इतिहास

इतिहास में 9 अगस्त
09-Aug-2019
इतिहास में 9 अगस्त

दुनिया के सात अजूबों में से एक इटली के पीसा की झुकी हुई मीनार का निर्माण आज ही के दिन 1173 में शुरू हुआ था. इस मीनार का निर्माण पूरा होने में करीब दो शताब्दियां लग गईं थीं.
माना जाता है कि विश्वप्रसिद्ध पीसा की मीनार का झुकना तभी से शुरु हो गया था जबसे 9 अगस्त, 1173 को इसकी नींव रखी गई. बलुआ मिट्टी पर खड़ी इस मीनार में अगले करीब 800 सालों तक झुकाव बढ़ता ही गया. कई आर्किटेक्ट्स, और इंजीनियरों ने इसे और झुकने से रोकने की कोशिशें कीं जो आज भी जारी हैं. अफसोस की बात ये है कि आज तक इसका कोई स्थाई उपाय नहीं मिल पाया है.
पीसा की मीनार को खड़ा करने का विचार बेर्टा नाम की एक महिला की वसीयत से आया. बेर्टा के पति का पहले ही देहांत हो चुका था. अपनी मौत के पहले बेर्टा ने अपनी वसीयत में 60 सिक्के छोड़े थे. 1172 में बेर्टा की मौत के बाद, इन सिक्कों से उनकी इच्छा के अनुरुप एक टॉवर बनाने के लिए पत्थर खरीदे गए. बेर्टा ने अपनी वसीयत 'ओपेरा कांपानिलिस पेट्रारम सांक्टे मारी' के हाथों में सौंपी थी. इस फाउंडेशन ने संगमरमर और चूना पत्थरों से मीनार को बनवाना शुरु किया. इसकी नींव करीब पांच फीट गहरे एक गोल गड्ढे में रखी गई और उसमें मिट्टी, महीन बालू और सीपियां भरी गईं.
1889 में जब गुस्ताव आइफल ने इसे बनाया, तब यह इंजीनियरिंग का चमत्कार ही था. 324 मीटर ऊंचा यह टावर 1930 तक दुनिया की सबसे ऊंची संरचना थी. आज यह पेरिस की पहचान है और इसे देखने और इस पर चढ़ने दुनिया के सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं.
खिसकने वाले आधार के कारण बीसवीं सदी के अंत तक ये मीनार करीब 5.5 डिग्री झुक गई. फिर कई तरह के उपाय कर इसका झुकाव कम करने में कुछ सफलता मिली और झुकाव को करीब 4 डिग्री तक लाया गया. शुरुआती योजना के अनुसार मीनार को सफेद संगमरमर से 185 फीट ऊंचा बनाया जाना था. जब तीन मंजिलों तक निर्माण पूरा हुआ तभी इटली के कई राज्यों में जंग छिड़ गई और निर्माण कार्य रोकना पड़ा. इसके बाद करीब एक शताब्दी बीत जाने के बाद ही आगे का काम शुरू हुआ. इस बीच पीसा की मीनार की नींव को कुछ मजबूत और स्थाई होने का वक्त मिल गया. वर्ना शायद यह काफी पहले ही गिर जाती और दुनिया के इस अजूबे का आज अस्तित्व ही नहीं होता.

  • 1898 -आन्तरिक दहन के डीजल इंजन के लिए उसके अन्वेषक रुडॉल्फ डीज़ल को पेटेन्ट जारी किया गया।
  • 1910-इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन के लिए शिकागो की ऐल्वा जे. फिशर ने पेटेन्ट प्राप्त किया।
  • 1945-अमेरिका ने जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया।
  • 1971 - भारत-पाकिस्तान मैत्री संधि पर हस्ताक्षर।
  • 1999 - रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने प्रधानमंत्री सर्जेई स्तेपशिन को बर्खास्त कर खुफिया सेवा के प्रमुख ब्लादिमीर पुतिन को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
  • 2005 - नासा का मानवयुक्त अंतरिक्षयान डिस्कवरी 14 दिन की अपनी साहसिक और जोखिम भरी यात्रा के बाद कैलिफ़ोर्निया स्थित एयरबेस पर सकुशल उतरा।
  • 2006 - नेपाल सरकार और माओवादियों के बीच संयुक्त राष्ट्र निगरानी मुद्दे पर सहमति बनी।
  • 2007 - अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मरम्मत के महत्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम लेकर अंतरिक्ष यान एण्डेवर अपने अभियान पर निकला।
  • 2008 - सरकारी क्षेत्र की तीन कंपनियां एनटीपीसी, एनएचपीसी व पावर फाइनेन्स कारपोरेशन तथा टाटा कन्सल्टेन्सी ने राष्ट्रीय स्तर पर पावर एक्सचेंज गठित करने तथा उसके संचालन हेतु एक संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए। भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के समर्थन से मलेशिया के सांस्कृतिक मंत्री व सांसद मोहम्मद शफी अरदाल को राष्ट्रकुल संसदीय संघ (सीपीए) का नया अध्यक्ष चुना गया है।
  • 1933 -आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार  मनोहर श्याम जोशी का जन्म हुआ। 
  • 1776 - इटली के रसायनज्ञ और भौतिकविद् काउन्ट ऐमीडियो ऐवोगैड्रो का जन्म हुआ, जिन्होंने बताया कि समान ताप तथा दाब पर सभी आदर्श गैसों के समान आयतन में कणों की समान संख्या होती है। इसे ऐवोगैड्रो का नियम (1811) कहा जाता है।  (निधन-9 जुलाई 1856) 
  • 1757 -स्कॉटलैण्ड के इंजीनियर  थॉमस टेल्फॉर्ड का जन्म हुआ, जो सड़क, पुल तथा सुरंग आदि के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने स्वयं वास्तुकला का ज्ञान प्राप्त किया और लंदन से हॉलीहेड तक की सड़क, मेनाई के सस्पेंशन पुल का निर्माण भी किया।  (निधन-2 सितम्बर 1834)
  • 1932-अमेरिकी गणितज्ञ  जॉन चाल्र्स फील्ड का निधन हुआ, जिन्होंने गणित में मेडल देने का विचार प्रस्तुत किया, जिसे उनके नाम पर फील्ड मेडल कहा जाता है। इसे गणित का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। (जन्म 14 मई 1863) 
  • 1919-जर्मन जीववैज्ञानिक अर्न्स्ट हकेल का निधन हुआ,  जिन्होंने पशु जगत को एककोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीवों में विभाजित किया। वे डार्विन के सिद्धान्त के प्रबल समर्थक थे। इन्होंने कई शब्द दिए जिनका प्रयोग आज के जीववैज्ञानिक करते हैं जैसे इकोलॉजी, फाइलम और फाइलोजेनी। (जन्म 16 फरवरी 1834) 
  • महत्वपूर्ण दिवस- भारतीय क्रांति दिवस, नागासाकी दिवस भारत छोड़ो आन्दोलन स्मृति दिवस, विश्व आदिवासी दिवस।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news