खेल

पाकिस्तान: तूफ़ानी गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर की 'अधूरी कहानी'
19-Dec-2020 2:48 PM
पाकिस्तान: तूफ़ानी गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर की 'अधूरी कहानी'

-समी चौधरी

कुल 147 अंतरराष्ट्रीय मैच और उनमें पाकिस्तान के लिए 259 विकेट...ये है 'हमारी अधूरी कहानी'. यह वो समापन नोट है जिस पर मोहम्मद आमिर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया.

अपने अंतरराष्ट्रीय डेब्यू के बाद से मोहम्मद आमिर की कहानी में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. कई बार कहानी सब कुछ ख़त्म होने के कगार पर पहुंची. लेकिन न तो मोहम्मद आमिर ने हथियार डाले और न ही हम प्रशंसकों ने कभी हताशा को पास आने दिया. लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा वो एंटीक्लाईमेक्स है, जिसके बारे में ख़ुद कहानी लिखने वाला भी नहीं जानता था.

पाकिस्तान क्रिकेट में, रिटायरमेंट की 'घोषणा' कभी भी एक सामान्य समाचार नहीं होता है. यह एक पूरा 'फिनोमिना' होता है. पहले भावनात्मक संदेशों की भरमार होती है, 'अभी न जाओ छोड़ कर' टाइप बातें होती हैं. फिर धीरे-धीरे, जब 'घोषणा' पुरानी होने लगती है, 'आई एम बैक' की आवाज़ एक नई 'घोषणा' बन कर सुर्ख़ियों में आती है.

निकट भविष्य में हम ऐसी कई 'घोषणाएं' सुन चुके हैं. हालांकि मोहम्मद यूसुफ़ के रिटायरमेंट की घोषणा शायद शाहिद आफ़रीदी की तुलना में अधिक हास्यास्पद साबित न हो सकी लेकिन उससे कम भी नहीं थी.

और अब जिस अंदाज़ में मोहम्मद आमिर ने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की है, वह रिटायरमेंट से अधिक मानवीय सहानुभूति की अपील लग रही है. हालांकि, अपने पूर्व नियोक्ता, पीसीबी के साथ उनके रिश्ते सुधरने लगभग असंभव हो गए थे, तो रिटायरमेंट की घोषणा संक्षिप्त और गरिमा के साथ की जा सकती थी.

लेकिन पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ कभी भी गुप्त रूप से संन्यास लेना पसंद नहीं करते हैं. यह भी एक तमाशा है कि अधिकांश तेज़ गेंदबाज़ अपने पूर्व नायकों के अहंकार की भेंट चढ़ जाते हैं. पहले शोएब अख़्तर, वक़ार यूनिस के फ़ैसलों का शिकार हुए और अब मोहम्मद आमिर का भी उनसे दिल टूट चुका हैं.

वक़ार यूनिस का कोचिंग करियर हमेशा विवाद में घिरा रहा है. मोहम्मद आमिर की शिक़ायत काफी हद तक ठीक है. लेकिन यह भी एक सच है कि जब 'काम का बोझ' मोहम्मद आमिर को घुन की तरह खा रहा था, उस समय कोच मिस्बाह और वक़ार यूनिस नहीं थे, बल्कि मिकी आर्थर और अज़हर महमूद थे.

लेकिन मिकी आर्थर से आमिर को कोई शिकायत नहीं है, वह कभी भी, कहीं भी, उनकी (मिकी आर्थर की) कोचिंग में खेलना पसंद करते हैं. आमिर को सिर्फ़ और सिर्फ़ वर्तमान पीसीबी प्रबंधन और उसके द्वारा भर्ती किये गए कोचिंग स्टाफ़ से शिकायत है.

वह आज भी नजम सेठी की प्रशंसा करते हैं. दिलचस्प बात यह है कि, अगर कोई एहसान मानी और मिस्बाह के दिनों में नजम सेठी और मिकी आर्थर को याद कर रहा है, तो यह कहीं न कहीं एक संदेश है, कि अगर वे लोग आज पॉवर में होते, तो मुझे इस मानसिक पीड़ा का सामना नहीं करना पड़ता.

मिक्की आर्थर और नजम सेठी के अलावा, मोहम्मद आमिर, जिनकी प्रशंसा करते हैं. वो वही शाहिद अफ़रीदी हैं, जो एजाज़ बट के ख़िलाफ़ 'ज़का अशरफ़ की नियुक्ति तक व्यापार बंद है' का झंडा उठा कर चले थे और अपने संघर्ष में सफ़ल भी हुए थे.

यदि मोहम्मद आमिर की घोषणा भी इसी तरह की 'कार्रवाई' की प्रतीक्षा कर रही है, तो यहां एक पूर्व तेज़ गेंदबाज़, प्रधानमंत्री और पीसीबी के पैटर्न इन चीफ़ उनकी राह में खड़ा होगा.

इसमें कोई संदेह नहीं है, कि पाकिस्तान क्रिकेट के हालिया इतिहास में मोहम्मद आमिर सबसे जादुई चरित्र हैं. जो अपार प्यार और सहानुभूति उन्हें अपने प्रशंसकों से मिली है, बहुत ही कम लोगों के हिस्से में आती है. यह प्यार और सहानुभूति इतनी ज़्यादा थी, कि पूरे ड्रेसिंग रूम की राय के विपरीत उन्हें टीम में वापस लाया गया.

लेकिन दुर्भाग्य से उनकी वापसी के बाद, आमिर अब वो आमिर नहीं रहे थे. मोहम्मद आमिर ने क्रिक इन्फो के उस्मान समीउद्दीन के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में मोहम्मद आमिर ने ख़ुद स्वीकार किया कि उनकी पांच साल की अनुपस्थिति ने उनके दिमाग़ के साथ-साथ उनके शरीर पर भी असर किया. लेकिन प्रशंसक उम्मीद कर रहे थे कि वह 2010 वाले ही मोहम्मद आमिर होंगे.

लेकिन वे नहीं थे और हम सब कुछ देख कर भी चुप रहे. हम किसी भी तरह से पुराना मोहम्मद आमिर वापस चाहते थे. अपनी वापसी के बाद, आमिर ने अपना अधिकांश क्रिकेट सरफ़राज़ अहमद के अधीन खेला और सरफ़राज़ ने उनका इतना इस्तेमाल किया कि वह थक गए.

वह थक कर भी हिम्मत नहीं हारना चाहता था. वह टेस्ट क्रिकेट को छोड़कर शॉर्ट फ़ॉर्मेट में अपनी पहचान बनाना चाहते थे. लेकिन यहां से उनके और पीसीबी के बीच दरार पैदा हो गई. एक स्टेज पर उनके और पीसीबी के बीच की इस दरार को भरने की भी कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी.

अगर पीसीबी टेस्ट क्रिकेट छोड़ने के लिए मोहम्मद आमिर पर गुस्सा था, तो यह किसी भी तरह से अनुचित नहीं था. यह पिछले दस वर्षों में पीसीबी का सबसे बड़ा निवेश था. प्रतिबंध के बावजूद, क्रिकेट बोर्ड ने उनका हर तरह से, हर मंच पर समर्थन किया. पीसीबी को मोहम्मद आमिर से बहुत उम्मीदें थीं.

अगर मोहम्मद आमिर हालिया सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की सूची से हटाए जाने को लेकर परेशान थे, तो यह भी कोई दूर की कौड़ी है. हम सभी जानते हैं कि मोहम्मद आमिर दुनिया भर में टी-20 लीग में खेलना चाहते हैं. लेकिन अगर उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की सूची में शामिल किया गया होता, तो वे निर्धारित संख्या से अधिक लीग नहीं खेल पाते. शायद एक फ्रीलांसर के रूप में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना, उनके लिए आर्थिक रूप से अधिक फ़ायदेमंद था.

पीसीबी को इसकी जांच करने की जरूरत है कि टीम ने उनके साथ व्यवहार किया और कोचेज़ ने उन्हें किस दर्दनाक माहौल में रखा. यदि कोई पूर्व ख़िलाड़ी अपने लंबे समय से चले आ रहे पूर्वाग्रहों के आधार पर किसी को निशाना बनाता है, तो यह व्यवहार किसी भी ड्रेसिंग रूम के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.

आमतौर पर रिटायरमेंट वह क्षण होता है जब भावनाएं उमड़ आती हैं और चारों ओर से भावनात्मक संदेश आते रहते हैं. लेकिन दुर्भाग्य से, मोहम्मद आमिर की अचानक रिटायरमेंट ने कई घावों को हरा कर दिया है. मुझे नहीं पता कि ये घाव कब भरेंगे. लेकिन फिलहाल केवल यही दुःख खाए जा रहा है, कि जिसको वसीम अकरम के रिकॉर्ड तोड़ने थे, उसका अपना दिल टूट गया.

और मोहम्मद आमिर का दिल क्या टूटा, करोड़ो क्रिकेट प्रशंसकों की रोमांटिक प्रेम कहानी इंटरवल पर ही समाप्त हो गई. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news