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किसी देश की संसद में बने कानून पर दूसरे देशों की संसद में चर्चा नहीं होनी चाहिए : बिरला
16-Mar-2021 2:29 PM
किसी देश की संसद में बने कानून पर दूसरे देशों की संसद में चर्चा नहीं होनी चाहिए : बिरला

नई दिल्ली, 16 मार्च : अंतर-संसदीय संघ के अध्यक्ष दुआरते पचेको इन दिनों भारत दौरे पर हैं. संसद में आईपीयू अध्यक्ष दुआरते पचेको का जोरदार अभिनंदन किया गया. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हर देश की अपनी सम्प्रभुता है और किसी देश के अंदरूनी विषयों या उसकी संसद में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसद में चर्चा नहीं होनी चाहिए . लोकसभा सचिवालय के अनुसार, बिरला ने पचेको से कहा, ‘‘हर देश की अपनी संप्रभुता है. इसको मद्देनजर रखते हुए आवश्यक है कि किसी देश के अंदरूनी विषयों या उसकी संसद में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसद में चर्चा नहीं होनी चाहिए.''समझा जाता है कि उनका संकेत ब्रिटेन की संसद में हाल में किसानों के मुद्दे पर हुई चर्चा की ओर था .उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी.

अंतर संसदीय संघ के साथ भारत के मजबूत ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत की हजारों वर्षों से समृद्ध लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परंपरा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संविधान ने हमें समृद्धि का मार्ग दिखाया है.'' उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के जल्द ही 75 वर्ष पूरे होने का भी जिक्र किया. बिरला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन और परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिये भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए पुर्तगाल सरकार की सराहना की.

कोविड-19 की चुनौतियों का जिक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने सदैव एक जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय भागीदार की भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि भारत ने 154 से अधिक देशों को कोविड-19 संबंधी उपचार सामग्री की आपूर्ति की है और कोविड-19 महामारी से निपटने में सहयोग किया. बिरला ने कहा कि भारत, कोविड-19 टीकों के निर्माण के मामले में अपनी क्षमता के लिए, ''विश्व की फार्मेसी' के रूप में उभरा है. (भाषा)
 

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