अंतरराष्ट्रीय
रूस की राजधानी मॉस्को की एक अदालत ने वहां के एक छात्र को 10 दिनों की जेल की सज़ा सुनाई है.
उन्हें यह सज़ा इसलिए मिली है कि उन्होंने यूक्रेन के समर्थन में अपने वाई-फाई का नाम रखा है.
मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के इस छात्र ने अपने वाई-फाई नेटवर्क का नाम 'स्लावा यूक्रेन!' (यूक्रेन की जय हो!) रखा था.
इसके कारण मॉस्को की एक अदालत ने गुरुवार को उन्हें 'चरमपंथी संस्था के प्रतीकों' के प्रदर्शन का दोषी क़रार दिया है.
लगभग दो साल पहले रूस ने जब यूक्रेन पर हमले शुरू किए, रूस में तब से अब तक हज़ारों लोगों को हमले की आलोचना करने या यूक्रेन का समर्थन करने के कारण जेल या जुर्माने की सज़ा दी जा चुकी है.
अधिकारियों को नेटवर्क का नाम बताए जाने के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार की सुबह उस छात्र को मॉस्को में गिरफ्तार कर लिया.
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के छात्रावास के भीतर उसके कमरे का निरीक्षण किया और उसके निजी कंप्यूटर और वाई-फाई राउटर को ज़ब्त कर लिया.
यूक्रेन समर्थकों के बीच 'स्लावा यूक्रेन!' का नारा काफी लोकप्रिय है. रूसी हमले के विरोध में होने वाली रैलियों में अक्सर यह नारा सुनाई देता है.