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लड़कियों के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर अफ़ग़ानिस्तान में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है.
काबुल में हुए इस विरोध प्रदर्शन में ज़्यादातर महिलाओं और बच्चियों ने हिस्सा लिया. वो अपने हाथ में तख़्तियां थामे हुए थीं, जिनपर स्कूल खोलने की मांग और ''शिक्षा हमारा अधिकार है'' जैसे नारे लिखे हुए थे.
प्रदर्शनकारियों के इस समूह ने शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया और ''शिक्षा हमारा अधिकार, लड़कियों के लिए दरवाज़े खोलो'' जैसे नारे लगाए.
ये प्रदर्शन तालिबान के सशस्त्र बलों के सामने चल रहा था लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया. तालिबान की तरफ़ से पहले प्रदर्शनों को रोक दिया जाता था और लोगों को हिरासत में ले लिया जाता था लेकिन इस बार प्रदर्शन को चालू रहने दिया गया.
प्रदर्शन में मौजूद एक महिला शिक्षक ने बीबीसी से कहा, ''जब आज़ादी के लिए और जो बच्चियां स्कूल जाना चाहती हैं उनके लिए खड़े होने की बात हो तो मैं मरने के लिए तैयार हूं.''
उन्होंने कहा, ''हम अपनी बच्चियों के शिक्षा के हक़ के लिए यहां हैं, हक़ के बिना तो हम पहले ही मर चुके हैं.''
बीते साल अगस्त में जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा किया था तो लड़कों और लड़कियों के प्राइमरी स्कूलों को खुला रखा गया था लेकिन सेकेंडरी स्कूल की बच्चियों को क्लासरूम में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी.
हाल ही में तालिबान ने सेकेंडरी स्कूल की लड़कियों के लिए भी स्कूल खोलने का एलान किया था लेकिन तालिबान के केंद्रीय नेतृत्व ने इस फ़ैसले को अचानक से पलट दिया.
दरअसल, वहां के शिक्षा मंत्रालय ने एलान किया था कि लड़कियों के स्कूल समेत देश के सभी स्कूल बुधवार को खोले जाएंगे. लेकिन अब कहा गया है, "लड़कियों के सभी स्कूल और वे स्कूल जिनमें लड़कियां पढ़ती हैं, अगले आदेश तक बंद रहेंगे."
नोटिस में कहा गया है कि लड़कियों के लिए यूनिफ़ॉर्म तय करने के बाद ही स्कूल खोले जाएंगे औय ये यूनिफ़ॉर्म, "शरीयत क़ानून और अफ़गानी परंपरा" के मुताबिक़ होगी. लेकिन यूनिफ़ॉर्म का हवाला देकर स्कूल न खोलने के फ़ैसले को लेकर कई परिवार नाराज हैं.
अमेरिका और ब्रिटेन समेत 10 देशों के अधिकारियों ने एक साझा बयान में तालिबान के स्कूल नहीं खोलने के फ़ैसले को परेशान करने वाला कदम बताया है. (bbc.com)