अंतरराष्ट्रीय
-योलांदे नेल
रविवार या सोमवार से शुरू हो रहे रमज़ान के महीने के दौरान फ़लस्तीनी इलाक़े ख़ासकर यरूशलम में फिर से हिंसा फैलने की आशंका है.
इसकी वजह ये है कि अभी तक ये साफ नहीं है कि इसराइल और फ़लस्तीन के बीच संघर्ष विराम होगा या नहीं.
यह मस्जिद इस्लाम की तीसरी सबसे अहम मस्जिद है, जहां स्थानीय मुसलमान इबादत करते हैं.
यह जगह यहूदियों के लिए भी पवित्र मानी जाती है. इसराइल और फ़लस्तीन के बीच के विवाद के दौरान इस जगह अक्सर तनाव की स्थिति रहती है.
वहीं ग़ज़ा में सक्रिय हमास ने फ़लस्तीनियों से अपील की है कि वे अल-अक़्सा मस्जिद का दौरा करें.
इसराइल ने हमास पर रमज़ान के दौरान इस इलाक़े में 'आग' लगाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
रमज़ान को देखते हुए 40 दिनों के युद्ध विराम होने की संभावना धूमिल हो गई है.
हालांकि मिस्र के सूत्रों ने कहा है कि रविवार को मध्यस्थ हमास के प्रतिनिधिमंडल से एक बार फिर मिलेंगे, ताकि किसी समझौते पर पहुंचा जा सके. (bbc.com/hindi)