई कि मुझे जाने दें, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी. मैंने उनके पैरों पर गिरकर कहा कि मेरा बलात्कार न करें."

पुलिस ने ये मामला होटल के एक कर्मचारी की शिकायत के आधार दर्ज किया था जिसमें कहा गया था कि सात जनवरी को एक मुस्लिम महिला और हिंदू पुरुष ने एक कमरा किराए पर लिया था.

हवेरी ज़िले के पुलिस अधीक्षक अंशु कुमार ने बीबीसी को बताया, "महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है जिसके बाद हमने इसमें सात लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार) की धारा जोड़ दी है."

"महिला ने जब पुलिस के सामने अपना बयान दिया था तो उन्होंने अगवा किए जाने और यौन उत्पीड़न की बात की थी, लेकिन सामूहिक बलात्कार के बारे में कुछ नहीं कहा था."

पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

इनमें 24 साल के आफ़ताब मक़बूल अहमद चंदनकट्टी, 23 साल के मदरसाब मोहम्मद इसहाक़ मन्दाक्की और 23 साल के सहीउल्लाह लालन्वर शामिल हैं.

इस मामले में चौथे अभियुक्त का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. घटना में शामिल होने के बाद उनका एक्सीडेंट हो गया था, बाद में पुलिस ने उनकी पहचान की.

पुलिस के अनुसार मामले में तीन और लोगों की गिरफ्तारी होनी अभी बाक़ी है.

इस घटना के केंद्र में रही महिला के साथ होटल में मौजूद दूसरे धर्म के व्यक्ति कौन हैं और महिला का उनसे क्या नाता है, इस पर जानकारी देने से पुलिस ने इनकार कर दिया है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, "ये मामला जांच का विषय है."

जिस दिन हंगल में ये घटना हुई उसी दिन यहां से क़रीब 175 किलोमीटर दूर बेलगावी में फोर्ट लेकसाइड के पास दो अलग-अलग समुदाय के एक जोड़े को नौ लोगों की ओर से परेशान करने की घटना सामने आई. ये दोनों कज़न थे.

पुरुष के माथे पर टीका था और महिला का सिर ढंका हुआ था. जिन नौ लोगों पर इन्हें प्रताड़ित करने का आरोप है उन्होंने दोनों से पहले ये सवाल किया कि वो एक साथ क्यों है.

ये महिला, अपने साथ आए पुरुष की बुआ की बेटी थी. पुरुष की बुआ ने एक मुसलमान व्यक्ति से शादी की थी.

ये दोनों बेरोज़गारी भत्ता से जुड़ी कर्नाटक सरकार की योजना युवा निधि के लिए अपना पंजीकरण कराने आए थे, और सर्वर काम नहीं करने के कारण लेकसाइड में इंतज़ार कर रह थे.

हंगल के मामले की तरह इस मामले में जिन नौ लोगों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है वो सभी मुसलमान समुदाय से हैं.

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बासवराज बोम्मई की ओर से "मॉरल पुलिसिंग" की आलोचना किए जाने के बाद हंगल मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है.

बोम्मई ने एक्स पर (पहले ट्विटर) पोस्ट करके लिखा है – “हावेरी ज़िले के हंगल में एक लॉज में ठहरे एक जोड़े पर कुछ अराजक तत्वों की ओर से मोरल पुलिसिंग के नाम पर हमला किया जाना बेहद निंदनीय है. पुलिस को इस घटना में संलिप्त सभी लोगों को गिरफ़्तार करना चाहिए. और उन्हें इसके लिए सज़ा दी जानी चाहिए."

"लड़की के साथ हाथापाई के बाद उसे एक सूनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ कथित रूप से यौन शोषण किया गया. इन अराजक तत्वों की ओर से मोरल पुलिसिंग की इस घटना को अंजाम दिए जाने ने एक भावना सी पैदा कि है कि राज्य सरकार का अस्तित्व है या नहीं?"

"मोरल पुलिसिंग के बारे में बढ़-चढ़कर बात करने वाले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस विशेष घटना पर चुप क्यों हैं? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि उपद्रवी अल्पसंख्यक समुदाय से थे? सिद्धारमैया इस घटना पर अपना रुख स्पष्ट करें.”

कुछ साल पहले दक्षिण कन्नड़, मेंगलुरु, उडुपी और चिकमंगलुरु में मोरल पुलिसिंग के मामले आना शुरू हुए थे. और दो दिन पहले भी कुछ मामले दर्ज किए गए हैं.

हेट डिटेक्टर ने एक्स पर लिखा है, “कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 256 किलोमीटर दूर चिकमंगलुरु के मुदिगेरे में पुलिस ने एक हिंदू लड़की के साथ मौजूद दो मुसलमान युवकों पर हमला करने हिंदुत्व समूह से जुड़े चार लोगों को गिरफ़्तार किया है."

"हमलावरों ने मुसलमान युवकों के हिंदू लड़की के साथ मौजूद होने पर आपत्ति जताई थी. और उसके साथ मारपीट की थी. ये घटना सीसीटीवी कैमरों पर रिकॉर्ड हुई जिसकी वजह से इन चारों लोगों को गिरफ़्तार किया जा सका. जिन युवकों के साथ मारपीट की गयी थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.”

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में कुछ युवकों के ख़िलाफ़ कम से कम एक दर्जन मामले दर्ज किए गए.

इनमें अलग-अलग धर्मों से जुड़े पुरुषों और महिलाओं के साथ होने पर उनका रास्ता रोकने, प्रताड़ित करने और सवाल – जवाब करने जैसे मामले शामिल हैं.

इसमें या तो काम के बाद मंगलुरु में मोटरबाइक पर एक साथ यात्रा करने का मामला था या चिकमंगलुरु में एक मुस्लिम लड़के का अपनी हिंदू महिला क्लासमेट से बात करना था.

दक्षिण कन्नड़ ज़िले के धर्मस्थल में एक ऑटो-रिक्शा ड्राइवर पर हमला किया गया क्योंकि वह एक हिंदू महिला को छोड़ने आया था.

वहीं, मंगलुरु में एक मेडिकल कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य अपने छात्रों का साथ आ रहे थे, जब उनका रास्ता रोक दिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. क्योंकि छात्रों के समूह में मुस्लिम महिलाएं शामिल थीं.

कांग्रेस पार्टी ने पिछले साल अपनी सरकार बनाते हुए घोषणापत्र में वादा किया था कि वह पूरी ताक़त के साथ मोरल पुलिसिंग पर विराम लगाएगी. (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news