महासमुन्द
दुकानों को मकान बता कर सरपंच को बचा रहा पटवारी-आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 27 दिसंबर। लाखागढ़ ग्राम के स्कूल की जमीन पर सरपंच के भाई द्वारा बनाई गई 8 दुकानों को तहसीलदार पिथौरा द्वारा मकान बताकर बेजा कब्जा हटाने का आदेश पारित किया है। इसके अलावा 1000 रुपये का जुर्माना भी किया गया है।
ग्राम लाखागढ़ की युवा समिति के पोमल कोसरिया एवं तारेश कोसरिया ने लाखागढ़ के पटवारी पर आरोप लगाया है कि उसने स्कूल को जमीन पर बन रही दुकानों को मकान बता कर सरपंच को बचाने का प्रयास किया है।
नगर से लगे ग्राम पंचायत लाखागढ़ में गड़बड़ी की परतें लगातार खुलती जा रही है।पूर्व में गोठान निर्माण में भारी गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है और ग्राम के सरपंच सचिव के ऊपर रिकबरी निकाल कर राशि वसूलने की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद ग्राम के युवाओं ने ग्राम के एक सरकारी स्कूल की बाउंड्री में ही बगैर शासन की अनुमति के ही 8 दुकानें बना कर उन्हें बेचने का सौदा भी किया जा चुका था।परन्तु पोमल कोसरिया एवम तारेश कोसरिया द्वारा आपत्ति किये जाने पर दुकानों का कार्य रोक दिया गया था।
इसके बाद तहसीलदार की अदालत में हुई सुनवाई में अपीलकर्ताओं की अपील पर सुनवाई के पश्चात उक्त स्कूल के सामने की कब्जायुक्त भूमि से कब्जा हटाने के आदेश तहसीलदार पिथौरा द्वारा पारित कर दिया गया।
छग भू राजस्व संहिता के तहत कार्यवाही
तहसीलदार ने अपने आदेश में लिखा है कि हल्का पटवारी द्वारा ग्राम लाखागढ़, प.ह.नं. 10 तहसील पिथौरा के शासकीय आबदी भूमि, मद ख.नं. 110 रकबा 0.6000 हे. में से 0.029 हे. भूमि पर अनायेदक सोमेश्वर पिता महादेव,, साकिन-लाखागढ़, अतिक्रमण किया गया है प्रतिवेदन, अनावेदक के जवाब से स्पष्ट होता है कि, अनावेदक द्वारा वादभूमि पर अतिक्रमण कर मकान बना रहा है। अनावेदक के विरूद्ध छ.ग.भू.रा. संहिता 1959 की धारा 248(1) के तहत् रूपये 1000.00 (अक्षरी एक हजार रूपये मात्र /-) अर्थदण्ड आरोपित कर अतिक्रमित भूमि से बेजा कब्जा हटाये जाने का आदेश पारित किया जाता है।
प्रकरण में अनावेदक द्वारा धारा 52(1) के तहत आवेदन पेश किया गया है।
पटवारी ने दुकान को मकान लिखा-कोसरिया
पूरे मामले की शिकायत करने वाले पोमल एवं तारेश ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि क्षेत्र के पटवारी द्वारा स्थल निरीक्षण के दौरान सरकारी स्कूल की जमीन में बन रही दुकानों को मकान बता कर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे है। पूरे मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से कर पटवारी पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।