महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 जनवरी। कलेक्टर प्रभात मलिक की अध्यक्षता में कल कलेक्टोरेट के महानदी सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक हुई। बैठक में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा व सरायपाली विधायक चातुरीनंद विशेष रूप से उपस्थित थे।
श्री मलिक ने जिले के वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई जलाशयों से रबी फसल सिंचाई तथा निस्तारण हेतु आवश्यक जल को सुरक्षित रखने के संबंध में समीक्षा की। बैठक में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा कि किसानों की मांग और जलभराव के आधार पर रबी फसल सिंचाई हेतु किसानों को जल प्रदाय किया जाए।
उन्होंने कहा कि नहर में जल प्रवाह के दौरान किसी तरह नहर के तटों को काटकर पानी के उपयोग पर पाबंदी लगाया जाए। कोशिश हो कि अंतिम छोर तक पानी खेतों तक पहुंचे। उन्होंने कोडार जलाशय से प्रस्तावित 11 ग्रामों के अलावा ग्राम गढ़शिवनी को भी रबी
फसल हेतु पानी देने की बात कही।
इसी तरह सरायपाली विधायक चातुरीनंद ने अंचल के पानी रिसाव व नहरों के मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाने कहा तथा जलाशयों के गेट से होने वाले लिकेज को मरम्मत कर सुधरवाने के निर्देश दिए। बैठक में जिले के सभी जलाशयों में जल भराव की स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक में बसना विधायक प्रतिनिधि प्रकाश चंद्रा, मोहन साहू, बंटी शर्मा, जल उपयोगिता समिति के सदस्य, जनपद सभापति रमाकांत ध्रुव, सदस्य सत्यभान जेंड्रे, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उमेश साहू, जल संसाधन विभाग के समस्त अनुविभागीय अधिकारी, कृषि उप संचालक एफआर कश्यप, पीएचई डीपी वर्मा मौजूद थे।
कलेक्टर प्रभात मलिक ने जलभराव की स्थिति की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों के मांग के अनुरूप और जलभराव की स्थिति के अनुरूप पानी देना सुनिश्चित करें। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों को अपने-अपने केचमेंट एरिया में किसानों से चर्चा करते हुए निस्तार एवं रबी फसल सिंचाई की आवश्यकता के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जलाशयों व नहरों के मरम्मत के लिए आवश्यक मांग व प्रस्ताव बनाकर देवें ताकि आगामी बजट सत्र में इसे जोड़ा जा सके।
जल भराव की दी जानकारी
ार्यपालन अभियंता जलसंसाधन एच आर यादव ने जानकारी दी कि जिले में एक वृहद परियोजना कोडार जलाशय एक मध्यम परियोजना केशवा नाला जलाशय तथा एवं अन्तरराज्यीय परियोजना अपर जोंक परियोजना नहर प्रणाली है। इसके अलावा संभाग अन्तर्गत 129 लघु सिंचाई परियोजनाएं तथा व्यपवर्तन योजनाएं निर्मित है।
उन्होंने अब तक जल भराव की जानकारी देते हुए बताया गया कि कोडार जलाशय बांध में खरीफ फसल सिंचाई के पश्चात अब तक 76.62 मिघमी जलभराव शेष है। ग्रीष्म ऋ तु में निस्तारी तालाबों को जल प्रदाय एवं न्यूनतम जल आरक्षण हेतु सुरक्षित रखने के उपरांत लगभग 32.46 मिघमी को उपयोग किया जा सकता है। क्षमता के अनुरूप 11 ग्रामों के 1306 हेक्टेयर क्षेत्र में दायीं तट नहर प्रणाली से जल प्रदाय किया जा सकता है।
जल संसाधन के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि वर्तमान में 28 जलाशयों में रबी सिंचाई हेतु जल भराव उपलब्ध है।
कृषकों के मांग एवं जल भराव के आधार पर इन जलाशयों से रबी सिंचाई हेतु 37 ग्राम के 1047 हेक्टेयर क्षेत्र में जल प्रदाय किया जा सकता है।