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बस्तर को पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने में चित्रकोट का विशेष महत्व-लखमा
09-Mar-2021 9:21 PM
बस्तर को पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने में चित्रकोट का विशेष महत्व-लखमा

  महोत्सव में फैशन शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित ग्रामीण खेलकूद   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 9 मार्च। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मां दंतेश्वरी की कृपा से बस्तर को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने में चित्रकोट का विशेष महत्व है। चित्रकोट जलप्रपात अपने सुन्दरता और विशिष्टता के कारण देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने चित्रकोट महोत्सव को विशेष पहचान दिलाने तथा इस महोत्सव की ख्याति तथा सांस्कृतिक भव्यता में प्रतिवर्ष वृद्धि के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की।

 श्री लखमा ने कहा कि महोत्सव से बस्तर की संस्कृति का प्रचार-प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। बस्तरिया स्वभाव से उत्सवप्रेमी होते हैं। साल के आधे समय खेती-बाड़ी जैसे जीविकोपार्जन के कार्य के साथ आधे समय मेला-मंडई में व्यतीत करते हैं। बस्तर के लोगों का यही रहन-सहन उन्हें अधिक खुशहाल बनाता है।

 उन्होंने कहा कि बस्तर के लोगों के जीवन को अधिक खुशहाल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार लोगों के आय को बढ़ाने के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है। इसी दिशा में गांवों में स्थापित गोठान अब आजीविकामूलक कार्यों का केन्द्र बन रहे हैं। वनवासियों की आय बढ़ाने के लिए तेंदूपत्ता का दर 2500 रुपए से बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है।

 हाट-बाजार क्लीनिक योजना से गांव-गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। इसका लाभ अबुझमाड़ के जंगलों से लेकर बासागुड़ा, जगरगुण्डा जैसे क्षेत्र के ग्रामीणों को भी मिला है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार बस्तर की हर समस्या के समाधान की दिशा में कार्य कर रही है। इसी दिशा में इंद्रावती नदी के संरक्षण और विकास के लिए भी कार्य किया जा रहा है।

बस्तर जिले के ऐतिहासिक जलप्रपात के समीप 9 से 11 मार्च तक आयोजित तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का शुभारंभ उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने किया। हेलीपेड मैदान में आयोजित समारोह में मां दंतेश्वरी की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ ही तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही यहां वॉलीबाल और कबड्डी प्रतियोगिताओं का शुभारंभ भी किया गया।

इस अवसर पर हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष सह विधायक नारायणपुर चंदन कश्यप, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, जनपद अध्यक्ष लोहण्डीगुड़ा महेश कश्यप, महापौर सफीरा साहू, अध्यक्ष नगर पालिक निगम कविता साहू, कलेक्टर  रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा सहित गणमान्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। इस अवसर में कांगेर वैली नेशनल पार्क के लोगो का भी विमोचन किया गया।

चित्रकोट महोत्सव के प्रथम दिन की शुरूआत लोक नर्तक दलों के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति से हुई जिसमें विवेकानंद हाई स्कूल जगदलपुर, बकावण्ड के लोक नर्तक दल तथा स्थानीय कलाकार लावण्या दास ने आकर्षक प्रस्तुति दी। इसके साथ ही दन्तेवाड़ा के कोयानाच दल, कोण्डागांव के माटी चो माया ग्रुप, सुकमा के धुरवा मड़ई नाचा दल के अलावा लोहण्डीगुड़ा के घोड़ान्दी नाच, बास्तानार के धुरवा नाच, जगदलपुर के परब और डंडारी नाच दलों के द्वारा प्रस्तुति दी गई।

महोत्सव में बस्तर परिधान पर आधारित फैशन शो का भी आयोजन किया गया था, जिसमें बढ़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने बस्तरिया परिधानों पर आयोजित फैशन ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित करने पर खुशी जताते हुए जिला प्रशासन को बधाई दी। श्री लखमा ने कहा कि बस्तर में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, आवश्कता है बस उचित मंच देने की। यह कार्य बस्तर जिला प्रशासन ने भलीभांति किया है।

उन्होंने कहा कि रैम्प में कैटवॉक करते मॉडल आमतौर पर दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में दिखाई देते हैं, लेकिन चित्रकोट में भी इसी आत्मविश्वास के साथ बच्चों और युवाओं को प्रदर्शन करते देखकर दोहरी खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर के इन सुंदर परिधानों और आभूषणों के प्रति लोगों का आकर्षण भी निश्चित तौर पर बढ़ेगा। मंत्री ने कहा कि बस्तर की संस्कृति के साथ साथ सभ्यता के प्रचार-प्रसार में यह कदम सहायक सिद्ध होगा।

शाम के समय कत्थक नृत्य की प्रस्तुति श्रुति सरोज के द्वारा और हरदीप कौर ने एकल नृत्य की प्रर्दशन किए। इसके अलावा बॉलीहुड गीतों से बलराज शर्मा ने शमा बांधा वही छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति आरू साहू ने सभी को झूमने को मजबूर किया। इसके उपरांत साहित्य एवं कला समाज पर कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया।

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