महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 सितंबर। निजी स्कूल संचालकों ने कल दोपहर एक पत्रकार वार्ता लेकर कहा कि सरकार आरटीई के तहत मिलने वाली राशि सालों से नहीं दे रही है। इससे स्कूल संचालन में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। आरटीई की राशि के दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ रहा है। बीईओ कार्यालय में जवाब नहीं मिलता तो राज्य कार्यालय जाना पड़ता है लेकिन वहां बी समस्या का समाधान नहीं होता। स्कूल संचालकों ने आज पांच सितंबर शिक्षक दिवस को अपने स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया और जिले के तमाम निजी स्कूल आज बंद भी हैं।
प्रेस क्लब में निजी विद्यालय संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. जार्ज रावटे, महासचिव सुरेश कुमार राणा, माधव राव टांकसाले, राजेश कुमार तिवारी और राकेश श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 की आरटीई की राशि विभाग ने रोक रखी है। जिसमें आरटीई के तहत जिले का लगभग 5 से 6 करोड़ बकाया है। इसके अलावा पिछले 12 सालों से सरकार ने आरटीई की राशि में कोई वृद्धि भी नहीं की है। जबकि महंगाई कहां से कहां पहुंच गई है।
इनका कहना है कि निजी स्कूलों में बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए शासन का जबरदस्त दबाव रहता है। जब हमारे स्कूलों के 25 प्रतिशत विद्यार्थियों की राशि स्कूलों को मिलेगी ही नहीं तो स्कूल कैसे चलेगा। इससे अलग बात यह है कि बार-बार स्कूलों की कमियां बताकर प्रशासन द्वारा राशि रोक दी जाती है। इसीलिए अब प्रदेश संगठन ने आंदोलन करना तय किया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के निजी विद्यालयों की समस्याओं को लेकर पिछले कई वर्षों से शासन-प्रशासन से विभिन्न स्तरों पर लगातार बातचीत की जाती रही है पर आज तक कोई परिणाम नहीं निकला। अपनी मांगों को लेकर अब प्रदेश निजी विद्यालय संघ ने आंदोलन का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया है। आगामी 23 सितंबर को प्रदेश के समस्त जिला संगठन के पदाधिकारियों की बैठक रायपुर में आहूत की गई है। जिसमें अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तय होगी। इसी क्रम में सर्वप्रथम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन विद्यालय बंद कर शिक्षक दिवस कार्यक्रम नहीं मनाने और काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया गया।