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उत्तर बंगाल में बाढ़ जैसे हालात, बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे निशान से ऊपर पहुंचा
08-Jul-2024 9:22 AM
उत्तर बंगाल में बाढ़ जैसे हालात, बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे निशान से ऊपर पहुंचा

नयी दिल्ली, 7 जुलाई। पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी क्षेत्र के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं जबकि बिहार में कई स्थान पर प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इसके अलावा देश के पूर्वी भाग भारी बारिश से प्रभावित हैं।

असम में 29 जिले भीषण बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कामरूप जिले में राहत शिविरों का दौरा कर उनमें रह रहे लोगों को मुहैया कराई जा रहीं सुविधाओं का जायजा लिया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, कुल मिलाकर 107 राजस्व सर्किल और 3,535 गांवों के लगभग 24 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

ब्रह्मपुत्र और बराक समेत कई स्थानों पर कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

पश्चिम बंगाल में, मौसम विभाग ने बताया कि उप-हिमालयी जिलों दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार में 12 जुलाई तक भारी बारिश होने का अनुमान है।

अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम से आने-जाने वाले यातायात को अन्य मार्गों की ओर मोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीस्ता और कोरोला नदियों के जलस्तर पर भी नजर रखी जा रही है।

मुख्यालय शहर के अलावा जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी, मोयनागुड़ी और क्रांति में कई स्थान मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए।

जलपाईगुड़ी शहर में सुबह 8:30 बजे तक 24 घंटों में 166 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि बागडोगरा में 103 मिमी बारिश हुई।

बिहार में जल संसाधन विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि 24 घंटे की अवधि में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश के कारण कई स्थान पर प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, औराई, सुप्पी और अन्य आसपास के क्षेत्रों में बागमती नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। गोपालगंज और सिधवलिया में गंडक नदी का जलस्तर सुबह आठ बजे तक खतरे के निशान से ऊपर था।

बुलेटिन में कहा गया है कि मधुबनी, लखनौर और झंझारपुर में कमला बलान का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है जबकि मधुबनी और जयनगर के कुछ इलाकों में कमला भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

अररिया में परमान खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि महानंदा पूर्णिया और बैसी में खतरे के निशान को पार कर गयी है।

कोसी और लाल बकेया नदी खगड़िया, बेलदौर और सीतामढ़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में चेतावनी स्तर पर पहुंच गई है।

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में, एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक खेत में काम कर रहीं 12 महिलाओं और उनके बच्चों को बाढ़ के पानी से निकाला गया। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में मानसून ने जोर पकड़ लिया है और कई स्थानों पर नदियों का स्तर बढ़ गया है।

कुशीनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार कुशीनगर में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले के नारायणपुर इलाके में एक द्वीप पर बाढ़ के पानी में 66 लोग फंस गए थे। इनमें से 62 लोगों को बचा लिया गया है और बाकी चार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान जारी है।

राप्ती नदी श्रावस्ती में खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे 18 गांव प्रभावित हुए हैं। बलरामपुर में भी नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे बाढ़ आ गई है।

महाराष्ट्र में, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने भारी बारिश के बीच ठाणे में जलमग्न एक रिसॉर्ट से 49 लोगों और पालघर में 16 ग्रामीणों को बचाया।

इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने 7-8 जुलाई को गढ़वाल क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान के कारण चार धाम यात्रा स्थगित कर दी।

पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ है और बद्रीनाथ जाने वाला राजमार्ग कई स्थानों पर मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है।

चमोली जिले के कर्णप्रयाग में भूस्खलन के बाद पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से हैदराबाद के दो तीर्थयात्रियों की शनिवार को मौत हो गई।

नदियां भी उफान पर हैं और अलकनंदा नदी जोशीमठ के निकट विष्णु प्रयाग में खतरे के निशान के करीब बह रही है।

दस जुलाई को होने वाले बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव और भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन के मद्देनजर चमोली जिला प्रशासन मतदान कर्मियों, ईवीएम और वीवीपैट को मतदान केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर रहा है।

चमोली के जिला मजिस्ट्रेट और निर्वाचन अधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि सीमा सड़क संगठन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भूस्खलन से अवरुद्ध सड़कों को खोलने में व्यस्त हैं, वहीं आपातकालीन स्थितियों के लिए आकस्मिक योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती मतदान कर्मियों को समय पर मतदान केंद्र तक पहुंचाना है।

राजस्थान के चूरू जिले के तारानगर में 24 घंटे की अवधि में 141 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि करौली के सुरौत में 131 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य में भारी बारिश जारी है।

हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई, तथा क्षेत्रीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में शिमला, कांगड़ा और चंबा जिलों के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम स्तर की बाढ़ की चेतावनी जारी की है।

मौसम विभाग ने 10-11 जुलाई को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने, आंधी आने और बिजली गरजने का 'येलो' अलर्ट भी जारी किया है। (भाषा)

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