महासमुन्द
पुलिस ने प्रार्थी को भी सुसाइड नोट की कॉपी भी उपलब्ध नहीं कराई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 19 मार्च। युवा इंजीनियर अनिमेष रघुवंशी सुसाइड मामले में लंबे समय बाद कल शाम मामला दर्ज किया गया है। परिजनों का कहना है कि काफी मिन्नतों के बाद मामला दर्ज हो सका है लेकिन सूदखोरों का नाम उजागर करने में पुलिस के हांथ-पांव अभी भी कांप रहे हैं। छोटे-मोटे अपराधों के आरोपियों को पकडक़र अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस इस मामले में गिरफ्तारी की बात तो अलग है, सूदखोरों का नाम लेने से डर रही है। आखिरकार क्यों इस मामले में सूदखोरों के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है?, यह चर्चा आम है। इसके अलावा एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने ऑनलाइन एफआईआर पोर्टल समाधान एप पर भी इसे सेंसेटिव बताकर एफआईआर लॉक किया हु्आ है।
हकीकत तो यह भी है कि आदर्श आचार संहिता लगने की वजह से शहर के जनप्रतिनिधि भी इस मामले को लेकर आवाज उठाने से हिचकिचा रहे हैं। हालांकि काफी विलंब के बाद सोमवार की शाम एफआईआर दर्ज कर ली गई। लेकिन एफआईआर के बाद भी आरोपियों के नाम पुलिस उजागर नहीं कर रही है। और तो और मीडिया को हर रोज मिलने वाली डीएसआर में भी आरोपियों का नाम दर्ज नहीं है।
मृतक अनिमेष रघुवंशी के पिता प्रकाश रघुवंशी व अनिमेष की पत्नी पूनम वर्मा कल सुबह 11 बजे रायपुर से महासमुंद सिटी कोतवाली रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे थे। दिन भर बीत जाने के बाद अंतत: रात 9 बजे के आसपास उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई। इस बीच पूनम कोतवाली परिसर में अपने दूधमुंहे बच्चे को लेकर घंटों एफआईआर दर्ज किये जाने की प्रतीक्षा करती रही। बाद सूदखोरों से पीडि़त कुछ दूसरे युवा लगातार इस मामले को लेकर अधिकारियों से संपर्क करते रहे। तब कहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज की गई। मामले में धारा 306 के तहत आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि सूदखोरों से त्रस्त युवा इंजीनियर अनिमेष रघुवंशी ने महावीर पार्क परसकोल रोड स्थित एक किराये के मकान के कमरे में 11 मार्च को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जानकारी मिलते ही परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस को अनिमेष की लिखी एक सुुसाइडल नोट भी मिली है। जिसमें लिखा था कि उसने शहर के ही कुछ सूदखोरों से उधार में रुपए लिये थे। आत्महत्या के पहले 8-10 दिनों से सूदखोर अनिमेष को रोजाना फोन पर, कभी घर पहुंकर ब्याज की रकम के लिये हलाकान करने लगे थे। लाखों के कर्ज की वजह से वह कुछ दिनों से वह बहुत परेशान था।
सोमवार दिन भर मामले को लेकर जब कोतवाली से जानकारी मांगी जा रही थी तो मीडिया कर्मियों को एक टेबल से दूसरे टेबल घुमाया जा रहा था। पुलिस विभाग के एक बड़े अफसर ने मोबाइल पर जानकारी मांगने पर कहा कि मैं नामों की जानकारी देने में असमर्थ हूं। नाम का खुलासा होने पर आरोपी फ रार हो जाएंगे। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने प्रार्थी को एफआईआर की कॉपी दी है। आप उनसे नाम ले लें। सवाल यह उठता है कि यदि ऐसा मीडिया वालों ने कर लिया तो क््या मामले की संवेदनशीलता खत्म नहीं होगी। क्या तब क्या आरोपी फरार नहीं होंगे?
महावीर पार्क निवासी इंजीनियर अनिमेष रघुवंशी 37 वर्ष की आत्महत्या मामले में सुसाइड नोट में लिखे कारणों को जानने के लिये अनिमेष के मित्र और रिश्तेदार कोतवाली पहुंचकर प्रयास करते रहे। शनिवार को मृतक की पत्नी पूनम को फिर एक बार सुसाइड नोट पढ़ाया गया। जिसमें शहर के ही 3 बड़े सूदखोरों के नाम का उल्लेख है। लेकिन पुलिस ने प्रार्थी को भी सुसाइड नोट की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई। मृतक की पत्नी ने छत्तीसगढ़ अखबार को सूदखोरों का नाम बताया है लेकिन जब तक प्राधिकृत अधिकारी से नाम की जानकारी न मिले, प्रकाशित करना असंभव है।