इतिहास

इतिहास में आज 4 फरवरी
04-Feb-2020
इतिहास में आज 4 फरवरी

दुनियाभर में सौ से भी ज्यादा देश कभी न कभी किसी औपनिवेशिक साम्राज्य के अधीन रह चुके हैं. अकेले ब्रिटिश सत्ता ने करीब करीब आधी दुनिया पर राज किया. 19वीं सदी में श्रीलंका ने भी ब्रिटिश शासन से आजादी पाई. 1951 में डॉन स्टीफेन भंडारनाइके ने वहां श्रीलंका फ्रीडम पार्टी की स्थापना की. प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए 1952 में उनका निधन हो गया. 1947 में जब लॉर्ड माउंटबेटन ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के आधार पर भारत का विभाजन किया, उसी दौरान ब्रिटिश भारत में से सिलोन और बर्मा को भी अलग किया गया. 1972 तक श्रीलंका का नाम सिलोन ही था.
प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहल वंश का शासन रहा. 16वीं सदी में यूरोपीय शक्तियों ने श्रीलंका में व्यापार के बल पर सत्ता जमाई. इनमें पुर्तगाल प्रमुख था जिसने कोलंबो के पास अपना दुर्ग भी बना डाला और सिलोन से बहुत सारी चीजों का निर्यात करने लगे. स्थानीय लोगों ने उनसे छुटकारा पाने के लिए 1630 में डच लोगों की मदद से पुर्तगालियों को भगा दिया. लेकिन सत्ता में आने के बाद डच लोगों ने वहां के लोगों पर टैक्स और बढ़ा दिया. इसी समय अंग्रेजों ने यहां कमाई के मौके का फायदा उठाने का निर्णय किया. 1818 तक अंग्रेजों ने श्रीलंका पर अपना राज स्थापित कर लिया.
दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति को बाद 1948 में जाकर श्रीलंका को अंग्रेजों के राज से आजादी मिली. आजादी के समय तक चाय, रबड़ और नारियल इस प्रायद्वीपीय देश से निर्यात किए जाने वाले तीन प्रमुख उत्पाद थे. देश की कुल विदेशी मुद्रा का करीब 90 फासदी उस समय इन्हीं तीनों चीजों से आता था. श्रीलंका की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और सामान्य उपभोक्ता सामानों के आसान आयात की वजह से यह बढ़त जारी न रह सकी. इससे देश कई आर्थिक समस्याओं से घिर गया. साथ ही राजनीतिक उठापटक की वजह से सालों वहां जातीय संघर्ष होते रहे.
पिछले पच्चीस सालों से श्रीलंका की सेना ने तमिल विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष किया. लिट्टे के विद्रोही श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग देश बनाना चाहते हैं. मई 2009 में कोलंबो की सरकार ने लिट्टे पर विजय पाई और गृहयुद्ध खत्म हुआ. पिछले साल हुए प्रांतीय परिषद के चुनावों में देश की प्रमुख तमिल पार्टी, तमिल नेशनल एलायंस ने सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीएफए को बुरी तरह हरा कर सत्ता से बाहर करने में कामयाबी पाई.

  • 1902-थॉमस अल्वा एडिसन को रिवर्सिबल गैल्वैनिक बैट्री के लिए पेटेन्ट (सं 692, 507) जारी किया गया।
  • 1924- महात्मा गांधी को उनका खऱाब स्वास्थ्य होने के कारण समय से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया।
  • 1936-पहली बार बिस्मथ पर न्यूट्रॉनों की बमबारी करके संश्लेषित रेडियम-ई नामक रेडियोधर्मी पदार्थ बनाया गया। इसे जॉन जैकब लिविंगुड ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सम्पन्न किया था।
  • 1948- श्रीलंका को ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली।
  • 1978 - जूलियस जयवर्धने द्वारा श्रीलंका के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण।
  • 1994 - सं.रा. अमेरिका ने वियतनाम के विरुद्ध लगाये गए व्यापारिक प्रतिबंध हटाये।
  • 1996-दक्षिण-पश्चिमी नेपाल के लुम्बिनी में उस वृक्ष का पता चला, जहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।
  • 1922 -भारत रत्न सम्मानित, भारतीय शास्त्रीय  गायक पंडित भीमसेन जोशी का जन्म हुआ। 
  • 1938 - भारतीय नृत्य की कथक शैली के आचार्य और लखनऊ के कालका - बिंदादीन घराने के एक मुख्य प्रतिनिधि बिरजू महाराज का जन्म हुआ। 
  • 2002 -प्रसिद्ध फि़ल्म अभिनेता एवं फि़ल्म निर्माता-निर्देशक  भगवान दादा का निधन हुआ। (जन्म- 1913)
  • 1891 -प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष   एम. ए. अय्यंगार का जन्म हुआ। 
  • 1896-जर्मन भौतिक विज्ञानी फ्रेड्रिक हुन्ड का जन्म हुआ, जिन्होंने  परमाणुओं की इलेक्ट्रॉन संरचना पर किए गए अपने कार्यों के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने आणविक कक्षकों की सहायता से अणुओं की इलेक्ट्रॉनिक संरचना तय करने का तरीका बताया। उनका परमाणु स्पेक्ट्रा के लिए दिया हुन्ड का नियम (1925) बहु इलेक्ट्रॉन परमाणु में उपस्थित दो समान एन. तथा एल. क्वान्टम संख्याओं वाले इलेक्ट्रॉनों के न्यूनतम ऊर्जा स्तर तय करने में सक्षम था। (निधन-31 मार्च 1997
  • 1778 -  स्विस वनस्पति वैज्ञानिक  आगस्टिन पाईरेम डी कैन्डोल का जन्म हुआ,  जिनके लेख वर्गिर्की (टैक्सोनॉमी) और वनस्पति विज्ञान में बहुत प्रभावशाली थे। उनका मानना था कि वर्गीकरण आकृतिक लक्षणों के आधार पर होना चाहिए। अपने वर्गीकरण में उन्होंने करीब 161 द्विबीजपत्री प्रजातियों को वर्गीकृत किया। (निधन-9 सितम्बर 1841)
  • 1928-डच भौतिकशास्त्री  हेन्ड्रिक एन्टून लॉरेन्ज़ का निधन हुआ, जिन्हेें पीटर ज़ीमैन के साथ सन् 1902 में विद्युतचुम्बकीय विकिरण परिघटना पर चुम्बकत्व का प्रभाव बतलाने वाले सिद्धान्त के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के सहविजेता। (जन्म 18 जुलाई 1853)
  • 1974 - भारत के प्रमुख गणितज्ञ तथा भौतिक वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस का निधन हुआ, जिन्होंने अलबर्ट आइन्सटाइन के साथ बोस-आइन्सटाइन सांख्यिकी का प्रतिपादन किया, और क्वॉन्टम सिद्धान्त तथा प्लैन्क के कृष्णिका विकिरण(ब्लैक बॉडी रेडिएशन) नियम के बारे में भी लिखा। आज ये क्वॉन्टम भौतिकी में अनुसंधान के बुनियादी साधन हैं। (जन्म 1 जनवरी 1894)।
     

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