अंतरराष्ट्रीय
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों की सरकारों से एक बार फिर अपील की है कि वो यूक्रेन की मदद के लिए लड़ाकू विमान, टैंक और मिसाइल डिफेन्स सिस्टम दें.
देर रात एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि यूरोप की सुरक्षा के लिए जो हथियार बनाए गए हैं वो गोदाम में पड़े धूल खा रहे हैं. ज़ेलेन्स्की ने शिकायत की कि मशीन गनों से वो रूसी लड़ाकू विमान नहीं गिरा सकते.
उन्होंने कहा, "हमारे सहयोगियों के पास हथियार हैं और वो गोदाम में पड़े हैं. ये केवल यूक्रेन की आज़ादी की बात नहीं है, ये पूरे यूरोप की स्वतंत्रता की बात है."
उन्होंने कहा कि यूक्रेन को नेटो का बस एक फ़ीसदी लड़ाकू विमान और एक फ़ीसदी टैंक चाहिए, इससे अधिक हम नहीं मांग रहे. उन्होंने नेटो सदस्यों से पूछा कि क्या वो रूस की धमकियों से डर गए हैं.
ज़ेलेंस्की ने सवाल किया, "यूरो-अटलांटिक इलाक़े में रहने वालों के लिए ज़िम्मेदार कौन है? क्या ये ज़िम्मेदारी रूस की होनी चाहिए, वो भी केवल इसलिए कि वो डरा रहा है?"
ज़ेलेंस्की बार-बार कहते रहे हैं कि अगर यूक्रेन पर रूस का क़ब्ज़ा हो गया तो, उसके बाद रूस आगे यूरोप के क्षेत्र में अपने पैर पसारेगा.
वहीं पोलैंड के दौरे पर गए अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेनी सरकार के मंत्रियों से मुलाक़ात की है. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेनी नेताओं से ये उनकी पहली मुलाक़ात है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा कि उन्हें दूसरे मुल्कों से हथियारों की मदद मिल रही है.
उन्होंने कहा, "हथियारों के मामले में यूक्रेन को जितनी मदद अमेरिका से मिली है उनकी किसी और देश से नहीं मिली है. ये बेहद अहम है. ये यूक्रेन के लोगों का जज़्बा है और पश्चिमी देशों के, ख़ासकर अमेरिका के दिए हथियारों की ताकत है जो हमारे लिए जंग के मैदान में सफल साबित होगी. हमें अमेरिका से और हथियारों का आश्वासन मिला है." (bbc.com)