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रेप के जिस आरोपी के कारण सिविल लाइन थाना सील किया गया, बिलासपुर लैब में उसकी रिपोर्ट निगेटिव
06-Jul-2020 10:16 PM
रेप के जिस आरोपी के कारण सिविल लाइन थाना सील किया गया, बिलासपुर लैब में उसकी रिपोर्ट निगेटिव

दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने के बाद निश्चित होगा कि वह पूरी तरह कोरोनामुक्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 6 जुलाई।
मैसूर से लाये गये रेप के जिस आरोपी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली थी आज शाम बिलासपुर सिम्स लैब में की गई जांच के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के कारण सिविल लाइन थाने को सील कर दिया गया था और केन्द्रीय जेल में भी हडक़म्प मचा हुआ था। 

सिविल लाइन थाने के प्रभारी ने सुरेन्द्र स्वर्णकार बताया कि भाभा रिसर्च सेंटर में अपने आपको साइंटिस्ट बताने वाले मूल रूप से कोरबा के निवासी एक 28 वर्षीय युवक को सिविल लाइन पुलिस पकडऩे के लिये एक जुलाई को मैसूर कर्नाटक गई थी। उसके खिलाफ बिलासपुर की एक युवती ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया था। 

कोरोना संक्रमण से बचने के लिये आम तौर पर पुलिस दूसरे राज्यों में किसी आरोपी को पकडऩे के लिये इस समय कम जा रही है। पर इस मामले में बताया जाता है कि आरोपी द्वारा युवती के साथ फोन ब्लैकमेलिंग की जा रही थी और तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी जा रही थी। इसके चलते उसे गिरफ्तार करके लाना जरूरी हो गया था। सिविल लाइन पुलिस के मुताबिक आरोपी को मैसूर में गिरफ्तार करने के बाद थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई और उसके कोविड टेस्ट के लिये सैम्पल दिया गया था। थर्मल स्क्रीनिंग में कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं मिलने के कारण पुलिस उसके कोरोना संक्रमित नहीं होने को लेकर निश्चिन्त थी। यहां पहुंचने के बाद जब सिविल लाइन थाने में एक रात रख लिया गया और उसके अगले दिन कोर्ट ले जाकर जेल भेज दिया गया तब मैसूर के लैब से उसके पॉजिटिव होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसके बाद पुलिस व जिला प्रशासन में हडक़म्प मच गया। पुलिस अधीक्षक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन थाने को सील कराया और सभी अधिकारियों तथा जवानों को क्वारांटीन पर भेज दिया गया। सेंट्रल जेल से आज सुबह दो कोरोना सैम्पल सिम्स स्थित लैब में लाये गये। इनमें एक रायगढ़ के हत्या का आरोपी तथा दूसरा मैसूर से लाये गये इसी रेप के आरोपी का था। शाम तक इसकी रिपोर्ट आ गई। सिम्स की पीआरओ डॉ. आरती पांडेय ने आज शाम बताया कि दोनों केन्द्रीय जेल से दोनों रिपोर्ट निगेटिव आई है। 

जब उनसे यह पूछा गया कि यह कैसे सम्भव है कि मैसूर से जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जा रही है उसकी यहां पर निगेटिव रिपोर्ट सिर्फ दो दिन बाद आये। उन्होंने कहा कि पहले कहां टेस्ट हुआ यह उन्हें मालूम नहीं पर यह संभव है। कई मरीजों में मामूली लक्षण होते हैं और वे दो तीन में ठीक भी हो जाते हैं। 
दो बार टेस्ट रिपोर्ट लगातार निगेटिव होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग इस बात से संतुष्ट होता है कि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण नहीं है। इस आधार पर रेप के उक्त आरोपी का एक बार और सैम्पल लेकर टेस्ट लिया जायेगा। 

एहतियान मैसूर लेने गई पुलिस टीम का सैम्पल लिया गया है, जिनकी रिपोर्ट कल तक आने की संभावना है। केन्द्रीय जेल में भी बाहर आने वाले प्रत्येक नये कैदी के लिये अलग कोरोना मापदंडों का पालन करने के साथ स्टाफ व बैरक की व्यवस्था की गई है। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया है कि करीब 20 स्टाफ का जेल में ऐहतियान सैम्पल लिया गया है। इनकी रिपोर्ट भी कल तक मिलने की संभावना है। 

सिविल लाइन थाने को सील करने के बाद यहां के थाना प्रभारी सहित 65 स्टाफ को क्वारांटीन पर भी भेजा गया है।
 
पुलिस ने रेप पीडि़त की रिपोर्ट निगेटिव आने पर राहत की सांस ली है हालांकि उसके दूसरी रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद ही यह निश्चित हो पायेगा कि वह पूरी तरह कोरोना मुक्त है। फिलहाल उसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

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