राष्ट्रीय
गूगल ने दिल्ली हाई कोर्ट में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. कंपनी के खिलाफ चल रही आयोग की जांच की रिपोर्ट मीडिया में लीक हो गई थी.
गूगल के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की एकाधिकार व्यापार विरोधी जांच की रिपोर्ट लीक हो जाने की खबरों के बाद कंपनी ने आयोग के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है. अमेरिकी कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने यह कदम "गोपनीय निष्कर्षों को गैर कानूनी तरीके से बाहर आने से रोकने के लिए" उठाया है.
कंपनी ने कहा कि यह "विश्वास भंग खुद की प्रतिरक्षा करने की उसकी क्षमता को कमजोर करता है और कंपनी को और उसके साझेदारों ना नुकसान करता है, इसलिए वो इसका विरोध कर रही है."
प्रभुत्व का दुरुपयोग
गूगल ने बयान में यह भी कहा, "हमने पूरी तरह से सहयोग किया और पूरी जांच प्रक्रिया के दौरान गोपनीयता बना कर रखी और हम उसी स्तर की गोपनीयता की उम्मीद भी करते हैं."
सीसीआई ने तुरंत इस कानूनी चुनौती पर अपनी प्रतिक्रिया देने के अनुरोध का जवाब नहीं दिया था. गूगल के एक प्रवक्ता ने इन सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया कि क्या कंपनी ने सीसीआई की रिपोर्ट के मीडिया कवरेज पर रोक के आदेश की मांग की है.
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि गूगल ने भारत में अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग किया था और अपनी "विशाल वित्तीय ताकत" का इस्तेमाल प्रतियोगियों को गैर कानूनी रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए किया था.
गूगल ने पिछले सप्ताह कहा था कि वो सीसीआई के साथ काम करने की प्रतीक्षा कर रहा है ताकि वो "दिखा सके कि कैसे एंड्रॉइड की वजह से प्रतिस्पर्धा और बढ़ी है, ना कि कम हुई है."
प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन
सीसीआई ने यह जांच 2019 में शुरू की थी और कहा था कि ऐसा लग रहा है कि गूगल ने अपने प्रभुत्व का फायदा उठा कर मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के लिए उसके ऑपरेटिंग सिस्टम के अलग अलग संस्करणों के इस्तेमाल की क्षमता को कम किया.
आयोग का यह भी कहना था कि गूगल ने मोबाइल कंपनियों को गूगल के ही ऐप पहले से इंस्टॉल करने के लिए मजबूर भी किया. आयोग ने बाद में 750 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ऐपों को पहले से इंस्टॉल करने के लिए मजबूर करना "उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर अनुचित शर्त लागू करने के बराबर है" जो भारत के प्रतिस्पर्धा कानून के खिलाफ है.
रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन उसमें यह भी कहा गया है कि गूगल ने अपने प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए प्ले स्टोर नाम के अपने ऐप स्टोर की स्थिति का फायदा उठाया. (dw.com)
सीके/एए (रॉयटर्स)