इतिहास

इतिहास में 11 मार्च
11-Mar-2024 11:50 AM
इतिहास में 11 मार्च
  • 11 मार्च : डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को वैश्चिक महामारी घोषित किया
  • नयी दिल्ली, 11 मार्च। वर्ष 2019 के अंतिम महीनों में चीन से उठे कोरोना का बवंडर कुछ ही महीने में हर तरफ तबाही मचाने लगा। 11 मार्च 2021 को विश्व में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों के कोरोना महामारी से पीड़ित होने की खबर आई। इससे ठीक एक वर्ष पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था और पूरी मानव जाति के अस्तित्व पर मंडराते इस खतरे से मुकाबले के लिए दुनिया एकजुट हो गई थी।
  • जनवरी 2020 में डब्ल्यूएचओ ने निमोनिया जैसा संक्रमण फैलने की जानकारी दी थी लेकिन इसके कारण अथवा निदान के बारे में कुछ नहीं बताया गया था। भारत में 31 जनवरी को कोरोना का पहला मामला सामने आया और 31 जनवरी को ही इसे डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया।
  • देश दुनिया के इतिहास में 11 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
  • 1689 : मुगल बादशाह औरंगजेब ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के पुत्र संभाजी को यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा।
  • 1881 : कलकत्ता टाउन हाल में रामनाथ टैगोर की प्रतिमा लगाई गई। यह पहला मौका था जब किसी भारतीय की प्रतिमा को सार्वजनिक स्थल पर स्थापित किया गया।
  • 1948 : देश के प्रथम पोत जल ऊषा का विशाखापत्तनम से जलावतरण। इसे उस समय की तमाम उपलब्ध आधुनिक प्रणालियों से लैस किया गया था।
  • 1985 : कोंस्तान्तिन चेरेंकों की मौत के बाद मिखाइल गोर्बाचेव को सोवियत संघ का सर्वोच्च नेता चुना गया।
  • 1990 : संसद में मतदान के बाद लिथुआनिया ने खुद को सोवियत संघ से स्वतंत्र घोषित किया। ऐसा करने वाला वह पहला सोवियत गणराज्य था।
  • 1996 : ईरान ने ‘सैटेनिक वर्सेज’ किताब के लेखक सलमान रुश्दी के ख़िलाफ़ जारी किया गया फतवा वापस ले लिया।
  • 2004 : स्पेन में तीन रेलवे स्टेशनों पर हुए बम विस्फोटों में 190 लोगों की मौत, 1200 अन्य घायल।
  • 2008 : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने यान एंडेवर को अपने अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना किया।
  • 2011 : भारत ने 350 किलोमीटर दूर तक का निशाना साधने वाले प्रक्षेपास्त्र ‘धनुष’ और ‘पृथ्वी’ का सफल परीक्षण किया।
  • 2011 : जापान में प्रशांत तट पर तोहोकू के पास समुद्र में रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद सुनामी ने भयंकर तबाही बचाई और 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत के साथ भारी नुकसान हुआ। यह जापान के इतिहास का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था।(भाषा)

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