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डिफेंस बिल को रोकने में डॉनल्ड ट्रंप की नाकामी
29-Dec-2020 7:28 PM
डिफेंस बिल को रोकने में डॉनल्ड ट्रंप की नाकामी

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डेमोक्रैटिक पार्टी के बहुमत वाली संसद के निचले सदन ने रक्षा नीति बिल पर डॉनल्ड ट्रंप के वीटो के खिलाफ प्रस्ताव भारी मतों से पास कर दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप के लिए यह पहला मौका है जब उनका वीटो संसद में खारिज होगा.

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अमेरिका, 29 दिसंबर | निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में वीटो को खारिज करने का प्रस्ताव 87 के मुकाबले 322 मतों से पारित हुआ. राष्ट्रपति के वीटो को दरकिनार करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है लेकिन उससे कहीं ज्यादा वोट इस प्रस्ताव को हासिल हो गए. प्रस्ताव पर संसद के ऊपरी सदन सीनेट में भी इसी हफ्ते मतदान होगा और वहां से भी इसे दो तिहाई मतों से पारित कराना होगा.

क्या है डिफेंस बिल

डिफेंस बिल का नाम है नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट या एनडीएए. इसमें सैनिकों के लिए तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि और 740 अरब डॉलर के सैन्य कार्यक्रमों और निर्माण को मंजूर दी गई है. डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते डिफेंस बिल को खारिज कर दिया था. उनका कहना था कि यह बिल सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम कसने में नाकाम है. ट्रंप सोशल मीडिया पर उनके चुनाव अभियान के दौरान भेदभाव वाला रवैया अपनाने का आरोप लगाते हैं. ट्रंप ने मित्र नेताओं के सम्मान में बाकी बचे सैन्य अड्डों को जारी रखने की बात कहने वाले प्रस्ताव की भाषा का भी विरोध किया था. बिल में अफगानिस्तान और जर्मनी से सैनिकों की वापसी के लिए कुछ शर्तें लगाई गई हैं.

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की सभापति नेन्सी पेलोसी ने मतदान के बाद कहा कि सदन ने अपना हिस्से का काम कर दिया है ताकि "राष्ट्रपति की ओर से रुकावट डालने की खतरनाक कोशिशों के बावजूद" एनडीएए को कानून बनाना सुनश्चित किया जा सके. पेलोसी के मुताबिक ट्रंप का अंधाधुंध वीटो अमेरिकी सैनिकों को खतरनाक काम के भत्ते से वंचित कर देगा. उनका यह भी कहना है कि वीटो से वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए संरक्षण खत्म होगी और नस्लवाद को रोकने जैसे अमेरिकी मूल्य कमजोर होंगे. 

रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जिम इनहोफे सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन हैं. उन्होने कहा कि यह बिल "हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिकों के लिए बेहद जरूरी है. वर्दी पहनने के लिए आगे आने वाले हमारे मर्द और औरतों को उस चीज से वंचित नहीं किया जाना चाहिए जिसकी उन्हें हमेशा से जरूरत है."

आखिरी समय में कमजोर पड़े ट्रंप

डॉनल्ड ट्रंप ने चार साल के कार्यकाल के दौरान संसद में पार्टी के भीतर एक तरह का अनुशासन लागू किया है जिसमें सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ कम ही रिपब्लिकन सांसदों ने आवाज उठाई है. जिस तरह से दोनों पार्टियों के सांसदों ने इस लोकप्रिय डिफेंस बिल के पक्ष में वोट दिया है उससे व्हाइट हाउस से ट्रंप की विदाई के पहले आखिरी हफ्तों में उनके घटते असर का अंदाजा हो जाता है. इस बिल पर वोटिंग के कुछ ही मिनटों पहले 130 सांसदों ने ट्रंप की उस प्रस्ताव के खिलाफ भी वोट दिया जिसमें कोविड 19 के लिए 2000 डॉलर की रकम राहत के रूप में अमेरिकी लोगों को देने की योजना थी. निचले सदन ने बढ़ी रकम के प्रस्ताव को तो मंजूरी दे दी लेकिन रिपब्लिकन सांसदों के बहुमत वाले ऊपरी सदन से इसका पास होना मुश्किल है.

ट्रंप ने डिफेंस बिल को वीटो करने के पीछे कई कारण दिए. उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि वो ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कुछ रोक लगाएं. ट्रंप का दावा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उनके साथ भेदभाव करते हैं. इसके साथ ही वो फोर्ट बेनिंग और फोर्ट हुड जैसे सैनिक अड्डों का मित्र नेताओं के सम्मान में नाम बदलने के प्रस्ताव को भी हटाना चाहते थे. ट्रंप ने बिना सबूतों के दावा किया कि डिफेंस बिल का सबसे बड़ा फायदा चीन को होगा. कई सासंदों ने चीन को लेकर ट्रंप की आशंकाओं से इनकार किया है और यह भी कहा है कि ट्रंप वीटो के पीछे अपने कारण बदल रहे हैं.

अफगानिस्तान और जर्मनी से सैनिक वापसी

ट्रंप ने अपने वीटो संदेश में यह भी कहा कि बिल विदेश नीति को चलाने में उनकी क्षमता को सीमित करेगा, "खासतौर से हमारे सैनिकों को घर वापस बुलाने में." ट्रंप बिल की उन बातों का जिक्र कर रहे थे जिनमें जर्मनी और अफगानिस्तान से हजारों की तादाद में सैनिकों को वापस बुलाने की उनकी योजना के लिए शर्तें रखी गईं थीं. ट्रंप सैनिकों की वापसी चाहते हैं लेकिन बिल में कहा गया है कि इसके लिए रक्षा विभाग को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी जिसमें इस बात की पुष्टि होगी कि सैनिकों की प्रस्तावित वापसी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डालेगी.

डिफेंस बिल पर वीटो का विरोध करने वालों में 212 डेमोक्रैट और 109 रिपब्लिकन के साथ एक निर्दलीय सांसद शामिल थे. डेमोक्रैटिक पार्टी के 20 और 66 रिपब्लिकन सांसद और एक निर्दलीय सांसद ने वीटो को जारी रखने के पक्ष में वोट दिया. डिफेंस बिल को सीनेट ने 13 के मुकाबले 84 मतों से इसी महीने मंजूरी दी थी.

ट्रंप ने आठ दूसरे बिलों को भी वीटो किया लेकिन उन बिलों के समर्थक दोनों सदनों में दो तिहाई वोट जुटाने में नाकाम रहे. दो तिहाई वोट मिलने के बाद ही किसी बिल को बिना राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ कानून में बदला जा सकता है.

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