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(लक्ष्मी देवी ऐरे)
कुप्पम (आंध्र प्रदेश), 6 मई। आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के गढ़ कुप्पम विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा रही है और यह चुनाव मौजूदा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के आकर्षण के बीच नायडू तथा उनकी पार्टी के प्रति इसके निवासियों की अटूट निष्ठा की परीक्षा होगी।
पार्टी के पक्के वफादारों और लोकलुभावन फायदों के आकर्षक वादों की रस्साकशी ने तेदेपा को परेशानी में डाल दिया है जिससे वह अपने गढ़ को बचाए रखने के लिए फिर से रणनीति बना रही है।
नायडू के लिए खतरे की घंटी 2019 में ही बज गयी थी जब उनका मत प्रतिशत गिरकर 55.18 फीसदी पहुंच गया था जो 1989 के बाद से उनका सबसे खराब प्रदर्शन था।
वर्ष 2014 में वाई एस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के उदय ने नायडू के वर्चस्व पर सवाल खड़े कर दिए और तेदेपा को उस स्थान पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर कर दिया जिसे एक समय में उसका गढ़ माना जाता था।
विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में तेजी आने के साथ ही कुप्पम के गांवों और मंडलों से अलग-अलग राय सामने आ रही है।
शांतिपुरम मंडल के ऑटो चालक योगेंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में ‘‘वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को एक और मौका देने’’ की इच्छा जतायी जबकि गुडीपल्ली मंडल के किसान वसंताम्मा ने माना कि ‘‘तेदेपा और वाईएसआरसीपी के बीच कड़ा मुकाबला है।’’
वाईएसआरसीपी के तेजतर्रार उम्मीदवार 35 वर्षीय केआरजे भरत को लोगों का समर्थन मिल रहा है। कुप्पम मंडल में उनका समर्थन करने वाली सुजाता जैसी किसान का मानना है कि ‘‘जगन संपत्ति को गरीबों में बांट रहे हैं।’’
नलगमपल्ले गांव के छोटे किसान बी मुनीस्वामी ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त किए और कहा कि उन्हें पिछले पांच साल में मौजूदा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से 2.20 लाख रुपये तक का फायदा मिला है।
हालांकि, तेदेपा के प्रति उसके समर्थकों की निष्ठा भी गहरी बनी हुई है।
अब्बाकुंटा गांव के किसान थिम्माप्पा गर्व से कहते हैं, ‘‘हमारा 80 मतदाताओं का संयुक्त परिवार है और हमने हमेशा एक पार्टी और एक व्यक्ति यानी तेदेपा के नायडू के लिए वोट किया है।’’
नायडू (74) ने विश्वास जताया है कि उनका तेदेपा-भाजपा-जन सेना गठबंधन 13 मई को होने वाले चुनाव में 25 में से 24 संसदीय सीटों और 175 में से 160 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगा।
इस बीच, राजनीति में नौसिखिए कांग्रेस उम्मीदवार ए. गोविंदराजुलु को केवल पार्टी के वोटों की संख्या में सुधार लाने की उम्मीद है। वह विपक्ष के वोटों में सेंध लगा सकते हैं और तेदेपा को जीतने में मदद कर सकते हैं। (भाषा)