राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 4 मई। छुईखदान इंदिरा गाधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अंतर्गत संचालित कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्रए छुईखदान में छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार अक्षय तृतीया के अवसर पर 3 मई को अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस व्यापक रूप से मनाया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते कार्यक्रम अधिकारी डॉ. बीएस असाटी ने किसानों को अपने उदबोधन में अक्ती तिहार के महत्व के बारे में बताया। इसी कड़ी में अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय छुईखदान डॉ. एनके रस्तोगी ने बताया की कृषको को जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अलावा उन्हें दलहनी एवं तिलहनी फसलों का उत्पादन लेना चाहिए, ताकि हमारा प्रदेश स्वावलंबी बन सके तथा दूसरे प्रदेशों पर बीजों के लिए निर्भरता कम हो सके।
सहायक प्राध्यापक डॉ. ओम नारायण वर्मा ने किसानों को बीज की शुद्धता व बीजों के अंकुरण प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने मूंग का अंकुरण परीक्षण एव धान की बीजोपचार कर किसानों को बताया। सहायक प्राध्यापक राजेश्वरी कुर्रे ने किसानों को मशरूम उत्पादन तकनीक बीजोपचार, मृदा उपचार, जैविक कीटनाशक तथा फसलों में लगने वाले विभिन्न बीमारियों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। सहायक प्राध्यापक डॉ. इंद्रपाल सिंह पैकरा ने कहा कि किसान के लिए यह प्रथम तिहार के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलाम्बर वर्मा ने छत्तीसगढ़ सरकार की योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाडी को बढ़ावा देने के साथ-साथ जैविक कृषि को बढ़ावा देने की बात कहीं एवं महाविद्यालय प्रक्षेत्र के विकास कार्यों के लिए 400 रुपए की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
छुईखदान जनपद अध्यक्ष नीना विनोद ताम्रकार ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम से कम हो। जिससे रसायन मुक्त फल एवं सब्जियां प्राप्त हो सके। जिला पंचायत सदस्य विजय वर्मा ने छत्तीसगढ़ की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया तथा ग्रामीण स्तर पर ज्यादा से ज्यादा लागू करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में उन्नतशील कृषक सौरभ जंघेल, रवि साहू एवं मनहरण वर्मा को बेहतर कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। महाविद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिता निबंध, रंगोली, कविता आदि कार्यक्रमों के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र दिया गया। कार्यक्रम में छुईखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पार्तिका संजय महोबिया, गौठान ग्रामों के सरपंच, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, महाविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।