महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 सितंबर। पूज्य गुरु संवरबोधि के सानिध्य में जैन समाज का दो दिवसीय योग शिविर डॉ. भीमराव अंबेडकर मांगल भवन में आयोजित हुआ। शिविर में जयपुर से पधारे योगगुरु अंकाराम ने दोनों दिन प्रात: लोगों को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने का तरीका बताते हुए कुछ महत्वपूर्ण योगासन कराया।
उन्होंने बताया कि किस तरीके से ऑक्सीजन का अधिक से अधिक सेवन लाभदायी होता है। योगगुरु अंकाराम ने बैठने और उठने के तरीके को भी बड़ी सूक्ष्मता से समझाया। संगीत में झूमते हुए सभी ने दोनों दिन इस शिविर के माध्यम से अपने तन और मन को खुश रखने का गुर प्राप्त किया। पहले दिन दोपहर को वल्लभ भवन में योग के माध्यम से चिकित्सा कार्यक्र में उन्होंने बताया कि बड़े से बड़ा रोग भी योग के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
उन्होंने योग के साथ-साथ संतुलित आहार का महत्व भी बताया। विभिन्न प्रकार के रोग जैसे कमर दर्द, घुटने का दर्द, सर्वाइकल, माइग्रेन, आंखों की रोशनी आदि विभिन्न तकलीफों के इलाज के लिए अनेक योगासन की जानकारी दी। योगगुरु ने भलेसर स्थित गौशाला जाकर गौशाला प्रमुखों को सफल संचालन के लिए बधाई दी।
शिविर के प्रथम दिन रात्रि 7.30 से 9 बजे तक ओंकार ओशो ध्यान का आयोजन किया गया। दूसरे दिन बल्लभ भवन में योगाचार्य ने मोटिवेशन और कैरियर कंसल्टेशन का कार्यक्रम किया। जैन श्री संघ के सचिव रितेश गोलछा ने बताया कि ढाकाराम का जयपुर में आठ सेंटर है जहां प्रतिदिन अनेक लोग विभिन्न रोग समस्याएं लेकर आते हैं और गुरुजी के इलाज से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हैं। इनके अलावा शिविर में जयपुर से पधारे वीर संकल्प संस्थान के संस्थापक अशोक जैन ने श्री संघ को बताया कि उनकी संस्था परम पूज्य प्रेरणा से जयपुर में एचआईवी एवं कैंसर से पीडि़त बच्चों के लिए लगातार काम कर रही है।
पिछले साल संस्था ने आंख के कैंसर से पीडि़त 5 बच्चों का नि:शुल्क सफल ऑपरेशन करवाया। यदि छत्तीसगढ़ में ऐसे बच्चे की जानकारी मिलती है तो उसका भी इलाज उनकी संस्था द्वारा नि:शुल्क कराया जाएगा।
शिविर में जैन समाज के ट्रस्टी राजेश लूनिया, प्रदीप झाबक, जितेंद्र वैद और रितेश गोलछा सहित सभी समाज के अनेक लोग मौजूद थे। शिविर को सफल बनाने में तिलक साव, रौनक कोठारी, हेमंत झाबक, सुशील बोधरा, ललितांग गोलछा, संकल्प पारख, दर्शन झाबक, वैभव झाबक, गोपी बरडिया, मोहित इसरानी, नारायण सिंघ गुरुदत्ता सहित अनेक लोगों का योगदान रहा। उक्त जानकारी जैन श्री संघ के सचिव रितेश गोलछा ने दी।