अंतरराष्ट्रीय
-जिम रीड
बीबीसी स्वास्थ्य संवाददाता
ब्रिटेन की सरकारी स्वास्थ्य सेवा पब्लिक हेल्थ इंग्लैड (पीएचई) ने कहा है कि भारत में सबसे पहले पाया गया कोरोना वायरस का वेरिएंट अब ब्रिटेन में हो रहे संक्रमण के अधिकतर मामलों में देखा जा रहा है.
टेस्टिंग लैब्स ने इस बात की पुष्टि की है कि बीते एक सप्ताह में ब्रिटेन में इस वेरिएंट के संक्रमण के मामले 79% बढ़ कर 12,431 हो गए हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि केंट इलाक़े में अधिकतर मामलों में अल्फ़ा वेरिएंट का संक्रमण पाया जा रहा था, लेकिन अब यहां अधिकांश मामलों का कारण वायरस का डेल्टा वेरिएंट है.
विशेषज्ञों के मुताबिक़ डेल्टा वेरिएंट के कारण अस्पतालों में कोविड-19 मरीज़ों की संख्या अचानक बढ़ सकती है.
हालाँकि पीएचई ने कहा है कि फ़िलहाल जो जानकारी मिली है वो शुरूआती तथ्य हैं और इस बारे में अभी और जानकारी जुटाना ज़रूरी है.
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी की मुख्य अधिकारी डॉक्टर जेनी हैरिस ने कहा, "यूके में अब संक्रमण के नए मामलों में ये नया वेरिएंट मिल रहा है. इसलिए यह ज़रूरी है कि हम जिसनी हो सके सावधानी बरतें. कोरोना वायरस के वेरिएंट न बने इसके लिए ज़रूरी है कि इसके फैलने को पूरी तरह से रोका जाए."
पीएचई ने कहा है कि फ़िलहाल कोरोना के कारण जो इलाक़े सबसे अधिक प्रभावित हैं उसमें उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड शामिल है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने हाल ही में कोरोना वायरस के वेरिएंट के नामकरण के लिए एक नए सिस्टम का ऐलान किया था.
इसके तहत भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका समेत दूसरे देशों में पाये जाने वाले कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के लिए ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल किया जाना है.
भारत में सबसे पहले पाये गए B.1.617.1 वैरिएंट को कप्पा और B.1.617.2 वेरिएंट को डेल्टा कहा जाएगा.
साथ ही ब्रिटेन में पाये गए वेरिएंट को अल्फ़ा और दक्षिण अफ़्रीका में पाये गए वेरिएंट को बीटा नाम दिया गया है. (bbc.com)