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आभासी दुनिया में यौन-उत्पीड़न रोकने की पहल, मेटा ने जारी किया 'पर्सनल बाउंड्री' फीचर
07-Feb-2022 12:47 PM
आभासी दुनिया में यौन-उत्पीड़न रोकने की पहल, मेटा ने जारी किया 'पर्सनल बाउंड्री' फीचर

सोशल मीडिया साइट फेसबुक चलाने वाली कंपनी मेटा ने कहा है कि वह एक ऐसा नया फीचर शुरू कर रही है, जिसके जरिए वर्चुअल रिएलिटी में लोग एक दूसरे से निश्चित दूरी बनाए रख सकेंगे.

  डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-

मेटा ने नया ‘पर्सनल बाउंड्री' फीचर शुरू किया है जिसके जरिए वर्चुअल रिएलिटी में लोग एक दूसरे की निजी सीमा में ना जा सकें. कंपनी का कहना है कि मेटावर्स में ग्राहकों की सुरक्षा और यौन उत्पीड़न जैसी चिंताओं के मद्देनजर यह नया फीचर पेश किया गया है.

‘पर्सनल बाउंड्री' का फीचर ऐसा अहसास कराएगा कि लोगों के वर्चुअल अवतार एक दूसरे से करीब चार फुट दूर हैं. यह फीचर वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट के जरिए होराइजन वर्ल्ड्स और होराइजन वेन्यूज आदि ऐप्स में इस्तेमाल हो सकेगा.

अनचाहा संपर्क बंद
एक ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने कहा कि यह एक डिफॉल्ट सेटिंग होगी जो ग्राहकों के बीच अनचाही नजदीकी को सीमित कर देगी और लोगों के लिए किसी की निजता का सम्मान संभव हो पाएगा. बहुत से ग्राहकों ने ऐसी चिंताएं जाहिर की थीं कि वर्चुअल वर्ल्ड में लोग अपने अवतारों के जरिए एक दूसरे की निजता को भंग करते हुए उनके बेहद करीब जा सकते हैं. कुछ लोगों इसके जरिए यौन उत्पीड़न होने के खतरों के प्रति भी चिंता जताई थी.

फेसबुक इंक ने पिछले साल ही अपना नाम बदलकर मेटा रख लिया था और कहा था भविष्य के इंटरनेट को ध्यान रखते हुए कंपनी अब मेटावर्स में निवेश करना चाहती है. दुनियाभर की तकनीकी कंपनियां इस वक्त मेटावर्स में ही भविष्य खोज रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भविष्य का इंटरनेट हो सकता है, जिसमें वर्चुअल रिएलिटी और अन्य तकनीकों की मिश्रण कर संवाद यानी एक दूसरे से बातचीत एक अलग स्तर पर पहुंच जाएगी.

क्या है मेटावर्स?
आप यूं समझिए कि इंटरनेट जिंदा हो जाए तो क्या होगा. यानी जो कुछ भी वर्चुअल वर्ल्ड में, स्क्रीन के पीछे हो रहा है, वह एकदम आपके इर्द गिर्द होने लगे. यानी आप स्क्रीन को देखेंगे नहीं, उसके भीतर प्रवेश कर जाएंगे.

इस रूप में देखा जाए तो कल्पना की कोई सीमा नहीं है. मिसाल के तौर पर अब आप वीडियो कॉल करते हैं. मेटावर्स में आप वीडियो कॉल के अंदर होंगे. यानी आप सिर्फ एक दूसरे को देखेंगे नहीं, उसके घर, दफ्तर या जहां कहीं भी हैं, वहां आभासी रूप में मौजूद होंगे. और यह सिर्फ एक मिसाल है.

ऑनलाइन होने वाली हर गतिविधि को आप इसी संदर्भ में देख सकते हैं. भविष्य की तकनीक पर निगाह रखने वाली विक्टोरिया पेटरॉक कहती हैं कि इसमें शॉपिंग से लेकर सोशल मीडिया तक सारी ऑनलाइन एक्टविटीज शामिल होंगी. पेटरॉक के शब्दों में, "संपर्क का यह अगला स्तर है, जहां सारी चीजें एकसाथ एक आभासी दुनिया का हिस्सा बन जाएंगी. तो जैसे आप असल जिंदगी जीते हैं, वैसे ही वर्चुअल जिंदगी जिएंगे.”

कैसे काम करेंगे नए फीचर
मेटा ने कहा है कि नया फीचर पहले से मौजूद ‘हस्त-उत्पीड़न उपायों' का नया स्तर होगा. अब यदि कोई व्यक्ति अपने अवतार के जरिए अपने हाथों को अन्य अवतार के नजदीक लेकर जाता है तो वे हाथ गायब हो जाते हैं. मेटा ने ‘सुरक्षित क्षेत्र' या सेफ जोन फीचर भी दिया हुआ है जिसमें लोग अगर किसी तरह का खतरा महसूस करें तो अपने चारों ओर एक गोला बना सकते हैं.

मेटा के लिए होराइजन के उपाध्यधक्ष विवेक शर्मा ने ब्लॉग में कहा कि कंपनी मानती है कि नए फीचर लोगों के लिए व्यवहार के नए मानक स्थापित करने में मददगार साबित होंगे. उन्होंने कहा, "यह एक जरूरी कदम है. और इसके अलावा भी अभी बहुत कुछ करना बाकी है. हम ऐसे नए रास्ते तलाशना जारी रखेंगे जिनके जरिए वीआर में लोगों को सहज महसूस करवाया जा सके.”

उन्होंने कहा कि भविष्य में लोगों को अपने निजी क्षेत्र की सीमा कम या ज्यादा करने का विकल्प देने पर भी विचार किया जा सकता है. फिलहाल तो अन्य अवतारों के साथ हाई-फाइव या फिस्ट-बंप करने के लिए लोगों को हाथ ही बढ़ाना होगा. (dw.com)
 

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