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9/11 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को मोहम्मद अता ने किस तरह दिया अंजाम?- विवेचना
11-Sep-2021 11:07 AM
9/11 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले को मोहम्मद अता ने किस तरह दिया अंजाम?- विवेचना

-रेहान फ़ज़ल

11 सितंबर, 2001 एक आम दिन की तरह शुरू हुआ था. लेकिन दस बजते बजते ये दिन दुनिया के इतिहास के सबसे ख़तरनाक आतंकवादी हमले और पर्ल हार्बर के बाद अमेरिका पर किए गए सबसे भयानक वार के रूप में तब्दील हो चुका था.

न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टावरों पर जब दो विमानों ने आकर टक्कर मारी थी तो इस हमले में 2606 लोग मौत के मुँह में समा गए थे.

9/11 हमले के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के जल्दी गिरने के दो कारण
9/11 के ख़ौफ़ को बयां करती 9 तस्वीरें
पेंटागन पर हुए हमले में 206 अन्य लोग और पेन्सिलवेनिया में विमान अपहरण का प्रयास विफल करने में 40 और लोगों की मौत हो गई थी. न्यूयॉर्क में बनाए गए 9/11 के मेमोरियल में कुल 2983 लोगों के नाम दर्ज हैं जिन्होंने इन हमलों में अपने प्राणों की आहुति दी थी.

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर ये पहला आतंकवादी हमला नहीं था. वर्ष 1993 यानी आठ साल 102 मिनट पहले हुए हमले में भी छह लोग मारे गए थे.

मशहूर किताब 'द ओनली प्लेन इन द स्काई द ओरल हिस्ट्री ऑफ़ 9/11' में गैरेट एम ग्राफ़ लिखते हैं, "9/11 में हुए हमलों में 3000 से अधिक बच्चों ने अपने माता-पिता खो दिए थे. इनमें से क़रीब 100 बच्चे वो थे जो हमलों के कई महीनों बाद पैदा हुए थे और जिन्हें अपने पिता को कभी देखने का मौका नहीं मिल सका. संख्या की बात दरकिनार भी कर दी जाए तो इस हमले ने उस दिन अमेरिका में रहने वाले क़रीब क़रीब हर जीवित अमेरिकी और दुनिया भर के उन लाखों नागरिकों की ज़िंदगी पर असर डाला था, जिन्होंने ये लोमहर्षक ख़बर समाचारों में सुनी थी."

वे लिखते हैं, "उस घटना से होने वाला सदमा अभी भी हर अमेरिकी की यादों से ओझल नहीं हुआ है. ये घटना उस जगह हुई थी जिसे दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह माना जाता था."

उसने उठते ही उसी होटल में रह रहे अपने साथी अब्दुल अज़ीज़ अल ओमारी को फ़ोन मिलाया. फिर वह शॉवर के नीचे खड़े हो कर नहाने लगा. उसने अपनी नीले रंग की कमीज़ और काली पैंट पहनी. फिर उसने अपने लैपटॉप पर अपनी वसीयत खोली जिसे उसने अप्रैल, 1996 में लिखा था.

वसीयत में दो चीज़ें थोड़ी अजीब थीं. मार्टिन एमिस अपनी किताब 'द सेकेंड प्लेन' में लिखते हैं, "अता ने अपनी वसीयत में लिखा था, मैं चाहता हूँ कि मेरे अंतिम संस्कार में लोग शोर न मचाएं, क्योंकि ईश्वर चाहता है कि ऐसे मौके पर बिल्कुल चुप रहा जाए. दूसरा मेरे मरने के बाद जो व्यक्ति मेरे जिस्म को नहलाए वो दस्ताने पहने और मेरे गुप्ताँगों को न छुए. मैं ये भी नहीं चाहता कि कोई गर्भवती महिला या वो शख़्स जो साफ़ सुथरा न हो मुझे अंतिम विदाई दे."

इनमें से कोई भी निर्देश पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि न तो किसी ने उसे अंतिम विदाई दी और न ही किसी ने उसको नहलाया या उसके गुप्ताँगों को छुआ.

'ऑन दैट डे द डेफ़ेनेटिव टाइम लाइन' के लेखक विलियम आर्किन लिखते हैं, "5 बजकर 33 मिनट पर अता और उसके साथी ने चेक आउट किया. कमरों का बिल अता के वीज़ा डेबिट कार्ड से चुकाया गया. इससे एक दिन पहले का समय उन्होंने एटीएम से पैसे निकालने, पित्ज़ा खाने और वॉलमार्ट से शॉपिंग करने में बिताया. एफ़बीआई का मानना है कि उसी दिन अता ने अपनी कार से जाकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का जाएज़ा भी लिया था."

मेटल डिटेक्टर में कुछ नहीं निकला
होटल से चेक आउट करने के बाद अता और उसका साथी अब्दुल अज़ीज़ अल ओमारी किराए पर ली गई नीले रंग की निसान अल्टिमा कार पर बैठे और सात मिनट के अंदर एयरपोर्ट की पार्किंग में पहुंच गए. वहाँ पर पार्किंग में घुसते हुए एयरपोर्ट सिक्योरिटी ने उसकी तस्वीर ली. 5 बजकर 45 मिनट पर अता और उसके साथी की सुरक्षा जाँच की गई.

अता के हाथ में कंधे पर लटकाने वाला एक काला बैग और अमारी के हाथ में एक कैमरा या कैमकॉर्डर जैसी चीज़ थी जिसे उसने दोनों हाथों से पकड़ा हुआ था. मेटल डिटेक्टर को उनके पास से कुछ नहीं मिला.

विलियम आर्किन लिखते हैं, "ठीक छह बजे अता और उसका साथी यूएस एयरवेज़ की फ़्लाइट नंबर 5930 में बैठे. 19 यात्रियों की क्षमता वाले उस विमान में कुल 8 यात्री ही सवार थे. अता को पंक्ति नंबर 9 में सीट दी गई थी. वो और अल ओमारी विमान पर सवार होने वाले अंतिम यात्री थे. 45 मिनट के अंदर ही वो बोस्टन लोगन इंटरनैशनल एयरपोर्ट पहुंच गए जहाँ से उन्हें लॉस एंजेलिस जाने वाली AA फ़्लाइट नंबर 11 में सवार होना था. इस विमान में 81 यात्रियों के अलावा 9 विमानकर्मी भी सवार थे. 7 बजकर 59 मिनट पर इस 767 बोइंग विमान को टेक ऑफ़ के लिए क्लीयर किया गया."

बचपन में बहुत शर्मीला और दब्बू था अता
अता का जन्म 1 सितंबर, 1968 को कफ़्र अल शेख़, मिस्र में हुआ था. उसके परिवार वालों और दोस्तों का कहना है कि वो बचपन में बहुत शर्मीला था.

टाइम पत्रिका के 30 सितंबर, 2001 में 'अताज़ ओडेसी' शीर्षक से छपे लेख में जॉन क्लाउड लिखते हैं, "अता के पिता बताते हैं कि बचपन में उसे शतरंज खेलने का शौक था और उसे हिंसक खेलों से नफ़रत थी. उसका क़द 5 फ़ीट 7 इंच था और वो इतना दुबला था कि उसके पिता उसे 'बुलबुल' कह कर पुकारते थे."

"काहिरा विश्वविद्यालय से वास्तुकला इंजीनयरिंग में स्नातक की डिग्री लेने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए हैम्बर्ग, जर्मनी चला गया था. 90 के दशक के मध्य से अता अपने विश्वविद्यालय से अक्सर लंबे समय के लिए ग़ायब रहने लगा था. उसने अपने साथियों को इसका कारण बताया था कि वो हज करने सऊदी अरब गया था. जब वो वापस लौटा था तो उसने दाढ़ी रख ली थी."

जर्मन ख़ुफ़िया सूत्रों का मानना है कि इस दौरान अता आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े लोगों के सम्पर्क में आ चुका था.

विमान उड़ाने की ट्रेनिंग
टेरी मेकडॉरमेट अपनी किताब 'पर्फ़ेक्ट सोलजर्स हू दे वर वाई दे डिड इट' में लिखते हैं, "गायब रहने के बाद वापस आने के बाद अता ने एक नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था जबकि उसका पुराना पासपोर्ट अभी एक्सपायर नहीं हुआ था. चरमपंथियों के बीच ऐसा करना आम था क्योंकि पुराने पासपोर्ट को नष्ट कर वो ये सबूत मिटा देना चाहते थे कि वो कहाँ कहाँ गए थे."

3 जून, 2000 को प्राग से छह महीने के टूरिस्ट वीज़ा पर नेवार्क पहुंचा था और एक महीने के अंदर ही उसने अपने कुछ साथियों के साथ वेनिस में हफ़मेन एविएशन इंटरनेशनल से विमान उड़ाने की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी.

चार महीने की इस ट्रेनिंग के लिए उन सबने मिलकर हफ़मेन को क़रीब 40 हज़ार डॉलर दिए थे. 21 दिसंबर, 2000 को अता और उसके साथी अल शेही को पायलेट लाइसेंस मिल गया था.

जॉन क्लाउड ने टाइम पत्रिका में लिखा था, "11 सितंबर से 10 दिन पहले अता के अकाउंट में दो बार पैसे ट्राँसफ़र किए गए थे. 7 सितंबर को अता अपने साथी अल शेही और एक और व्यक्ति के साथ हॉलीवुड, फ़्ला में ओएसटर बार और ग्रिल में गया था. उन तीनों में अता ही अकेला शख़्स था जिसने शराब नहीं पी थी. इसके बदले वो लगातार क्रैनबरी जूस पीता रहा था."

फ़्लाइट अटेंडेंट ने फ़ोन पर दी विमान हाइजैक होने की सूचना
जब AA 11 फ़्लाइट ऊपर गई तो अगले कुछ मिनटों तक तो उसने बोस्टन एयररूट ट्रैफ़िक कंट्रोल के निर्देशों का पालन किया लेकिन 8 बजकर 13 मिनट के बाद जब अता और उसके साथियों का विमान पर नियंत्रण हो गया तो उसने उनके निर्देशों को मानना बंद कर दिया.

विलियम आर्किन लिखते हैं, "प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अता ने पायलट पर नियंत्रण करने के लिए चाकू और हिंसा का सहारा लिया. 8 बजकर 18 मिनट पर फ़्लाइट अटेंडेंट बेटी ओंग ने अमेरिकन एयरलाइंस, साउथ ईस्टर्न रिज़र्वेशन सेंटर फ़ोन कर हाइजेकिंग की आशंका जताई. उन्होंने बताया कि वो विमान के पीछे जंप सीट पर बैठकर ये फ़ोन कर रही हैं. बेटी का ये फ़ोन कॉल 25 मिनट तक चला. उन्होंने बताया कि कॉकपिट से उनके संदेश का कोई जवाब नहीं आ रहा है और बिज़नेस क्लास में 9 बी सीट पर बैठे डेनियल लेविन को छुरा भोंक दिया गया है."

लेविन ने कुछ सालों तक इसरायली सेना में काम किया था. ऐसा अनुमान है कि उन्होंने अपने सामने बैठे हाइजैकर को रोकने की कोशिश की होगी लेकिन उन्हें ये पता नहीं था कि उनके पीछे एक और हाइजैकर बैठा हुआ था.

ओंग ने ये भी बताया कि 10बी सीट पर बैठा हुआ व्यक्ति इस समय कॉकपिट के अंदर है. 8 बजकर 26 मिनट पर विमान ने अचानक 100 डिग्री का कोण बनाते हुए न्यूयॉर्क शहर का रुख़ किया. फ़्लाइट अंटेंडेंट ओंग ने ख़बर दी कि विमान कभी ऊपर तो कभी नीचे जा रहा है.

8 बजकर 46 मिनट पर विमान उत्तरी टावर से टकराया
विलियम आर्किन आगे लिखते हैं, "इस बीच पायलट की सीट पर बैठे मोहम्मद अता ने विमान के इंटरकॉम सिस्टम के ज़रिए यात्रियों को संबोधित करने की कोशिश की. लेकिन उसने ग़लत बटन दबा दिया. इसलिए उसका संदेश नीचे कंट्रोल रूम में सुनाई दिया. ओंग लगातार ख़बर दे रही थीं कि विमान तेज़ी से नीचे की तरफ़ जा रहा है. इस बीच एक दूसरी फ़्लाइट अटेंडेंट स्वीनी ने सूचित किया कि विमान में बैठे लोगों को ग़लतफ़हमी है कि फ़र्स्ट क्लास में कोई मेडिकल इमरजेंसी हो गई है, इसलिए विमान को नीचे उतारा जा रहा है."

"इस बीच फ़्लाइट अटेंडेंट स्वीनी ने कहा, विमान तेज़ी से नीचे आ रहा है. मुझे पानी दिख रहा है. भवन भी दिखाई देने लगे हैं. थोड़ी देर बाद वो फिर बोलीं, 'ओ माई गॉड हम बहुत बहुत नीचें आ गए हैं.' तभी एक बहुत ज़ोर की आवाज़ सुनाई दी और अमेरिकन ऑपरेशन सेंटर का फ़ोन संपर्क उससे टूट गया."

"ठीक 8 बजकर 46 मिनट पर AA फ़्लाइट 11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर में 93 से 99 वीं मंज़िल के बीच टकराई. जहाज़ में मौजूद क़रीब 10000 गैलन जेट ईंधन उन मंज़िलों में मौजूद फ़र्म फ़्रेड आलगर मैनेजमेंट और मार्श एंड मेग्लेनेन के दफ़्तरों में फैल गया."

चारों तरफ़ आग ही आग
उस समय न्यूयॉर्क अग्निशमन विभाग के प्रमुख जॉज़ेफ़ फ़ाइफ़र के पास ही खड़े हुए थे. बाद में उन्होंने 'द ओनली प्लेन इन द स्काई' के लेखक गैरेट एम ग्राफ़ को बताया, "मेनहटन में ऊँची इमारतों की वजह से आपको जहाज़ों की आवाज़ नहीं सुनाई देती. लेकिन जैसे ही विमान ने उत्तरी टॉवर को हिट किया एक ज़ोर का धमाका हुआ. हम सब की निगाह ऊपर गई. हम सब ने दाँतों तले उँगली दबाते हुए देखा कि विमान ने टावर को टक्कर मार दी है."

उसी समय न्यूयॉर्क पुलिस विभाग में काम कर रहे सार्जेंट माइक मेकगवर्न को भी धमाका सुनाई दिया.

उन्होंने रेडियो पर संदेश भेजा, "अभी अभी एक 767 विमान ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर में टक्कर मारी है."

जैसे ही पुलिस प्रमुख जो इसपोसिटो ने ये संदेश सुना, उन्होंने सार्जेंट मेकगवर्न से पूछा, "तुम्हें कैसे पता कि वो विमान 767 था?"

81वीं मंज़िल में बैठे बैंक ऑफ़ अमेरिका के जीन पॉटर को इतनी ज़ोर से धक्का लगा कि वो अपनी कुर्सी से गिर गए. बाद में उन्होंने बताया कि "पूरी बिल्डिंग बुरी तरह से हिलने लगी और हर तरफ़ धुँआ भर गया."

90वीं मंज़िल में पास कंसल्टिंग ग्रुप के कंसेलटेंट रिचर्ड ऐकन ने याद किया, "मैंने अपने बाँए कंधे की ओर देखा कि एक एशियाई मूल का व्यक्ति मेरी तरफ़ तेज़ी से दौड़ता चला आ रहा है. ऐसा लग रहा था जैसे उसे डीप फ़्राई कर दिया गया हो. उसकी बाहें फैली हुई थीं और उसकी खाल सीवीड की तरह लटक रही थी. वो 'हेल्प मी, हेल्प मी' चिल्लाते हुए मेरे पैरों के बीचों-बीच गिर गया था. उसने वहीं पर दम तोड़ दिया. तभी मैंने देखा कि मेरी पूरी कमीज़ ख़ून से सनी हुई थी."

दूसरे विमान ने भी टक्कर मारी
17 मिनट बाद 9 बजकर 3 मिनट पर हाइजैक किए गए एक और विमान फ़्लाइट 175 ने वर्ल्ड ट्रेट सेंटर के दक्षिणी टावर को हिट किया. 1 घंटे 42 मिनट के अंदर 110 मंज़िल ऊँची दोनों इमारतें धराशाई हो गईं.

एक और विमान ने पेंटागन के पश्चिमी छोर पर हमला किया जिससे भवन का एक हिस्सा ढह गया. यूनाइटेड एयरलाइंस की फ़्लाइट नंबर 93 को भी हाइजैक करने की कोशिश की गई लेकिन विमान में सवार यात्रियों ने वो कोशिश नाकामयाब कर दी. 10 बजकर 3 मिनट पर वो विमान पेंसिलवेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी लोग मारे गए.

अंतरिक्ष से भी धुआँ उठता दिखाई दिया
उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश फ़्लोरिडा में थे. उनको जब ये सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत राजधानी वॉशिंगटन पहुंचने की मंशा जताई. उस समय व्हाइट हाउस में मौजूद उनकी सुरक्षा सलाहकार कोंडालिजा राइस ने उन्हें सलाह दी कि वो जहां हैं वहीं रहें.

उस समय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री फ़्रैंक कुलबर्टसन अकेले अमेरिकी थे जो इस धरती पर न होकर अंतरिक्ष में थे. 11 सितंबर को इस सबसे बेख़बर उन्होंने पृथ्वी पर फ़्लाइट सार्जेंट स्टीव हार्ट से संपर्क कर पूछा कि वहाँ सब ठीक तो है.

उस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन कनाडा के ऊपर से गुज़र रहा था. बाद में कमाँडर फ़्रैंक कुलबर्टन ने लिखा, "थोड़ी देर बाद जब मैं न्यूयॉर्क शहर से 400 किलोमीटर दूर ऊपर से गुज़रा तो मैंने देखा कि वहाँ से उठता काला धुआँ साफ़ दिखाई दे रहा है. जब मैंने अपने कैमरे को ज़ूम किया तो मैंने पाया कि पूरा मैनहटन का इलाका धुएं से भरा हुआ था. मेरी आँखों के सामने ही दूसरा टावर धराशाई हुआ. अपने देश पर हमला होते देखना बहुत भयावह था."

"मैं जब दूसरी बार अमेरिका के ऊपर से गुज़रा तो मैंने पाया कि अमेरिकी वायुसीमा में पूरी शाँति थी. सभी विमानों को ज़मीन पर उतर जाने के लिए कहा गया था. एक भी विमान हवा में नहीं था सिवाए एक विमान के."

ये विमान था एयरफ़ोर्स वन जिसमें राष्ट्रपति बुश सवार थे और वो अपने सलाहकारों की सलाह के विपरीत वाशिंगटन डीसी की तरफ़ बढ़ रहे थे. (bbc.com)

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