महासमुन्द

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली
10-Jan-2021 4:22 PM
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली

सौ बिस्तर अस्पताल दस साल में 30 बिस्तरों में सिमटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 10 जनवरी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली इन दिनों डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है। हाल ही में पूर्व बीएमओ व उनकी पत्नी का तबादला कोंडागांव हुआ है। लेकिन उनके स्थान पर नए डॉक्टर नहीं आए हैं। केवल बीएमओ का चार्ज बसना के एक डाक्टर को दिया गया है। बीएमओ के पद सहित विशेषज्ञ डाक्टरों के नौ पद यहां रिक्त हैं। वहीं चार ऐसे डाक्टर हैं, जो पदस्थ तो हैं लेकिन कार्यरत नहीं हैं। उसमें से डा पुष्कर चौधरी विगत आठ मार्च 2016 से अनुपस्थित हैं। डा. जीपी पटेल 16 मार्च 2017 से अनुपस्थित हैं। ये दोनों डाक्टर इस्तीफा भी दे चुके हैं। 

इसके बावजूद अस्पताल रिकार्ड में अभी तक इनका नाम चल रहा है। इनके अलावा डा प्रशांत पटेल 14 मार्च 2019 से अनुपस्थित हैं। वहीं डा बीबी कोसरिया जिला चिकित्सालय बिलासपुर में उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए गए हैं। एकमात्र डा. प्रेमलाल साहू ही यहां कार्यरत हैं। जबकि खंड चिकित्सा अधिकारी, मेडिसीन विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ, स्त्री रोग, शिशु रोग, निश्चेतना, अस्थि रोग, तीन सहायक शल्य चिकित्सक एवं दंत चिकित्सक के पद रिक्त हैं। 

सरायपाली को लगभग 10 वर्ष पूर्व सौ बिस्तर अस्पताल की सौगात मिली थी लेकिन डॉक्टरों व कर्मचारियों के अभाव में यह अस्पताल 30 बिस्तर में सिमट कर रह गया है। वर्तमान में 30 बिस्तर के लिए भी सुविधाओं का अभाव है और प्रभारी बीएमओ व एक डाक्टर के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है। डाक्टरों के अभाव के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर सेंटर बन कर रह गया है। डॉक्टरों के चार पद तो ऐसे हैं, जिनकी पदस्थापना तो है, लेकिन एक भी कार्यरत नहीं है। दो डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। बावजूद उनका नाम रिकार्ड में चल रहा है।
 

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