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पार्टी कार्यालय में हंगामे के बाद कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 जुलाई। भाजपा के जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व एल्डरमेन पारूल जैन को छह साल के लिए पाटी से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई महिला नेत्री जैन के कल पार्टी कार्यालय में जिलाध्यक्ष यादव के साथ खराब बर्ताव के चलते हुई है। पारूल जैन को संगठन से चलता कर जिलाध्यक्ष ने पार्टी में अनुशासित नही रहने वाले कार्यकर्ताओं को एक तरह से कड़ा संदेश दिया है।
बताया जाता है कि कल सोमवार शाम को पार्टी कार्यालय में जिलाध्यक्ष यादव कुछ नेताओं और पदाधिकारियों के साथ सांगठनिक मुद्धे को लेकर बैठक कर रहे थे। इस बैठक के बीच में ही पारूल जैन गुस्से में जिलाध्यक्ष यादव ने कई तरह के सवाल-जवाब कर रही थी। बताया जाता है कि पारूल जैन को कुछ कार्यकर्ताओं ने बदतमीजी के साथ बात करने पर टोका। इसके बाद भी वह यादव से सीधे भिडऩे लगी।
मिली जानकारी के अनुसार पार्टी बैठको और कार्यक्रमों की सूचना नहीं मिलने से नाराज होकर जिलाध्यक्ष से भिडऩे लगी। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं को शुरूआती माजरा समझ में नही आया। लेकिन पारूल जैन की शोर से दूसरे कमरों में बैठे पदाधिकारी भी पहुंच गए। बताया जाता है कि पारूल जैन पर किसी की समझाईश का असर नही पड़ा। वह लगातार भड़ास निकालते हुए पार्टी की दूसरी महिला के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द कहने लगी। मिली जानकारी के अनुसार पारूल जैन हाल ही में नए सिरे से निगम में हुए सफाई ठेेका हासिल करने में पीछे रह गई। यादव के महापौर रहते हुए पारूल जैन ने कई वार्डो में ठेका लेकर कमाई की।
बताया जाता है कि पारूल जैन यादव पर निजी ठेका दिलाने का दबाव भी बनाए हुए थी। हालांकि नए ठेके में भाजपा के आधा दर्जन नेताओं को कांग्रेस शासित निगम से ठेका मिला है। यही बात पारूल जैन को रास नही आई। बताया जाता है कि यादव के साथ पारूल जैन के शर्मनाक स्थिति तक विवाद किया। बताया जाता है कि संगठन ने इस रवैय्ये को लेकर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए पारूल जैन को बाहर का रास्ता दिखाया है। जिलाध्यक्ष यादव ने घटनाक्रम के कुछ घंटों के भीतर छह साल के लिए जैन को पार्टी से बर्खास्त करने का फरमान जारी किया।
इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ से पारूल जैन ने कहा कि बिना नोटिस के मुझे बर्खास्त करने की जानकारी मिली है। लिखित में नोटिस मिलने के बाद प्रदेश संगठन के समक्ष अपनी स्थिति को लेकर जानकारी देगी। इस बीच कल हुए इस तीखी नोंकझोंक के बाद यह साफ दिख रहा है कि भाजपा के भीतर सबकुछ ठीक नही है।