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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बलात्कार के आरोप, बीजेपी ने इस्तीफ़ा मांगा
20-Dec-2020 9:33 AM
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बलात्कार के आरोप, बीजेपी ने इस्तीफ़ा मांगा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने अब तक के सियासी करियर की सबसे बड़ी उलझन में फंस गए हैं.

मुंबई की एक युवती द्वारा उनपर लगाए गए बलात्कार के कथित आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनसे इस्तीफ़े की मांग की है.

बीजेपी ने इन आरोपों की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है.

बीजेपी ने कहा है कि यह जांच इसलिए जरूरी है, क्योंकि देश के राजनीतिक इतिहास की यह पहली घटना है, जब किसी मौजूदा मुख्यमंत्री पर बलात्कार के आरोप लगे हों.

वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने कहा है कि बीजेपी 'डर्टी पॉलिटिक्स' कर रही है.

इस बीच झारखंड हाईकोर्ट में दायर कराई गई एक जनहित याचिका (पीआईएल) में बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और दूसरे नेताओं पर झारखंड में सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.

बाबूलाल मरांडी के आरोप

तेजी से बदलते इन घटनाक्रमों के कारण राज्य की सियासत अचानक तेज हो गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दुमका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की.

उन्होंने कहा, "मुंबई की एक युवती ने मुख्यमंत्री पर बलात्कार का आरोप लगाया है. उसने यह भी कहा है कि हाल ही में उसका एक्सीडेंट हुआ और उसे शक है कि उसकी जान मारने की कोशिश की जा रही है. उसने इसकी शिकायत पुलिस से की है. उसकी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. ऐसे में नैतिकता का तकाजा यह है कि हेमंत सोरेन तत्काल इस्तीफा दें और जनता को सच बताएं. वे स्वयं इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करें और महाराष्ट्र सरकार इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश करे. ताकि, दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके."

"यह गंभीर आरोप है. अगर इसकी निष्पक्ष जांच नहीं करायी गई, तो हर रसूखदार आदमी अपनी हैसियत से लोगों को प्रभावित करता रहेगा और फिर प्रलोभन या दबाव देकर से मामलों मे समझौता करा लेगा. ऐसे में तो देश में अपराध रुकेगा ही नहीं."

बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा, "मैं यह मानता हूं कि हर संभ्रात और कानूनपसंद व्यक्ति का दायित्व बनता है कि वह इस घटना को लेकर सड़क पर उतरे और निष्पक्ष जांच की मांग करे. यह आरोप कोई साधारण आरोप नहीं है. हमें जानकारी मिली है कि आरोप लगाने वाली युवती ने भी बॉम्बे हाईकोर्ट में दरख्वास्त देकर इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की है."

क्या है मामला

दरअसल खुद को बॉलीवुड की स्ट्रगलर अभिनेत्री बताने वाली एक युवती ने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि हेमंत सोरेन ने साल 2013 के 5 सितंबर को मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में उनके साथ बलात्कार किया था. इस दौरान उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी.

इसके 45 दिन बाद उस युवती ने इस कथित घटना की शिकायत मुंबई के एक मेट्रोपोलिटन कोर्ट में की, लेकिन इसके 9 दिन बाद ही उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली और यह मामला बंद हो गया. हेमंत सोरेन उस दौरान भी झारखंड के मुख्यमंत्री थे.

अब उस युवती का 8 दिसंबर, 2020 का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने बांद्रा (मुंबई) पुलिस से इस पूरे मामले की शिकायत करते हुए इसकी फिर से जांच कराने की मांग की है.

मुंबई पुलिस के डीसी (जोन-9) अभिषेक त्रिमुखे ने शिकायती मेल की पुष्टि करते हुए मीडिया से कहा है कि पुलिस इसकी जांच कर रही है और हम बातों को वेरिफाई कर रहे हैं.

इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने उस वायरल पत्र को आधार बनाकर महाराष्ट्र के डीजीपी से जवाब तलब किया है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस संबंधित ट्वीट्स भी किए हैं.

मुंबई पुलिस ने शिकायती मेल की पुष्टि करते हुए मीडिया से कहा है कि पुलिस इसकी जांच कर रही है और हम बातों को वेरिफाई कर रहे हैं

आरोप लगाने वाली युवती गायब

हालांकि जिस युवती के पत्र के आधार पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की है, उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है.

उनका फोन नंबर बंद है और वे बीबीसी के तमाम मैसेजेज का जवाब देने कि लिए भी उपलब्ध नहीं हुईं.

मुंबई पुलिस को भी उन्होंने सिर्फ एक मेल किया था, जिसके बाद उनके मेल की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

अभी तक यह बात सार्वजनिक नहीं की गई है कि वे मुंबई पुलिस से स्वयं मिली हैं या नहीं.

बीजेपी की डर्टी पॉलिटिक्स: जेएमएम

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस पूरे प्रकरण को बेसलेस (आधारहीन) बताया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बीजेपी डर्टी पालिटिक्स कर रही है. जनता इसका जवाब देगी.

उन्होंने कहा कि क्या शिबू सोरेन का बेटा होना गुनाह है, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर इस तरह के गंदे आरोप लगाए जा रहे हैं. क्या यह नैतिक है कि एक बंद मामले को उखाड़ कर किसी की छवि खराब की जाए.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीबीसी से कहा, "यह सीधे तौर पर कैरेक्टर एसिसनेशन की कोशिश है और यह सही बात नहीं है. इसके खिलाफ लोअर कोर्ट (रांची सिविल कोर्ट) में पहले से ही मानहानि का मामला चल रहा है. मुख्यमंत्री जी ने बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ इस मामले में अपनी मानहानि का मामला दर्ज कराया था. कोर्ट उसकी सुनवाई कर रहा है. अभी उसपर कोई निर्णय आता, इससे पहले ही बीजेपी के नेताओं ने फिर से वही राग अलापना शुरू कर दिया."

"ये लोग (बीजेपी) साल भर में इतना घबरा गए हैं कि किसी भी स्तर पर जाकर कुछ भी कर सकते हैं. सात साल पुराना मामला, जिसका कहीं कोई एवीडेंस (प्रमाण) नहीं है. उसमें केवल एक चिट्ठी के आधार पर महिला आयोग का संज्ञान लेना यह साबित करता है कि बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का भी दुरुपयोग कर रही है. इससे उनकी मंशा पता चलती है. हाथरस के मामले में कल सीबीआई ने चार्जशीट दायर की. उस मामले में यूपी के डीजीपी ने कहा था कि रेप नहीं हुआ है. महिला आयोग ने उस मामले में क्यों नहीं संज्ञान लिया. ऐसी कई घटनाएं हो रही हैं जिन पर महिला आयोग ने कोई नोटिस नहीं लिया. लेकिन, एक ऐसा मामला जो कई साल पहले बंद हो गया और जिसका कोई आधार नहीं है, उसमें महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान ले लिया. जनता यह सब समझ रही है. इसका जवाब भी देगी."

सरकार गिराने की साजिश

इस बीच बीजेपी के नेताओं पर सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप भी लगे हैं. रांची की एक सामाजिक कार्यकर्ता जहां आरा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाने वाली युवती के कॉल रिकॉर्ड और बैंक स्टेटमेंट की जांच सीआईडी से कराने की मांग की है.

उनका आरोप है कि बीजेपी झारखंड में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रच रही है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और राज्य सरकार को प्रतिवादी बनाया है.

उनके अधिवक्ता राजीव कुमार बीबीसी से कहा, "बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कुछ समय पहले दुमका में कहा था कि वे दो माह में सरकार गिरा देंगे. उनके संपर्क में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 10-12 विधायक हैं. तब नंदकिशोर सिंह नामक व्यक्ति ने उनके खिलाफ दुमका सदर थाना में देशद्रोह की एफआईआर भी कराई थी. इसकी जांच तेजी से कराई जानी चाहिए. इसके साथ ही यह जांच झारखंड सीआईडी से कराई जानी चाहिए कि जिस युवती ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रेप के लगाए, वह किन-किन बीजेपी नेताओं के सपर्क में रही हैं. उसके फोन रिकार्ड और बैंक स्टेटमेंट की जांच हो, ताकि पता चल सके कि वह किसके इशारे पर ऐसे आरोप लगा रही है. क्योंकि, बीजेपी के नेता झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश लंबे वक्त से कर रहे हैं और ये ताजा आरोप भी उसी सिलसिले में लगाए गए हैं. इसका सच सीआईडी जांच से ही सामने आ सकेगा." (bbc)

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