अंतरराष्ट्रीय
फ़लस्तीनी क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार दफ़्तर के प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने नासेर अस्पताल में मिले शवों के हाथ बंधे होने के पुख़्ता सबूत नहीं देखे हैं.
बीबीसी से बात करते हुए अजीत संघे ने कहा है कि उन्होंने हाथ बंधे हुए शवों की तस्वीरें ज़रूर देखी हैं लेकिन सिर्फ़ इससे उस स्तर के सबूत नहीं मिलते हैं जिनके आधार पर संयुक्त राष्ट्र ये कह सके कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है.
फ़लस्तीनी सिविल डिफ़ेंस एजेंसियों का कहना है कि उन्होंने ग़ज़ा के ख़ान यूनिस इलाक़े के नासेर अस्पताल से तीन सौ से अधिक शव बरामद किए हैं.
इन शवों को एक सामूहिक क़ब्र में दफ़नाया गया था.
नासेर अस्पताल की घेराबंदी के बाद इसराइली सैन्य बलों ने इस पर क़ब्ज़ा कर लिया था. इसराइली बलों के यहां से जाने के बाद अस्पताल परिसर में मिली एक सामूहिक क़ब्र में ये शव मिले हैं.
फ़लस्तीनियों ने इसराइल पर युद्ध अपराध के आरोप लगाये हैं. वहीं, इसराइल ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि इसराइली सैन्य बलों ने यहां कुछ भी ग़लत नहीं किया है.
इसी सप्ताह जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा था कि वह नासेर अस्पताल में मिले शवों को लेकर परेशान हैं.
मानवाधिकार कार्याल के प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा है कि नासेर अस्पताल की घटनाओं की स्वतंत्र जांच की ज़रूरत है. (bbc.com/hindi)