अंतरराष्ट्रीय
तालिबान के लिए प्रवक्ता के तौर पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में बात करने वाले सुहैल शाहीन ने मुल्ला बरादर अखुंद के हवाले से उनके ज़ख़्मी होने या मारे जाने की ख़बर को ख़ारिज किया है.
सुहैल शाहीन ने ट्वीट कर दावा किया, ''इस्लामिक अमीरात ऑफ अफ़ग़ानिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने वॉइस मैसेज में उन दावों को ख़ारिज किया है, जिनमें एक संघर्ष में उनके मारे जाने या ज़ख़्मी होने की बात कही जा रही थी. उन्होंने कहा है कि यह पूरी तरह से झूठी और बेबुनियाद ख़बर है.''
अफ़ग़ानिस्तान की कमान अपने हाथ में लेने के बाद तालिबान ने सात सितंबर को मुल्ला बरादर को उप-प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी. तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद सरकार के मुखिया यानी प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी.
साल 2010 से लेकर 2018 तक पाकिस्तान की जेल में रहने वाले बरादर ने तालिबान और अमेरिकी सरकार के बीच समझौते में अहम भूमिका निभाई थी.
साल 2010 में पाकिस्तान ने बरादर को कराची में गिरफ़्तार कर लिया और अगले 8 साल तक नहीं छोड़ा था. कहा जाता है कि मुल्ला बरादर पाकिस्तान की पसंद नहीं थे, इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी नहीं मिली.
तालिबान के एक और प्रवक्ता डॉ एम. नईम ने मुल्ला बरादर को उस वॉइस मैसेज को ट्विटर पर पोस्ट किया है.
मुल्ला बरादर ही 2019 से दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का नेतृत्व कर रहे थे और अंतरराष्ट्रीय वार्ता भी इन्हीं के नेतृत्व में चल रही थी.
मार्च 2020 में बरादर ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फ़ोन पर बात की थी. इसे डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाल ही में स्वीकार किया है. कहा जा रहा था कि मुल्ला बरादर के पास ही अफ़ग़ानिस्तान की नई सरकार की कमान होगी, लेकिन ये भी कहा जा रहा था कि पाकिस्तान उन पर भरोसा नहीं करता है इसलिए मुश्किल है. (bbc.com)