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रूस के इस गांव के लिए वरदान बनी महामारी
02-Jun-2021 1:33 PM
रूस के इस गांव के लिए वरदान बनी महामारी

रूस के इस खूबसूरत गांव के लिए कोरोना वायरस महामारी किसी वरदान की तरह आई है. यहां जमीन के दाम दोगुने हो गए हैं. लोग आए हैं तो साथ में तरक्की भी चली आई है.

(dw.com)

काला सागर के करीब बसा क्रासन्या पोल्याना किसी पेंटिंग सा खूबसूरत है. इसके नाम का अर्थ है घास के लाल मैदान. घास तो नहीं, पर जमीन के दाम आजकल क्रासन्या पोल्याना में जरूर लाल चल रहे हैं. मॉस्को में रहने वाले लोगों में दूर-दराज इलाकों में रहने का चलन बढ़ रहा है क्योंकि वे घरों से काम कर सकते हैं. इस चलन ने क्रासन्या पोल्याना की सूरत ही बदल दी है. पांच गलियों का यह गांव चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है. साफ हवा, नीला आसमान और जरा भी भीड़ नहीं. ये चीजें मॉस्को में तो कम से कम नसीब नहीं होतीं.

क्रासन्या पोल्याना की आबादी पांच हजार है, जो किसी रूसी गांव के लिए आम बात है. लेकिन जो बात आम नहीं है, वह है किसी गांव में 20 कैफे, रेस्तरां, एक पब और एक बार का होना. और हां, तेज वाई फाई भी. क्रासन्या पोल्याना में कुछ रेस्तरां तो महामारी से पहले भी थे जो स्कीइंग के लिए आने वालों के भरोसे चलते थे. 2014 के विंटर ओलंपिक के वक्त यहां से कुछ दूर कुछ रिजॉर्ट्स बनाए गए थे, जिसके बाद स्कीइंग करने के लिए लोग आने लगे थे. लेकिन महामारी के चलते आने वाले लोगों ने इन रेस्तराओं की किस्मत चमका दी और मौसमी तौर पर खुलने वाले ये रेस्तरां अब सालभर खुलने लगे हैं.

महामारी ने रूस में दूसरा घर खरीदने का चलन बढ़ाया है. जिसका असर प्रॉपर्टी की कीमतों पर भी हुआ है. रूस में जमीन के दाम 100 वर्ग मीटर के हिसाब से आंके जाते है, जिसे सोत्की कहा जाता है. एक स्थानीय एजेंट निकोलाई रोगाचेव के मुताबिक क्रासन्या पोल्याना में एक सोत्का जमीन की कीमत 20 लाख रूबल्स यानी करीब 20 लाख रुपये से बढ़कर 50 लाख रूबल यानी लगभग 50 लाख रुपये (प्रति 100 वर्ग मीटर) हो गई है. संभावना है कि 2021 के आखिर तक यह कीमत 70 लाख रूबल तक पहुंच जाएगी. एक अन्य प्रॉपर्टी एजेंट के शब्दों में, "हम इसे जोम्बी-कयामत कहते हैं.”

सीआईएएन रीयल एस्टेट के आंकड़ों के मुताबिक गांव में कॉटेज की कीमत 40 लाख रुबल से लेकर नौ करोड़ रूबल तक हो सकती है. यह मांग बड़े शहरों के धनी उद्योगपतियों के कारण बढ़ी है क्योंकि आम रूसी के लिए तो यह कीमत आसमान जैसी ऊंची है.

गांव में घरों का किराया भी बढ़ गया है. बहुत से ऐसे लोग अब क्रासन्या पोल्याना में किराये पर रह रहे हैं, जिनके दफ्तर मॉस्को में हैं और घरों से काम करने की इजाजत या सहूलियत दे रहे हैं. गांव से एयरपोर्ट सिर्फ 40 किलोमीटर है और हाइकिंग भी की जा सकती है. यह बहुत से लोगों को रास आता है. मॉस्को के डेटा ऐनालिस्ट किरील रिजोनकोव कहते हैं, "मुझे हाइकिंग करना बहुत पसंद है. शाम के वक्त आसपास के इलाकों में कुछ लोगों से बढ़िया बातचीत का भी अपना आनंद है."

बीते अक्टूबर में गांव में काम करने के लिए सार्वजनिक दफ्तर भी खुल गया है, जो आमतौर पर आईटी और स्टार्टअप विशेषज्ञ इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके मालिक को उम्मीद है कि महामारी जो भी रूप से क्रासन्या पोल्याना का रूस का सिलिकन वैली बनना तय है.

इस को-वर्किंग स्पेस के मैनेजर इल्या क्रेमर कहते हैं, "लोगों को फायदे नजर आने लगे हैं. मॉस्को का वक्त वही है जो गांव का है. सिर्फ दो घंटे की फ्लाइट है. सर्दियों में स्की और गर्मियों में समुद्र तट उपलब्ध है. और ओलंपिक के कारण यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार है." (dw.com)

 

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