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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अप्रैल। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला को, इस साल का ग्रीन नोबल कहा जाने वाला प्रतिष्ठित गोल्डमैन अवार्ड दिया जाएगा। सोमवार को अमेरिका में इसकी घोषणा की गई।
गोल्डमैन अवार्ड दुनिया में पर्यावरण संरक्षण का काम करने वालों को दिया जाता है। हसदेव अरण्य में पिछले एक दशक से आदिवासियों के साथ कंधा से कंधा मिला कर संघर्ष कर रहे आलोक शुक्ला और उनके साथियों के प्रतिरोध के कारण राज्य सरकार को लेमरु एलिफेंट रिजर्व घोषित करना पड़ा, जिसके कारण जंगल का एक बड़ा इलाका संरक्षित हो पाया।
हसदेव के आदिवासियों ने खुशी जताई
आलोक शुक्ला को ग्रीन नोबल कहे जाने वाला गोल्डमनैन अवार्ड दिए जाने पर हसदेव अरण्य संघर्ष समिति से जुड़े आदिवासियों ने प्रसन्नता जताई है। समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह सम्मान असल में हसदेव की संघर्षरत जनता का सम्मान है और देश और दुनिया की उस जनता का भी सम्मान है, जिन्होंने इस संघर्ष में लगातार साथ निभाया है।
इधर सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा है कि आलोक शुक्ला इस सम्मान के लिए सर्वथा योग्य नाम हैं। उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से आदिवासियों के इस आंदोलन का नेतृत्व किया है और अब तक हसदेव अरण्य की लड़ाई को इस जगह तक पहुंचाया है।
बयान में कहा गया है कि हसदेव के लोगों ने लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं से हर संभव प्रयास किए, सारे सरकारी और राजनैतिक दरवाजे खट खटाए, अनेकों धरना-प्रदर्शन-सम्मेलन इत्यादि आयोजित किए और 300 किलोमीटर लंबी रायपुर तक पदयात्रा निकाली।