महासमुन्द
रात में जिला अस्पताल पहुंचने वाले इमरजेंसी केस रायपुर भेजे जा रहे
एक सर्जन का स्थानांतरण और एक मातृत्व अवकाश पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 2 मई। मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में पखवाड़े भर से रात्रि में सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा बंद हो गई है। रात में इमरजेंसी में लाई गई गर्भवती माताओं को सीधे रायपुर रेफर कर दिया जा रहा है। फलस्वरूप प्रसूता के लिए जहां खतरा बढ़ जाता है। वहीं परिजनों पर आर्थिक भार भी बढ़ जाता है। यहां एक सप्ताह भर से एक्स रे मशीन भी खराब है। जिसकी वजह से मरीजों को प्राइवेट नर्सिंग होम में जाकर अधिक कीमत चुकाकर एक्सरे कराना पड़ रहा है।
अस्पताल में बीते सप्ताह भर में करीब 2 हजार से अधिक लोग एक्सरे कराने से वंचित रह गए। हालांकि लोगों की मांग पर एक और एक्सरे मशीन की सुविधा शुरू करने की बात की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद लोग खुश थे कि उन्हें अब विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन, सिजेरियन ऑपरेशन आदि के लिए राजधानी जाकर समय व पैसे की बर्बादी नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी यहां सिजेरियन ऑपरेशन को लेकर माकूल इंतजाम नहीं है। कोई पखवाड़े भर से यहां नाइट शिफ्ट में सिजेरियन ऑपरेशन बंद है। फलस्वरूप यहां से प्रसूति के इमरजेंसी के केस सीधे रायपुर रिफर किये जा रहे हैं। इससे प्रसूताओं के साथ-साथ उनके परिजनों की परेशानियां और भी बढ़ गई है।
जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन सिजेरियन ऑपरेशन से मेडिकल कॉलेज में 25-30 बच्चे जन्म लेते हैं। मेडिकल कॉलेज में 5 सर्जन हैं। इनमें से एक का ट्रांसफर हो चुका है, जबकि 01 अब मातृत्व अवकाश पर है। ऐसी स्थिति में दिन का काम अधिक रहता है। शेष 3 चिकित्सकों में से 2 की ड्यूटी अक्सर नसबंदी ऑपरेशन में लगी रहती है। ऐसे में अब मात्र 1 ही सर्जन ड्यूटी के लिये हैं, जो पर्याप्त नहीं है। जबकि महासमुंद के अलावा आसपास के जिलों से भी मरीज यहां पहुंचते हैं।
इस अस्पताल में कोई सप्ताह भर से मेडिकल कॉलेज की एक्सरे मशीन खराब है। इसे अब तक सुधरवाने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है। फलस्वरूप यहां आने वाले मरीजों को अधिक कीमत अदा कर प्राइवेट एक्सरे कराना पड़ रहा है। वहीं हड्डी से संबंधित जरूरी जानकारी के लिए एक्सरे जरूरी होता है।
जिसकी वजह से गर्भवती माताओं सहित अन्य मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।