सरगुजा
अम्बिकापुर, 16 मार्च। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित समय सीमा की बैठक में शासन की महत्त्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन तथा विकास कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री बढ़ाने के लिए किसानो को जानकारी होना जरूरी है।
िकसानों की सुविधा के लिए गोधन सेवा केंद्र खोले जाएंगे जिनमें किसान मितान केंद्र की तरह कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को नजदीकी गोठान में उपलब्ध वर्मी खाद तथा खेती में इसके फायदे बताएंगे।
गोधन सेवा केंद्र के लिए टोल फ्री नम्बर भी जारी किए जाएंगे ताकि किसान आसानी से संपर्क कर सकें। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को गोधन सेवा केंद्र में रजिस्टर संधारित कर संपर्क करने वाले किसानों के नाम, पता और समस्या दर्ज करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही सभी ग्राम पंचायतों तथा जिला सहकारी बैंक शाखाओ में दीवार लेखन कराकर व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि सभी गोठानो को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर हर सप्ताह प्रत्येक जनपद में एक-एक आत्मनिभर गोठान की संख्या में वृद्धि करें। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखे कि जिन गोठानो को आत्म निर्भर बनाया गया है वह कायम रहे फिर से निष्क्रिय न हो। गोठानो में नियमित गतिविधियां संचालित हो इसके लिये गोठान कैलेंडर का वितरण सुनिश्चित कराएं । ग्रामीण औद्योगिक पार्क हेतु महिलाओ को गलीचा निर्माण, पैकेजिंग, पेपर प्लेट निर्माण इत्यादि से जोड़ें। उन्होंने विकासखण्ड स्तरीय पौधरोपण के लिए सभी विकासखण्डों में 8-10 एकड़ जमीन चिन्हांकित कर मुनगा बाड़ी विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुनगा बाड़ी में केवल पपीता और मुनगा के पौधे लगवायें । बाड़ी से निकलने वाले फल को आंगनबाडिय़ो तथा आश्रमो को दी जाएगी।
कलेक्टर ने 15 मार्च से शुरू हुए राजस्व पखवाड़ा की समीक्षा करते हुए कहा कि पखवाड़ा में पटवारियों द्वारा बी-1 का वाचन भी किया जाए। राजस्व के अतिरिक्त ग्रमीणों की और भी समस्याओं को पंजी में दर्ज करें। बंटवारा, फौती, सीमांकन के अधिक से अधिक मामले का निराकारण करें। उन्होंने स्कूली बच्चो के जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु कक्षा 6वी से 12 वी तक के जिन बच्चों के प्रमाण पत्र नही बने है उनकी सूची तैयार करने तथा लोक सेवा केंद्र के आईडी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए काम से कम दो हजार तालाब और डबरियों का चिन्हांकन कर किसानो को मछली पालन का प्रशिक्षण देने के।निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बड़े तालाब के अलावा 25 डिसमिल के छोटे डबरी वाले किसानों को भी मछली पालन में शामिल करें। छोटे डबरियों में व्यवसायिक स्तर पर भले ही उत्पादन न हो लेकिन किसान के भोजन में प्रोटीन की उपलब्धता हो सकती है।