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रायपुर, 29 अप्रैल। माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के अपेक्षित परिणाम नहीं आने पर प्रायः तनाव में रहते हैं तथा कुछ विद्यार्थी तो डिप्रेशन में चले जाते हैं, राज्य शासन ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं एससीईआरटी के सहयोग से आज ऑनलाइन दक्षता विकास एवं अभिप्रेरणा प्रशिक्षण आयोजित की गई।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेनू पिल्ले ने कहा कि यदि किसी भी बच्चे में यह प्रवृत्ति पायी जाती है या इस संदर्भ में कोई भी सूचना मिलती है तो स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर “104 आरोग्य सेवा निःशुल्क परामर्श” पर सूचित किया जा सकता है । यह टोल फ्री नंबर 24×7 संचालित रहेगा । सूचना प्राप्त होने पर विद्यार्थियों के हित में तत्काल समाधान उपलब्ध कराया जा सकेगा ।
स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी विभागीय व मैदानी अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
खनिज विभाग के संयुक्त सचिव सुनील जैन ने महासमुंद जिले के अनुभव और पूर्व में किये गये नवाचार स्वयंसेवी अभियान को नवजीवन के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रत्येक ग्राम में एक जन सहयोग आधारित कार्यक्रम, स्वयंसेवी की मदद लेने की प्रक्रिया और क्रियान्वयन के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को मार्गदर्शन दिया।
विषय विशेषज्ञ डॉ.स्वाति शर्मा ने कुछ ऐसे व्यक्तित्व का उदाहरण दिया - जिनके प्रारंभिक जीवन में चुनौतियां थी परंतु बाद में भी सफल हुए।
मेडिकल कॉलेज रायपुर के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति सिंह ने भी कुंठा से निकलने के उपाए बताए।
कैरियर काउंसलर डॉ.वर्षा वरवंडकर ने बताया कि वर्तमान में बच्चों के लिए 5000 से अधिक करियर के ऑप्शन है तथा बच्चों में 21 वीं सदी सेंचुरी स्किल विकसित करने की अत्यंत आवश्यकता है।
अतिरिक्त संचालक जे.पी.रथ ने कहा कि परीक्षा के बाद बच्चे तनाव ग्रसित हो जाते हैं तथा गलत रास्ते पर चले जाते हैं अतः इस हेतु तनाव प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है।
इस ऑनलाइन प्रशिक्षण से लगभग 30,000 से अधिक यानी बड़ी संख्या में सरकारी व निजी स्कूलों के 10-12 वीं कक्षा शिक्षक, पालक, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं बीईओ, बीआरसीसी, सीआरसी आदि ने स्वेच्छा से प्रशिक्षण प्राप्त किया।