महासमुन्द
25 खण्डपीठों का गठन कर किया मामलों का निराकरण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 दिसंबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद,छग के सचिव दामोदर प्रसाद चन्द्रा से मिली जानकारी अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश,भीष्म प्रसाद पांण्डेय के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में शनिवार को जिला न्यायालय महासमुंद सहित तहसील स्थित पिथौरा, सरायपाली, बसना और बागबाहरा स्थित सिविल, श्रम, जिला पंचायत एवं राजस्व न्यायालयों सहित कुल 25 खण्डपीठों का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकों के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री.लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि. की धारा.138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा.135 क के तहत विद्युत चोरी के मामले, सिविल मामले भी नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों में उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्रकरणों का निराकरण किया गया।
इसी प्रकार प्री.लिटिगेषन संबंधीत मामलों में विभिन्न बैंकों रिकव्हरी के कुल 3301 प्रकरण, विद्युत संबंधित 3473 प्रकरण, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के सम्पति कर व जल कर के एक तथा श्रम विभाग से संबंधित 240 प्रकरणों एवं राजस्व न्यायालय एवं जिला पंचायत मनरेगा के 36169 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
जिला एवं तहसील स्थित न्यायालयों में लंबित सिविल वाद, दांडिक मामलों, मोटर दुर्घटना दावा, चेक अनादरण के प्रकरण, इत्यादि के 1458 मामलों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर निराकरण किया गया और उनमें 3 करोड़, 97 लाक, 89 हजार 832 रुपए की राशि के आवार्ड पारित किए गए। मालूम हो कि कल 16 दिसंबर 2023 को पूरे राज्य भर में उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में एक साथ हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसके सफल आयोजन हेतु विगत कई माह से अनवरत तैयारी की जा रही थी और पक्षकारों को नियत सुनवाई दिनांक के पूर्व राजीनामा हेतु नोटिस प्रेषित कर प्री.सीटिंग कर राजीनामा करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था।
नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासमुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।