महासमुन्द
महासमुंद, 8 मार्च। महाशिवरात्रि पर शिवालयों में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। खासकर सिरपुर स्थित गंधेश्वर महादेव में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ सुबह से देखी गई।
गंधेश्वर महादेव के बारे में कहा जाता है कि इस शिवलिंग से समय-समय पर अलग-अलग तरह की सुगंध आती रहती है। इसीलिए इन्हें गंधेश्वर शिव कहते हैं। गंधेश्वर महादेव की महिमा को देखते हुए इसे बाबा धाम भी कहा जाता है। यह मंदिर महानदी के तट पर स्थित है। इस अद्भूत शिवलिंग का निर्माण आठवीं सदी में बालार्जुन के समय में बाणासुर ने कराया था।
पुरातत्व विभाग से जुड़े गाइड सत्यप्रकाश ओझा कहते हैं कि यह शिवलिंग यहां पुरातत्व विभाग को खुदाई से नहीं बल्कि आदीकाल से स्थित है। वैसे तो सिरपुर में अनेक शिवलिंग हैं। लेकिन पुरातत्व विभाग को खुदाई के दौरान अलग से 21 शिवलिंग मिले हैं। खुदाई में प्राप्त शिवलिंगों में भगवान गंधेश्वर की तरह खुशबू नहीं आती। इस मंदिर का काफी हिस्सा सालों पहले पानी और भूकंप के कारण भूमिगत हो गया था। जिसे फिर से रिनोवेट कराया गया है। यहां सावन महीने में हजारों के तादात में कांवरिया दूर-दूर से जल चढ़ाने आते हैं।