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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 जुलाई। सरकार के मंत्री रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर मंगलवार को मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने रमन सरकार के 180 महीने और अपनी सरकार के 18 महीने के कार्यकाल की तुलना कर तीखे प्रहार किए। श्री चौबे ने कहा कि भाजपा के नेता सरकार से ब्लू प्रिंट मांग रहे हैं, जबकि सरकार के पास भाजपा का ब्लैक प्रिंट मौजूद है। हमारे वायदे याद दिलाए जा रहे हैं, जबकि खुद भूल गए।
श्री चौबे ने पिछली सरकार की नाकामियों को गिनाया और कहा कि क्या प्रदेश की जनता झीरम हमले को भूल गई? सारकेगुड़ा और एडसमेटा को भूला दिया? उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों में 3 हजार किसानों ने खुदकुशी की है। जिस प्रकार डीएमएफ फंड में घोटाले हुए हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने नसबंदी कांड का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के बाजार को नकली दवाओं से भर दिया गया था।
कृषि मंत्री ने कहा कि शराब के धंधे में कमीशनखोरी की बात रमन सिंह ने कबूल की थी। उन्होंने रायगढ़ में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से एक साल कमीशन लेना बंद करने की अपील की थी। रमन सिंह के मंत्रिमंडल के सदस्य की पत्नी के किसी दूसरे के नाम से परीक्षा देने का मामला सुर्खियों में रहा है। महानदी का पानी बेचने का मामला चर्चा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ एमओयू किया गया और फिर जमीन बेच दी गई। जबकि एक भी उद्योग नहीं लगे। कृषि मंत्री ने कहा कि रमन सिंह के इन बातों का जवाब देना चाहिए। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर 15 साल में पिछली सरकार के अधूरे वायदों को गिनाया।