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4 जून को चार बजे 400 पार, अखिलेश का नहीं खुलेगा खाता : केशव प्रसाद
22-Apr-2024 12:08 PM
4 जून को चार बजे 400 पार, अखिलेश का नहीं खुलेगा खाता : केशव प्रसाद

लखनऊ, 22 अप्रैल । नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रचार में जुटे यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला और कहा कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के बाद हार का सिक्सर लगाने की तैयारी में जुटेंगे। उन्होंने कहा कि चार जून को चार बजे भाजपा चार सौ पार हो जाएगी। केशव प्रसाद ने आईएएनएस से चुनावी मुद्दे पर खुलकर बातचीत की।

पेश है बातचीत के कुछ अंश :

सवाल : पहले चरण का चुनाव बीत गया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दावा किया है कि इस फेज में आपका खाता नहीं खुलेगा। इस पर क्या कहना है ?

जवाब : अखिलेश जी हार का चौका लगा चुके हैं। 5वीं बार हारने जा रहे हैं। विश्वास कीजिये कि प्रथम चरण के चुनाव में भाजपा आठ की आठ सीटें जीते चुकी हैं और यूपी की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे। चार जून को शाम चार बजे आने वाले चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में होंगे। हम 400 सीटें पार होंगे। यह चुनाव परिणाम आने के बाद अखिलेश द्वारा हार का सिक्सर लगाने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी।

सवाल : भाजपा को कहा जाता है कि वह जातीय गुलदस्ता बनाकर चलती है। उस गुलदस्ता में सब कोई समाहित रहता है। लेकिन इस चुनाव में पश्चिमी यूपी में देखा जा रहा है कि सैनी, त्यागी और क्षत्रिय नाराज दिख रहे हैं। इसका क्या असर होगा चुनाव में।

जवाब : कोई नाराज नहीं है। सभी लोग प्रसन्न हैं। जो नाराजगी दिख रही है वह विपक्षी नेताओं के बयान में और मीडिया के सुर्खियों में होगी। लेकिन धरातल की जानकारी जैसे 2017 में मीडिया और विपक्षी नेताओं को नहीं पता चली और 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के साथ रालोद जो इन लोगों के साथ था, उसके बाद भी 64 सीटें जीती, तब भी नहीं पता चली। 2022 में 400 पार का नारा देने वाले अखिलेश यादव की साइकिल जब पंचर हो गई तो उनको भी पता नहीं चला। जो 2024 में समर्थन भाजपा को मिल रहा है ऐसा कभी नहीं मिला होगा।

सवाल : जाति विरोध का असर क्या पहले चरण के चुनाव में दिखा ?

जवाब : जो विरोध करने वाले लोग हैं, वो गिने चुने हैं। संपूर्ण समाज न मोदी जी का विरोधी है न भाजपा का। अगर मान लीजिए किसी समाज का एक लाख व्यक्ति है तो उसमें से 10 व्यक्ति विरोध करते हैं बाकि लोग समर्थन में खड़े हैं और नहीं बोलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि वह समर्थन में नहीं हैं। मतलब ऐसे गिने चुने कहीं विरोध में होंगे तो अपनी निजी स्वार्थों के कारण होंगे। लेकिन बाकी लोग मोदी जी और भाजपा के समर्थन में हैं और जो विरोध में हैं वह भी कमल का बटन ही दबाएंगे।

सवाल : विपक्ष भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का बार-बार आरोप लगा रहा है।

जवाब : देखिए, इस देश में जो जांच एजेंसियां हैं वह अपना काम कर रही हैं। उनके आंकड़ों के हिसाब से केवल 3 प्रतिशत राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोग उस जांच के दायरे में हैं। उनके खिलाफ जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की है। जांच एजेंसी अंतिम अथॉरिटी नहीं होती है। जांच एजेंसियों की स्थापना भाजपा ने नहीं किया है। यह आजादी के बाद की तत्काल स्थापित एजेंसियां हैं। अब आज कार्रवाई हो रही है वह किसी राजनीतिक दल के नेता और पदाधिकारी हैं या कहीं मंत्री हैं तो उनके अपराध को क्षमा कर दिया जाए तो भारत का संविधान और कानून इसकी अनुमति नहीं देता है। जो गलत करेगा उसे सजा मिलेगी।

सवाल : विपक्ष बसपा को भाजपा की बी टीम होने का दावा करता रहा है। लेकिन इस बार यह चीज देखने को मिली कि मायावती ने जितने उम्मीदवार उतारे हैं वो भाजपा का ही वोटबैंक काट रहे हैं।

जवाब :कोई हमारी टीम नहीं है। भाजपा भाजपा है। विरोधी पार्टियां विरोधी पार्टियां हैं। उनकी पार्टी की ओर से जो उम्मीदवार उतारना चाहें वो उतारें। लेकिन भाजपा अभी 2019 के चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन को धूल चटा चुकी है। इसलिए उनके पार्टी से कौन उम्मीदवार आ रहा है, यह हम लोग नहीं देखते। देश और प्रदेश की जनता सिर्फ एक चीज देख रही है कि हमारे उम्मीदवार सिर्फ नरेंद्र मोदी जी हैं।

सवाल : आप किसी पर व्यक्तिगत आरोप व टिप्पणी नहीं करते, लेकिन जैसे राम गोपाल यादव ने आप पर टिप्पणी की, इस बारे में आप क्या कहते हैं।

जवाब : पीएम मोदी को कांग्रेस ने गाली दी और कांग्रेस मुक्त भारत देश हो गया। अखिलेश यादव हों या उनके चाचा, उनके खिलाफ अपशब्दों को प्रयोग नहीं करूंगा। मैं राष्ट्रीय स्व्यं सेवक संघ का कार्यकर्ता रहा हूं। इसके अलावा मैं ऐसे परिवार से हूं जहां किसी विचार का विरोध किया जाता है, व्यक्तिगत नहीं। मैं उनको सिर्फ इतना कहूंगा कि उस गाली का जवाब जनता कमल का बटन दबाकर देगी।

सवाल : इस बार ध्रुवीकरण का मुद्दा दिख नहीं रहा है।

जवाब : देखिए तुष्टिकरण की राजनीति समाप्त हो गई है। संतुष्टिकरण की राजनीति शुरु हो गई है -- सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास। इसी को लेकर पीएम मोदी के नेतृत्व देश तीव्र गति के साथ आगे बढ़ रहा है। किसी दल विशेष का तुष्टीकरण का एजेंडा था, वह अब सफल होता नहीं दिख रहा है। जातिवाद की जगह लोगों ने विकास को स्वीकार कर लिया है।

सवाल : विपक्ष द्वारा बार बार यह आरोप लगाया जा रहा है कि आप लोग सत्ता में दोबारा आएंगे तो संविधान बदल देंगे।

जवाब : भाजपा संविधान बदल देगी, यह एक सुनियोजित तरीके से अफवाह फैलाने व गुमराह करने का असफल प्रयास है। भाजपा समान नागरिक संहिता लाएगी। अगर संविधान बदलना है तो यह संविधान में व्यवस्था है कि इस देश में एक देश और एक कानून होना चाहिए। भाजपा सत्ता में आएगी तो एक वोटर लिस्ट और एक चुनाव कराने का काम करेगी। मतलब वन नेशन वन इलेक्शन कराने का काम करेगी। जम्मू कश्मीर से 370 हटाना संविधान बदलना है, तो इस प्रकार के आरोप लगाकर गुमराह कर सकते हैं। दरअसल यह विपक्ष की साजिश है भाजपा को बदनाम करने की। उन्हें डर है कि अगर भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो भ्रष्टाचारियों को छोड़ेगी नहीं।

सवाल : कांग्रेस की तरफ से भारी भरकम रोजगार का वादा कर खाली पदों की सूची बताई जा रही है? इस पर क्या कहेंगे ?

जवाब : कांग्रेस झूठ बोलने की ऑटोमैटिक मशीन है। यह झूठ बोलो, अफवाह फैलाओ और गुमराह करो' की नीति का अनुसरण कर रही है और उसी पर चल रही है। जब से स्वतन्त्र भारत के इतिहास में इसने राजनीति शुरू की तभी से झूठ बोल रही है। चुनाव के माध्यम से सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस ने जो भी कहा उसने अपने उस वादे को कभी पूरा नहीं किया। इधर, भाजपा जब से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सत्ता में आने के साथ ही 'जो कहा सो किया' के अपने वादे को निभाती आ रही है। इसी कांग्रेस ने राज्यों में चुनाव जीतने के लिए पुरानी पेंशन का वादा किया था और जब घोषणापत्र जारी किया तब पुरानी पेंशन योजना का जिक्र तक नहीं है। इसी कांग्रेस ने 'गरीबी हटाओ' का नारा दिया था, लेकिन कभी 'गरीबी' नहीं हटाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सब मुद्दों पर कोई नारा नहीं दिया, लेकिन '25 करोड़ लोगों को गरीबी' से बाहर निकालने का काम किया। 'कांग्रेस पार्टी झूठ बोलने की ऑटोमैटिक मशीन है, इसकी मैन्युफैक्चरिंग में ही गड़बड़ी है। कांग्रेस के डीएनए में है कि वह जो वादे करेगी, वह कभी पूरे नहीं होंगे। उनके वादों के पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है। इसके उलट, भाजपा जो कहती है, वह करती है। भाजपा बिना कहे खाली पदों को भरेगी। जरूरत के अनुसार नए पद भी सृजित किये जायेंगे। इस देश की युवा पीढ़ी का सम्मान और प्रतिभा का सदुपयोग भाजपा सरकार में ही हुआ है। भाजपा ही आगे भी युवा शक्ति का सदुपयोग करने में सक्षम है। कांग्रेस के पास तो विपक्ष का नेता पद पाने के लिए भी सांसदों की संख्या नहीं होंगे। 2014 और 2019 से भी बुरा हाल 2024 में होगा।

सवाल : इस चुनाव में फैक्टर क्या है?

जवाब : देखिए, इस चुनाव का फैक्टर यह है कि यह कोई साधारण चुनाव नहीं है। यह चुनाव देश को पांच साल नहीं 100 साल आगे ले जाने वाला है। जो कांग्रेस 60 साल के शासन में नहीं कर सकी, वह पीएम मोदी के नेतृत्व में उससे 4 गुना अधिक 10 गुना 10 वर्ष के शासन में हुआ। 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। 1 करोड़ से अधिक गरीब दीदीयां लखपति बनी हैं। भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए 52 करोड़ जन धन खाते खोले और 34 लाख करोड़ की विभिन्न योजनाओं के पैसे लोगों के खाते में भेजे गए और एक रुपए का घोटाला नहीं हुआ। कांग्रेस के पीएम राजीव गांधी संसद में खड़े होकर कहते थे कि हम दिल्ली से एक रुपए भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। भ्रष्टाचार की अम्मा कांग्रेस पार्टी है, वह मुकाबले से बाहर है। उसको प्रत्याशी खोजने नहीं मिल रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश का समाचार मैंने पिछले दिनों पढ़ा तो देखा कि 10 भाजपा के विधायक निर्विरोध इसलिए निर्वाचित हुए क्योंकि कांग्रेस के पास लड़ाने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे। इससे आप समझ सकते हैं कि भाजपा का तूफान किस तेजी से चल रहा है और जनता मोदी जी के समर्थन में किस तेजी के साथ खड़ी है।

सवाल : सपा ने अपना मूल कैडर वोटर मुस्लिम और यादव को छोड़कर आपकी तरह अन्य पिछड़ी जातियों को टिकट देने का काम किया है।

जवाब : का वर्षा जब कृषि सुखानी। जब सपा की हैसियत थी कि किसी को विधायक और सांसद बनवा सकती थी, तब तो आपने उनको पूछा नहीं। जब एक पिछड़ी जाति के गरीब मां-बाप का लड़का देश का प्रधानमंत्री बन गया और फिर से बनने जा रहे हैं तो फूट डालो और सांसद बना लो, यह संभव नहीं है। मतदाता बहुत समझदार है। पिछड़े और अगड़ा वर्ग भाजपा के साथ हैं। सभी वर्ग भाजपा के साथ हैं। हम सबका साथ सबका विकास करते हैं, इसलिए सबका विश्वास और समर्थन हमारी पार्टी और पीएम मोदी को मिल रहा है।

सवाल : पीएम मोदी ने नारा दिया है 400 पार का, तो क्या यह संभव है?

जवाब : देखिये चार जून, चार बजे, चार सौ पार। फिर एक बार प्रचंड बहुमत से मोदी सरकार। जो नारा 2014 में दिया था कि 272 प्लस, तो 283 जीती थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में नारा था 300 पार, तो 303 जीते। 2024 का नारा है 400 पार तो मुझे पूरा विश्वास है कि देश पीएम मोदी का दीवाना है। मोदी जी देशवासियों के दीवाने हैं। मतलब वन-वे ट्रैफिक नहीं है। टू-वे ट्रैफिक है। जनता भी चाहती है कि मोदी जी के नेतृत्व में 400 पार हो। मोदी जी की अपील का बहुत गहरा असर लोगों में हुआ है। सबको विश्वास है कि भारत को विश्व में विकसित व शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में खड़ा करना है, गरीबी से मुक्त भारत बनाना है तो और सभी क्षेत्रों में भारत को प्रगति के पथ पर आगे ले जाना है, रेल मार्ग हो - सड़क मार्ग हो, हवाई मार्ग हो, जलमार्ग हो सबको चालू करना है। हर खेत तक सिंचाई का भी पानी हो, हर घर तक पीने का भी पानी हो, हर घर में बिजली भी हो, यह सब कुछ करना है। मुझे विश्वास है कि इस लक्ष्य को पीएम मोदी ने 370 भाजपा और 400 प्लस भाजपा गठबंधन के लिए कहा है। यूपी के 80 की 80 लोकसभा सीट जीतेंगे। यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा।

(आईएएनएस)

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