महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 19 मार्च। गर्मी का मौसम शुरू होते ही महुआ का फूल जमीन पर गिरने लगा है। इन दिनों वनांचल ग्रामों में महुआ के फूल खूब टपक रहे हैं। ग्रामीण सुबह से ही महुआ फूल का संग्रहण करने खेतों और जंगलों का रुख कर रहे हैं। जंगल में जिस भी स्थान पर भी महुआ का पेड़ है, उसके चारों ओर महुआ फूल की मादक खुशबू बिखर रही है। इससे राहगीर भी आकर्षित हो रहे हैं।
मालूम हो कि राज्य का एक प्रमुख वनोपज महुआ फूल भी है जो अब तैयार हो चुका है। महुआ फूल समेटने के लिए ग्रामीण पूरे परिवार के साथ सुबह से ही जंगलों व खेतों की ओर चले जाते हैं। सूर्य के चढ़ते ही पेड़ से फूल गिरना कम होता जाता है। वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण परिवार के लिए महुआ आज भी आय का एक प्रमुख स्रोत है।
जैसे ही महुआ के पेड़ों पर फूल आने शुरू होते हैं, ग्रामीण पेड़ों के आसपास की सफाई करके रखते हैं ताकि जब फूल गिरे तो वह साफ रहे और उसे बीनने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। वहीं कई लोग तो पेड़ के नीचे चारों ओर कपड़ा भी बिछाकर रखते हैं। ताकि फूल गिरने पर सीधे ही कपड़े सहित उसे उठायाजा सके। फूल को इक_ा करने के बाद वे इसे सुखाकर घर में रख लेते हैं तथा बाद में विक्रय कर इससे राशि अर्जित करते हैं। हालांकि बढ़ रहे शहरीकरण व अन्य आवश्यकता के लिए पेड़ों की कटाई होने के कारण अब महुआ के पेड़ भी बहुत कम ही बचे हैं।