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2006 में हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के मामले में रवि पुजारी गिरोह के छह सदस्य बरी
12-Apr-2024 4:24 PM
2006 में हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के मामले में रवि पुजारी गिरोह के छह सदस्य बरी

ठाणे, 12 अप्रैल महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष मकोका अदालत ने संगठित अपराध, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के एक मामले में 16 साल से अधिक समय की सुनवाई के बाद गैंगस्टर रवि पुजारी के गिरोह के छह लोगों को बरी कर दिया है।

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत के अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश ए.एन. सिरसीकर ने एक अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है।

अदालत के आदेश की कॉपी शुक्रवार को उपलब्ध हुई।

इसी मामले में अदालत ने दो अन्य व्यक्तियों को भी बरी कर दिया।

विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने अदालत को बताया कि आरोपी ने सितंबर 2006 में नवी मुंबई में एक निर्माण कंपनी के कार्यालय में घुसकर पैसे की मांग की और लेखाकार को मारने का प्रयास किया था।

बचाव पक्ष के वकील रामराव एस जगताप, पुनीत माहिमकर और प्रियंका भोसले ने आरोपों को खारिज किया।

न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के मामले में आरोपी की पहचान और स्पष्ट मकसद जैसी विसंगतियों का जिक्र किया।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी ने संगठित अपराध करने वाले किसी गिरोह के सदस्य के रूप में अपराध को अंजाम दिया था।

साथ ही अदालत ने कहा कि यह भी साबित नहीं हो सका है कि आरोपी ने संगठित अपराध से प्राप्त आर्थिक लाभ के माध्यम से संपत्ति अर्जित की है।

न्यायाधीश सिरसीकर ने यह भी लिखा कि दो आरोपियों के खिलाफ अभी भी आरोप तय नहीं किये गये हैं, जबकि उनके खिलाफ करीब 18 साल पहले मामला दर्ज किया गया था। (भाषा) 

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