अंतरराष्ट्रीय
तेल संपन्न खाड़ी देशों के विदेश मंत्री सोमवार को पांच दिवसीय दौरे पर चीन की राजधानी बीजिंग पहुंच रहे हैं.
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन के पड़ोसी देश कज़ाख़स्तान में अस्थिरता पैदा हो गई है और इससे चीन की ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंताएं जताई गई हैं.
सऊदी अरब, कुवैत, ओमान और बहरीन के अधिकारियों समेत गल्फ़ कॉपरेशन काउंसिल के महासचिव नायेफ़ बिन फ़लाह अल-हजराह शुक्रवार तक चीन में रहेंगे.
तेल और गैस संपन्न कज़ाख़स्तान में अस्थिरता पर चीन ने चिंताएं जताई हैं जहां पर उसका ऊर्जा उद्योग में अच्छा ख़ासा निवेश है.
कज़ाख़स्तान में हिंसा के बाद तनाव है
यह दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के अफ़्रीका, मालदीव और श्रीलंका के ताबड़ोतड़ दौरों के दौरान हो रहा है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने खाड़ी देशों के मंत्रियों के दौरे की अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. यह अपनी तरह का पहला दौरा है और उम्मीद की जा रही है कि बीजिंग के साथ ऊर्जा संबंध मज़बूत करने पर चर्चा होगी.
खाड़ी देशों के साथ चीन ने हाल में अपने संबंधों को मज़बूत किया है. 2014 में शी जिनपिंग ने कहा था कि उनका उद्देश्य इस क्षेत्र के साथ 2023 तक व्यापार दोगुने से अधिक करना है.
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इस दौरे से चीन-GCC के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर ‘बड़ी सफलता’ मिल सकती है. (bbc.com)