इतिहास
सन् 1888 में आज ही के दिन मशहूर डच पेंटर विंसेंट फान गॉग का एक हादसे में कान कट गया. कान किसने काटा इस पर विवाद है लेकिन बाद में इस घटना को दिखाते हुए उन्होंने अपना एक पोर्टेट बनाया जो 'बैंडेज्ड इयर' के नाम से मशहूर है.
कला की दुनिया में आज निर्विवाद रूप से सबसे मशहूर पेंटरों में शुमार विंसेंट फान गॉग ने अपना जीवन बहुत मुश्किलों में काटा. आज उनकी पेंटिंग्स रिकॉर्ड दाम पर बिकती है लेकिन अपने जीते जी वह केवल एक पेंटिंग ही बेच पाए थे. 30 मार्च 1853 को नीदरलैंड्स में जन्मे गॉग की बेहद मशहूर पेंटिंग 'द पोटेटो ईटर्स' (1885) में उन्होंने गरीबी और अभाव में कटे अपने जीवन की झलक दिखाई है.
1886 में गॉग पेरिस गए और अपने छोटे भाई थियो के साथ रहने लगे. थियो एक आर्ट डीलर था और उसने गॉग की काफी मदद की. वह पेरिस में कई दूसरे पेंटरों से मिले और इससे गॉग के चित्रों में भी काफी बदलाव आया. 1888 में गॉग ने साउथ ऑफ फ्रांस के आर्ल्स में एक घर किराए पर लिया और एक आर्टिस्ट कॉलोनी बनाने का सपना देखा. वह कई सारी पेंटिग्स बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत बनना चाहते थे और अपने भाई की मदद करना चाहते थे.
इसी घर में उनके साथ पेरिस से एक और कलाकार पॉल गाउग्विन भी रहने आए और दोनों मिलकर कुछ महीने तक इस सपने को पूरा करने की कोशिश में लगे रहे. 23 दिसंबर को दोनों के बीच किसी बात को लेकर मनमुटाव हुआ और फिर माना जाता है विवाद बढ़ने के क्रम में ही गॉग ने चाकू से अपना बायां कान काट लिया. इसके बाद उन्हें अस्पताल जाना पड़ा और इस हरकत के लिए उन्हें एक साल तक मानसिक चिकित्सा भी करवानी पड़ी. मानसिक अस्पताल में बीते वक्त में ही गॉग ने अपनी सर्वोत्तम रचनाएं कीं. बताया जाता है कि उन्हें पागलपन और सृजनात्मकता के दौरे आते थे. गॉग ने अपनी मशहूर कृतियां 'स्टारी नाइट' और 'आइरिसिस' भी यहीं बनाई थीं. 1890 में पेरिस लौटने के बाद भी वह अकेलेपन और व्यथा से ग्रस्त रहे. 27 जुलाई 1890 को जीवन से हारकर गॉग ने खुद को ही गोली मार ली और केवल 37 साल की उम्र में इस दुनिया से चले गए.
- 1672 -गियोवानी कैसिनी ने शनि के चन्द्रमा रीया की खोज की।
- 1932-दुनिया में पहली बार कृत्रिम रबड़ बनाया गया।
- 1948 -जापान की राजधानी टोकियो में एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश पर द्वितीय विश्व युद्ध के समय के जापान के 7 बड़े नेताओं को मृत्युदंड दिया गया।
- 1954-बोस्टन में पीटर बेन्ट अस्पताल में पहली बार वृक्क(किडनी) का सफल प्रत्यारोपण किया गया।
- 1972- निकारागुआ की राजधानी मनागुआ में दो घंटे तक चले भूकंप ने जनजीवन तहस-नहस कर दिया और लगभग दस हज़ार लोग मारे गए।
- 1995- भारत में हरियाणा के डबवाली नगर में एक स्कूल में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम के दौरान तंबू में आग लगने से 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
- 2002 - इस्रायली सेना के हटने तक फिलीस्तीन का चुनाव स्थगित।
- 2005 - वामपंथी विरोधी लेक काकजिंस्की ने पौलैंड के राष्ट्रपति का पद भार ग्रहण किया।
- 2007 - पाकिस्तान में लगे आपातकाल को वहां की अदालत ने सही ठहराया।
- 2008- साफ्टवेयर कम्पनी सत्यम पर विश्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया। विख्यात कथाकार गोविन्द मिश्र को उनके उपन्यास कोहरे के क़ैद रंग के लिए हिन्दी भाषा के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2008 से नवाज़ा गया।
- 2000 - भारतीय फिल्म अभिनेत्री नूरजहां का निधन हुआ।
- 2004 - भारत के दसवें प्रधानमंत्री पामुलापति वेंकट नरसिंह राव का निधन हुआ।
- 1732-अंग्रेज़ औद्योगिकविद् और अन्वेषक सर रिचर्ड आर्कराइट का जन्म हुआ, जिन्होंने टेक्सटाइल फैक्ट्री में शक्तिचालित मशीनों का निर्माण किया। (निधन- 3 अगस्त 1792)
- 1722-स्वीडन के रसायनज्ञ और धातुकर्मी ऐक्सेल फ्रेड्रिक क्रॉन्सटेट का जन्म हुआ, जो निकेल का पृथक्करण करने वाले पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने इसे 1751 में पृथक किया। (निधन-19 अगस्त 1765)
- 1934-जर्मन मनोवैज्ञानिक जॉर्ज एलियास मुलर का निधन हुआ जिन्होंने विचारों के मनोविज्ञान, रंग, धारणा सिद्धांत और मनोभौतिकी प्रणाली जैसे विषयों पर अध्ययन किया। (जन्म 20 जुलाई 1850)
- 1907-फ्रांस के खगोलशास्त्री पियरे (जूल्स सीजऱ) जैनसेन का निधन हुआ, जिन्होंने सन् 1868 में बिना ग्रहण के तारों का पता लगाने का तरीका निकाला। (जन्म 22 फरवरी 1824)