सरगुजा
भाजपा किसान मोर्चा ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 24 मई। खरीफ फसल को देखते हुए लॉकडाउन में किसानों के लिए मंडी व बाजार व्यवस्था तथा किसानों की समस्या का समाधान किए जाने की मांग भाजपा किसान मोर्चा जिला सरगुजा के जिलाध्यक्ष जनमेजय मिश्रा व अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर की है।
भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष ने ज्ञापन में कहा है कि 13 अप्रैल से कोरोना महामारी दूसरी लहर को तेजी से बढ़ते हुए प्रकोप की गति को कम करने हेतु लॉकडाउन लगाया गया है, जो कि उचित भी है। लेकिन पूर्व में भी पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर में भी लॉकडाउन लगाया गया था, उस समय किराना, सब्जी, दूध व दवाई को आवश्यक वस्तु के रूप में परिभाषित किया गया था व सुचारू ढंग से निर्बाध इन व्यवस्थाओं को चलाते हुए भी हम सभी के सहयोग से कोरोना की गति को रोक पाने में सक्षम हो पाये थे। वर्तमान परिस्थिति में लॉकडाउन की वजह से किसानों के साथ आप दिशा निर्देशों के अनुरूप किसानों को गली में घूमकर सब्जी बेचने की छूट दी गई है, लेकिन स्थिति यह है कोई भी किसान शहर में मेन रोड से होकर ही अंदर प्रवेश करता है। उसी वक्त कुछ किसानों को रोककर उनसे दुव्र्यवहार करते हुए 100 रूपये से लेकर 1000 की रसीद थमा दी जाती है, जबकि किसान दो सौ चार सौ की सब्जी लाकर प्रति दिवस शहर में बेचता है। इन कठिनाईयों की वजह से किसान आर्थिक व मानसिक परेशान हो रहे हैं। जैसे लगता है कि किसान सब्जी नहीं कोई मादक पदार्थ लाकर बेच रहा है। उनके साथ गाली गलौच करना जैसे आम बात हो गई है। किसी-किसी किसान के साथ तो मारपीट भी किया जा रहा है। जिससे क्षुब्ध होकर किसान व विक्रेता अपनी फसल को फेंक कर जाने को मजबूर हो रहा है।
किसान मोर्चा ने कहा कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए जिस प्रकार पहले आपके द्वारा व्यवस्था की गई थी उसी प्रकार की व्यवस्था आपके द्वारा पुन: बनाई जाए। किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने कला केन्द्र मैदान में कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत सब्जी बेचने, बीटीआई ग्राउन्ड में कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत सब्जी बेचने ,रामानुज क्लब मैदान में कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत सब्जी बेचने की अनुमति प्रदान किए जाने के साथ-साथ जिस प्रकार पहले बस स्टैण्ड में सब्जी मण्डी का संचालन किया जा रहा था, उसी प्रकार अब शहर के बाहर कही और बड़े मैदान पर थोक मण्डियों की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।
किसान मोर्चा का कहना है कि जब तक किसान अपनी लगाई गई फसल को बेचेगा नहीं तो उनके सामने आर्थिक तंगी के साथ खरीफ फसल के लिए व्यवस्थाएं नहीं जुटा पाएगा। किसान इस देश के आधार स्तम्भ है, जो अपनी फसल से ही अर्थ का उपार्जन करता है तथा बीज, खाद, कीटनाशक दवाईयां खरीदने की व्यवस्था करता है।
किसानों की दुर्दशा को सुधारने के लिए पटवारी या सचिव से सर्वे कराकर उन्हें पर्याप्त मुआवजा का प्रावधान किया जाए। मासूम किसानों के साथ हो रही अभद्र्र व्यवहार पर रोक लगायी जाए तथा सब्जी वाहक गाडिय़ों से नाकों में पैसे की वसूली की जा रही है उसे भी तत्काल बंद किया जाए। क्योंकि शासन के नियमानुसार लोडिंग अनलोडिंग हेतु कोविड-19 के गाईडलाईन में छूट दिया गया हैं। अन्यथा भाजपा किसान मोर्चा, किसानों की हित की लड़ाई लडऩे को मजबूर होगा। ज्ञापन सौंपते दौरान अनिल जायसवाल, आकाश गुप्ता सोमनाथ सिंह मनोज कंसारी शंभू सोनी काशी केसरी मौजूद थे।