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उत्तरी सागर में 1980 के दशक के बाद से प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट
02-Mar-2022 12:47 PM
उत्तरी सागर में 1980 के दशक के बाद से प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट

बर्लिन, 2 मार्च| उत्तरी सागर में अकार्बनिक और जैविक प्रदूषकों से प्रदूषण 1980 के दशक के बाद से काफी कम हो गया है। ये जानकारी जर्मनी की फेडरल मैरीटाइम एंड हाइड्रोग्राफिक एजेंसी (बीएसएच) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन से सामने आई है। बीएसएच ने मंगलवार को कहा, "समुद्री पर्यावरण की निगरानी से पता चलता है कि कुछ प्रदूषकों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनी नियम किस हद तक हानिकारक पदार्थो को समुद्र में प्रवेश करने से रोकते हैं।"

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सरकारी एजेंसी के हवाले से बताया कि हालांकि, अध्ययन में ऐसे नए पदार्थ भी मिले जो समुद्री पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। प्रतिबंधित पदार्थो की रासायनिक संरचना में छोटे बदलाव भी उन्हें फिर से वैध बनाने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं।

यह अध्ययन बीएसएच, हेल्महोल्ट्ज-जेंट्रम हिरॉन और विश्वविद्यालयों एचएडब्ल्यू हैम्बर्ग और आरडब्ल्यूटीएच आचेन के एक शोध समूह द्वारा आयोजित किया गया। इसने उत्तरी सागर से कोर में 90 अकार्बनिक और कार्बनिक प्रदूषकों का विश्लेषण किया।

बीएसएच ने कहा कि सैंपल के आधार पर, "पिछले 100 सालों में परतों में विभिन्न प्रदूषकों की उच्च सांद्रता के साथ कई प्रदूषण का पता लगाया जा सकता है। इनमें पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल (पीसीबी) का एक समूह शामिल है, जिसे 1979 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।"

अध्ययन के अनुसार, साल 1929 से प्रतिबंध तक पीसीबी, जहरीले कार्बनिक क्लोरीन यौगिकों का उपयोग पेंट और सीलेंट में सॉफ्टनर के रूप में किया गया। प्रतिबंध से ठीक पहले की अवधि में पीसीबी का भार सबसे अधिक था। (आईएएनएस)

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