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भारत से नेपाल पहुंची पहली निजी कार्गो ट्रेन
16-Sep-2021 8:20 AM
भारत से नेपाल पहुंची पहली निजी कार्गो ट्रेन

काठमांडू, 15 सितम्बर| नेपाल-भारत रेलवे सेवा समझौते में संशोधन के दो महीने बाद निजी क्षेत्र की मालगाड़ी भारत से पहली बार बुधवार को नेपाल पहुंची। यह नौ जुलाई को नेपाल और भारत के बीच रेल सेवा समझौते में संशोधन के बाद संभव हुआ है, जिसमें 17 साल के अंतराल के बाद भारतीय कंटेनरों का एकाधिकार टूट गया है।

नेपाल के सीमावर्ती शहर बीरगंज में बुधवार सुबह मालगाड़ी पहुंची। नेपाल इंटरमॉडल ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कमेटी के अनुसार, हिंद टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड की एक रैक कार्गो ट्रेन सुबह 10 बजे बीरगंज स्थित ड्राई पोर्ट पर पहुंची।

17 साल पुराने रेलवे सेवा समझौते में संशोधन ने उन बाधाओं को दूर कर दिया है, जिनका नेपाल लंबे समय से सामना कर रहा था, खासकर इसे भारतीय रेलवे माल सेवाओं के माध्यम से माल के आयात और निर्यात को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

भारत और नेपाल के बीच रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए नए समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के तहत दोनों देशों के सभी निजी कार्गो ट्रेन ऑपरेटर अब एक-दूसरे के रेल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे। अभी तक यह कार्य केवल सरकारी कंपनी कोनकोर ही करती थी। समझौते के तहत दोनों देश किसी तीसरे देश में माल के निर्यात या आयात के लिए भी रेल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे।

नेपाल के निर्यातक निजी ट्रेन के जरिए अपना माल भारतीय बंदरगाहों तक पहुंचा सकेंगे। भारत और नेपाल के बीच रेल संपर्क समझौता 2004 में हुआ था, मगर उसके बाद कई मौकों पर इसमें संशोधन होता रहा है। समझौते में हर पांच वर्ष में समीक्षा का प्रावधान है, ताकि उसमें आवश्यकता के अनुसार बदलाव किए जा सकें। उम्मीद जताई जा रही है कि ताजा समझौते से दोनों देशों के रेल नेटवर्क के विकास में मदद मिलेगी और उसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी भी होगी।

समझौता भारत की रेलवे माल सेवाओं को रक्सौल/बीरगंज के अलावा अन्य सीमा बिंदुओं से माल लाने और माल लेने की अनुमति देता है।

समिति के कार्यकारी निदेशक आशीष गजुरेल ने बताया कि हल्दिया से खाद्य उत्पादों के 90 कंटेनर लेकर ट्रेन बुधवार को ड्राई पोर्ट पर पहुंची। उन्होंने साझा किया कि हिंद टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड सप्ताह में दो बार कार्गो आयात करेगा, जबकि अन्य चार कंपनियों ने भी कार्गो परिवहन में अपनी रुचि दिखाई है।

परिवहन के लिए कार्गो कंपनियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है क्योंकि निजी क्षेत्र द्वारा प्रबंधित कार्गो ट्रेनों को इसके लिए अनुमति दी गई है।

2004 में नेपाल और भारत के बीच हस्ताक्षरित रेलवे सेवा समझौते ने भारतीय रेलवे के एक सहयोगी संगठन, भारतीय कंटेनर निगम का एकाधिकार स्थापित किया था।

जिस तरह से नेपाल और भारत अधिक सीमा पार रेलवे नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं, विशेषज्ञों और अधिकारियों ने कहा है कि इस समझौते ने नेपाल-भारत व्यापार और पारगमन क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते खोले हैं।

संशोधित रेलवे सेवा समझौते का एक अन्य प्रमुख पहलू यह है कि सभी प्रकार के वैगन, जो भारत के भीतर भारतीय रेलवे नेटवर्क पर माल ढुलाई कर सकते हैं, वे भी नेपाल से माल ढो सकते हैं। पहले यह सुविधा केवल कुछ प्रकार के वैगनों तक ही सीमित थी।

अधिकारियों के अनुसार, उदारीकरण विशेष रूप से ऑटोमोबाइल के लिए परिवहन लागत को कम करेगा, जो विशेष वैगनों पर ले जाया जाता है, जो 2004 के रेलवे सेवा समझौते में सूचीबद्ध नहीं थे, क्योंकि वे तब मौजूद नहीं थे। (आईएएनएस)

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