अंतरराष्ट्रीय

यूक्रेन की जंग के बारे में क्या दिखा रहे हैं रूसी चैनल?
03-Mar-2022 9:15 AM
यूक्रेन की जंग के बारे में क्या दिखा रहे हैं रूसी चैनल?

-सिमोना क्रालोवा और सैंड्रो वेत्सको

एक मार्च यानी मंगलवार की रात (भारतीय समयानुसार) साढ़े दस बजे रूस के टेलीविज़न पर सरकारी मीडिया जो पेश कर रहा था वो वास्तविकता से परे कवरेज़ का एक बेहतरीन उदाहरण था.

जब बीबीसी वर्ल्ड टीवी ने अपने बुलेटिन की शुरुआत कीएव में एक टीवी टावर पर हुए हमले से की तो रूसी टीवी इस बात की घोषणा कर रहा था कि अपने शहरों पर हमलों के लिए यूक्रेन ही ज़िम्मेदार है.

अब सवाल ये उठता है कि रूस में टेलीविज़न देखने वाले लोग इस युद्ध के बारे में क्या देख रहे हैं? समाचारों के माध्यम से वो क्या सुन रहे हैं?

इस लेख में हम वो बताने जा रहे हैं, जो 01 मार्च 2022 को रूस की आम जनता ने वहां की सरकार या उसके कॉरर्पोरेट सहयोगियों के नियंत्रण वाले विभिन्न टीवी चैनलों पर देखा.

रूस में सरकारी नियंत्रण वाले मशहूर चैनलों में से एक चैनल वन पर ब्रेकफास्ट न्यूज़ अन्य देशों की ही तरह सामान्य ख़बरों, संस्कृति और हल्के फुल्के मनोरंजन के मिले-जुले स्वरूप से अलग नहीं होता है. लेकिन मंगलवार की सुबह मॉस्को के समय के मुताबिक 05:30 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे) प्रसारण का ये क्रम बाधित हुआ.

एंकर ने कहा कि टीवी कार्यक्रम ताज़ा ख़बरों की वजह से बदला जा रहा है और आगे इस प्रोग्राम में समाचार ही प्रसारित होंगे. अनुभवहीन दर्शकों को गुमराह करने के लिए तैयार किए गए न्यूज़ बुलेटिन में बताया गया कि यूक्रेन की सेना के रूसी सेना को पहुंचाए गए नुकसान की ख़बरें ग़लत हैं.

एंकर दर्शकों को ये बताते हैं कि "इंटरनेट पर वो फ़ुटेज फ़ैलाई जा रही हैं जिसे फ़ेक के अलावा कुछ और नहीं कहा जा सकता." इसके बाद एक तस्वीर के माध्यम से उसे 'मामूली वर्चुअल हेरफेर' बताया जाता है.

फिर (मॉस्को के समयानुसार) सुबह 8 बजे हमने एनटीवी का सुबह का बुलेटिन देखा, जो कि क्रेमलिन के नियंत्रण वाले गज़प्रोम की एक सहायक कंपनी का है.

उस पर अधिकांश ख़बरें डोनबास की घटनाओं पर केंद्रित थीं, 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर हमले से पहले, पुतिन ने कहा था कि वो यूक्रेन को नाज़ियों से मुक्त कराने के लिए सैन्य अभियान छेड़ रहे हैं.

हैरानगी की बात है कि कई मील लंबे उस सैन्य काफ़िले की किसी भी समाचार में चर्चा तक नहीं थी जो बेलारूस से यूक्रेन की राजधानी कीएव की तरफ़ बढ़ रही थी. जबकि आधे घंटे बाद ही बीबीसी रेडियो-4 के न्यूज़ बुलेटिन में उसके बारे में बताया जा रहा था.

एनटीवी के प्रस्तुतकर्ता ने कहा, "हम डोनबास की ताज़ा ख़बरों से शुरुआत कर रहे हैं. लुहान्स्क पीपल्स रिपब्लिक (एलएनआर) के लड़ाके अपना आक्रमण जारी रख रहे हैं और तीन किलोमीटर आगे बढ़ गए हैं, जबकि दोनेत्स्क पीपल्स रिपब्लिक (डीएनआर) की यूनिट 16 किलोमीटर बढ़ चुकी है."

प्रस्तुतकर्ता रूस समर्थित विद्रोहियों का ज़िक्र कर रहे थे जो 2014 यानी आठ साल पहले यूक्रेन में रूस के हस्तक्षेप के बाद से लुहान्स्क और दोनेत्स्क में मौजूद हैं.

रूस से दो सबसे अधिक लोकप्रिय चैनल रोसिया 1 और चैनल वन पर डोनबास क्षेत्र में यूक्रेन की सेना पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया जा रहा है.

रोसिया 1 के प्रस्तुतकर्ता कहते हैं, "यूक्रेनियों को ख़तरा रूसी सेना से नहीं बल्कि ख़ुद उनके अपने राष्ट्रवादियों से है."

"वो नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जानबूझ कर रिहाइशी इलाकों को हमले का निशाना बनवा रहे हैं जिससे डोनबास के शहरों में गोलीबारी बढ़ रही है."

चैनल 1 के प्रस्तुतकर्ता बता रहे हैं कि यूक्रेन की सेना अपने नागरिकों और रूस की सेना को उकसा रहे हैं.

रूस के चैनलों पर यूक्रेन की घटनाओं को युद्ध नहीं बताया जा रहा है. इसे वो यूक्रेन का सैन्यीकरण बंद करने और एक गणराज्य की रक्षा करने के लिए चलाया गया अभियान बता रहे हैं.

चैनल बार-बार बता रहा है कि यूक्रेन में सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया जा रहा है.

सरकारी नियंत्रण वाले टीवी पर प्रस्तुतकर्ता और संवाददाता भावनात्मक भाषा और तस्वीरें दिखा रहे हैं, इसे जर्मनी के ख़िलाफ़ सोवियत संघ की लड़ाई या यूक्रेन में रूस के विशेष अभियान से जोड़ते हुए दिखाया जा रहा है.

रोसिया 1 के चैनल रोसिया 24 पर सुबह के एक बुलेटिन में बताया गया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद उन राष्ट्रवादियों ने अपनी चाल नहीं बदली है जो बच्चों को अपना ढाल बनाया करते थे.

एक संवाददाता टीवी प्रसारण में कहते हैं, "वे फासीवादियों की तरह व्यवहार करते हैं. नियो नाज़ियों ने न केवल अपने सैन्य उपकरणों को रिहाइश के पास रखा है बल्कि बेसमेंट में बच्चों के पास भी रखा है."

यूक्रेन पर आरोप
रूसी टीवी चैनल, देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन अपुष्ट दावों को दोहरा रहा है जिनमें बीते हफ़्ते उन्होंने कहा था कि यूक्रेन महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों को मानव ढाल बना रहा है.

पश्चिम में मीडिया कह रहा है कि पुतिन की सेना को तेज़ी से आगे बढ़ने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन रूसी टीवी पर रूस के अभियान को बहुत सफल बताया जा रहा है.

लगातार यूक्रेन के हथियार और हार्डवेयर नष्ट को किए जाने के बारे में ख़बरें दी जा रही हैं. बताया जा रहा है कि 1,100 से अधिक सैन्य ढांचों को और सैकड़ों की संख्या में हार्डवेयर को नष्ट किया जा चुका है.

किसी भी चैनल पर ये नहीं बताया जा रहा कि अभियान में रूसी सेना के कितने लोग हताहत हुए हैं.

रूसी चैनलों पर सुबह की ख़बरों में यूक्रेन के अन्य हिस्सों में उसकी सेना की कार्रवाई के बारे में बताया जा रहा है. सरकारी टीवी संवादताता कीएव या ख़ारकीएव से ग्राउंड रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं. बल्कि वो अपनी सेना के साथ डोनबास से रिपोर्ट कर रहे हैं.

आखिर दोपहर के समाचार में एनटीवी ने उस बात का ज़िक्र किया कि जो बीबीसी ने अपने घंटों के कवरेज़ में बताया था, कि ख़ारकीएव के शहर पर गोलाबारी की गई है.

हालांकि रूसी चैनल ये ख़बर चला रहे हैं कि इस हमले के लिए रूसी सेना को ज़िम्मेदार ठहराना एक फ़ेक न्यूज़ है. चार घंटे बाद रोसिया 1 ने बताया कि यूक्रेन की सेना ख़ुद उसके लिए ज़िम्मेदार है.

चैनल ने सवाल उठाया कि "ख़ारकीएव पर हमला करके ये कहना कि रूस ने किया, गलत है. यूक्रेन ख़ुद पर प्रहार कर रहा है और पश्चिम के देशों को झूठ बोल रहा है. लेकिन क्या लोगों को गुमराह करना इतना आसान है?"

शाम पांच बजे के बुलेटिन में रोसिया-1 ने बताया कि यूक्रेन में रूस का मुख्य उद्देश्य क्या है, "पश्चिम के ख़तरे के ख़िलाफ़ रूस की रक्षा करना, जो मॉस्को के साथ अपने गतिरोध में यूक्रेन के लोगों का उपयोग कर रहा है."

यूक्रेन को लेकर रूस में जो तथाकथित फ़ेक न्यूज़ और अफ़वाहें बताई जा रही हैं उससे मुक़ाबला करने के लिए रूसी सरकार एक नई वेबसाइट शुरू कर रही है जहां केवल "सही सूचनाएं" ही पब्लिश किए जाने का दावा किया जा रहा है.

टीवी चैनलों को आधिकारिक वर्ज़न के लिए मीडिया वॉचडॉग रोसकोम्नाज़ॉर की ज़रूरत होती है.

लेकिन ऐसा भी नहीं कहा जा सकता की मंगलवार को वहां के प्रसारण में कोई विविधता नहीं थी. न्यूज़ बुलेटिन में जहां यूक्रेन में युद्ध अपराधों की बात की गई वहीं चैनल वन टीवी करेंट अफेयर्स टॉक शो द ग्रेट गे में क्रेमलिन समर्थक व्याचेस्लाव निकोनोव ने कार्यक्रम ख़त्म करने से पहले यूक्रेन के प्रति अपनी मोहब्बत के बारे में बताया.

"मैं यूक्रेन से बहुत प्यार करता हूं, मैं यूक्रेन वासियों से बहुत प्यार करता हूं. मैं कई बार वहां जा चुका हूं. ये वाकई एक शानदार देश है. और मुझे लगता है कि रूस निश्चित रूप से उसे समृद्ध और मित्र राष्ट्र बनाना चाहेगा... हम जीतेंगे."

रोसकोम्नाज़ॉर ने टिक टॉक से नाबालिगों के लिए सैन्य और राजनैतिक कंटेंट को हटाने का सुझाव दिया है.

आरोप है कि इनमें अधिकतर रूस विरोधी कंटेंट हैं. संस्था ने गूगल से रूसी सेना को पहुंचाए गए नुकसान के बारे में रॉयटर्स की तथाकथित ग़लत जानकारी को हटाने की मांग भी की है. साथ ही उसने रूस के ख़ास सैन्य अभियान को लेकर फ़ेक न्यूज़ की आड़ में ट्विटर के लोडिंग स्पीड को भी घटा दिया है और फ़ेसबुक की पहुंच को भी सीमित किया है.

इसने मीडिया संस्थानों से रूस के हमले पर रिपोर्ट करते समय केवल आधिकारिक रूसी स्रोतों का उपयोग करने का निर्देश भी जारी किया है.

साथ ही यह भी मांग की है कि "युद्ध की घोषणा" या "आक्रमण" जैसे शब्दों का उल्लेख न करें उसे हटा दें. इस आदेश पर कार्रवाई नहीं करने की सूरत में उन पर जुर्माना और ब्लॉक तक करने की धमकी दी गई है. एक स्वतंत्र टीवी चैनल Dozhd और लोकप्रिय रेडियो स्टेशन Ekho Moskvy पर तथाकथित ग़लत ख़बरों के प्रसारण को लेकर प्रतिबंध लगा भी दिया गया है.

इस कहानी में फ़्रांसिस स्कार ने भी सहयोग दिया है (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news