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गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी उम्मीदवार के लिए दिग्गज मैदान में, अन्य पार्टियों के बड़े नेता प्रचार से नदारद
12-Apr-2024 2:46 PM
गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी उम्मीदवार के लिए दिग्गज मैदान में, अन्य पार्टियों के बड़े नेता प्रचार से नदारद

नोएडा, 12 अप्रैल । दिल्ली-एनसीआर की वीवीआईपी सीट में से एक गौतमबुद्ध नगर बीजेपी का गढ़ बनती जा रही है। 2014 से ही ये सीट बीजेपी का एक अभेद किला बन गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है माइग्रेंट वोटर्स। ऐसा माना जाता है कि जो शहरी वोटर्स हैं, वो बीजेपी को ही ज्यादातर वोट करते हैं।

इसके साथ ही कभी बीएसपी का गढ़ रहा गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में बसपा और सपा के नेता खासतौर पर सुरेंद्र नागर, नरेंद्र भाटी, सतवीर नागर सहित गुर्जर बिरादरी के बड़े नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। भाजपा के उम्मीदवार डॉक्टर महेश शर्मा के पक्ष में बीजेपी के दिग्गज नेता मैदान में उतर आए हैं। कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा पहुंचे थे और उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन में हिस्सा लिया था जहां हजारों की संख्या में प्रबुद्ध वर्ग के लोग मौजूद थे।

अब 13 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह डॉ महेश शर्मा के लिए एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। सूचना है कि आने वाले समय में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एक बार फिर मुख्यमंत्री खुद नोएडा आकर एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ बात करें तो सपा, कांग्रेस और आम आदमी के गठबंधन के प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर अपना चुनाव प्रचार अकेले ही करते नजर आ रहे हैं। उनके समर्थन में अभी तक गठबंधन का कोई बड़ा नेता नोएडा नहीं पहुंचा है।

बसपा ने भी अपने कैंडिडेट राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। लेकिन माना जा रहा है कि गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी को छोड़ अन्य पार्टियों में लड़ाई नंबर एक नहीं, बल्कि नंबर 2 की पोजीशन के लिए है। नंबर 1 पर पिछले दो चुनावों से बीजेपी ही काबिज है।

गौतमबुद्ध नगर की यह सीट 2009 से अस्तित्व में आई। 2009 में पहली बार यह सीट बसपा ने जीती थी। पहले सांसद सुरेंद्र नागर बने थे। डॉक्टर महेश शर्मा उस समय पहली बार चुनाव में खड़े हुए और महज 15 हजार मतों से हारे थे। लेकिन, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने 2 लाख 90 हजार और 3 लाख 30 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की। 2019 में सपा और बसपा मिलकर लड़े थे। तब सतवीर नागर प्रत्याशी थे। उस वक्त गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

यहां ज्यादातर लोग अन्य जिलों से और राज्यों से आकर बसे हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर में माना जाता है कि सबसे ज्यादा वीवीआईपी वोटर्स की संख्या है, जिनमें पूर्व गवर्नर, सांसद, विधायक, सिविल सर्वेंट आदि रहते हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला यूपी का राजस्व देने वाला नंबर वन जिला है।

यहां गगनचुंबी इमारतें हैं, तेज रफ्तार में भागती मेट्रो है और 24 घंटा चलने वाले दफ्तर भी हैं। लेकिन उसके साथ-साथ यहां पर कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका समाधान करने में डबल इंजन की सरकार को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी है। इनमें बिल्डर-बायर्स समस्या सबसे बड़ी है। रजिस्ट्री एक अहम मुद्दा है। हालांकि, योगी सरकार ने रजिस्ट्री की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है। 20 वर्षों से ज्यादा लंबे वक्त से रुकी रजिस्ट्रियों की शुरुआत कराई है।

(आईएएनएस)

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